Author Topic: An appeal to Migrated Uttarakhandi connect with their Soil- प्रवासी उत्तराखंडी ज  (Read 5066 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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  दोस्तों
 
  जैसे की मानव जाति की एक आम प्रवर्ति है जहाँ सुख सुविधा हो वह अपना वसेरा   वही करता है! लेकिन विस्थापन का एक प्रमुख कारण हमारे पहाड़ो से लोगो का   रोजगार रहा है! एक प्रसिद्ध मुहावरा पहाड़ की स्थिति पर बिलकुल सही   चरितार्थ होता है!
 
        "पहाड़ का पानी पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आते"
 
  यानी पहाड़ से देश की राष्ट्रीय नदी नंगा और अन्य प्रमुख नदिया हमारे पहाड़   से निकलती है पर उन नदियों का पानी पहाड़ के लोगो को पीने और सिचाई के लिए   कम ही इस्तेमाल होता है वही दूसरी तरफ पहाड़ के जवान पहाड़ से नौकरी की तलाश   में घर से बहार निकलते है पर फिर इस पहाड़ को वसाने और इस सवारने के लिए   दुबारा नहीं आते!
 
  आज उत्तराखंड एक सबसे बड़ी समस्या से झूझ रहा है वह है पलायन जिस तरफ से   लोगो ने अपने प्राणों की आहुति दी थी उत्तराखंड के निर्माण के लिए कि एक   दिन राज्य बनेगा और सालो से चल रही कहावत "पहाड़ का पानी और पहाड़ की जीवनी   पहाड़ के काम नहीं आती" यह बदलेगा पर एसा नहीं हो सका बल्कि पलायन और भी   पहाड़ से बाद गया! वर्तमान में उत्तराखंड राज्य की जनसँख्या ८० लाख है जिनमे   से मैदानी जिले भी है! अगर केवल पहाड़ के बात की जाय तो स्थिति और भी भयानक   है!
 
  दुसरी तरफ इस धरती से बहुत बड़े-२ महापुरुषों ने जनम लिया है जिन्होंने   राष्ट्रीय एव अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है लेकिन अपने   राज्य के मुख्यधारा पर ये लोग अभी नहीं जुड़ पाए! जिसमे कही सरकार के   उदासीनता रही और कई इन महापुरुषों की अपनी निजी अभिरुचि!
 
  जहाँ आज उत्तराखंड राज्य को अपने ही मिटटी के लोगो की जरुरत है जो अपने -२   क्षेत्रो से योगदान देकर इस राज्य को देश का अग्रिम राज्य बनाने में   महतवपूर्ण योगदान दे सकते है!
 
  मेरापहाड़ प्रवासी उत्तराखंडी लोगो आह्वान करता है कि वे अपने राज्य के नव   निर्माण एव अपनी जनम भूमि कोई सवारने और सजोये रखने के लिए हर संभव प्रयास   करे!
 
  एम् एस मेहता
 

Kanika Bhatt (Devbhoomi)

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so true......however we(Uttrakhandi) are the only reason behind it.
And we sud do smething...........ki pahadka paani aur jawaani waste na jaaye...

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कनिका जी यही हमारा आह्वान है लोग अपनी मिटटी से जरुर जुड़े!

धन्य उत्तराखंड के देवता और गर्मी का! कुछ या तो देवता पूजने और गर्मी से निजात पाने के लिए है अपने जनम भूमि मी जाते है! आज भगवान् के दया दृष्टि से उत्तराखंड के लोग बहुत ही अच्छे जगहों पर कार्यरत है!

उत्तराखंड के देवभूमि से कई उधमी उद्योगपति भी निकले है जिन्होंने अपने मेहनत से बहुत ख्याति पायी है आज उन लोगो लो अपने मिटटी और जनम के विकास के लिए आगे आना चाहिए !

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

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It is the high time that Uttarakhandi should come and support in development of Uttarakhand particularly Industeralists.

Let us join in developing the Uttarakhand state. 

Devbhoomi,Uttarakhand

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पहाड़ के पानी ने तो पहाड़ों की जवानी बुढापे दोनों को बहाकर मैदानों ले गया

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मेरा मानना है पहाड़ के लोगो को आगे आना चाहिए! जिस तरह से इस बार कुदरत ने पहाड़ में कहर मचाया हुवा है!

अपने लिए जिया तो क्या जिया.... कुछ समाज के काम भी जरुर आना चाहिए! यह शुरुवात करनी चाहिए अपने घर से !

मै तो कहुगा जाग uttarakhandi जाग! 

Devbhoomi,Uttarakhand

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प्रवासी उत्तराखंडी ’प्रवासी भी कौन बनाता है इंसान को, ये पापी पेट ही इंसान को सब कुच्छ छोड़ने के लिए मजबूर कर देता है,लेकिन हमें इतना भी मजबूर नहीं होना चाहिए की हम अपनी देवभूमि की जिस मिटटी में हमने जन्म लिया है उसी को भूल जाएँ  !चाहे हम कनिं भी रहें लेकिन हमें अपनी मात्र भूमि से जुडा रहेना चाहिए और अपनी इस देवभूमि को नहीं भूलना चाहिए !

 

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