Author Topic: Save Trees & Plant Trees Initiative by Merapahad-पेड़ बचाओ पेड लगाओ  (Read 91392 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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मानव जीवन में पेड़ पौधों की अहम भूमिका: बागड़ी




   नई टिहरी : गायत्री परिवार के सौजन्य से शुक्रवार को वृक्ष गंगा अभियान शुरू किया गया। इसका शुभारंभ मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल गंभीर सिंह बागड़ी ने नई टिहरी गायत्री शक्ति पीठ परिसर में पौध रोपकर किया।


इस अवसर पर श्री बागड़ी ने कहा कि मानव जीवन में वृक्षों का बड़ा महत्व है इसलिए में न सिर्फ अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करना चाहिए बल्कि उनकी देखरेख भी करनी चाहिए। गायत्री पीठ के डॉ. बीएन जोशी ने बताया कि स्कूली बच्चों के लिए तरू मित्र व वयस्क जनों के लिए तरु बेटा अभियान चलाया जा रहा है।


 उन्होंने बताया कि जनपद में 20 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है जबकि उत्तराखंड में पांच लाख पौधे इस वर्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर उप वनाधिकारी इन्द्रेश उपाध्याय, नत्थीलाल डोभाल, बीपी बधानी, विमला, सरोज आदि उपस्थित थे।


Jagran news

   

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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वारिश का मौसम चल रहा है.. इस मौसम में हमें ज्यादे से ज्यादे पेड़ लगाना चाहिए!

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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We must learn from these people.
 
 
छात्र-छात्राओं ने बंजर भूमि पर रोपे पौधे
Story Update : Saturday, July 30, 2011    12:01 AM
     
[/t][/t] गोपेश्वर। जीआईसी गोदली के छात्र-छात्राओं ने ग्राम पंचायत नौली की करीब 30 नाली बंजर भूमि पर विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपे। छात्रों की मेहनत को पीटीए के साथ ही ग्राम पंचायत ने खूब सराहा।
पर्यावरण प्रेमी और शिक्षक धन सिंह घरिया, प्रदीप बिष्ट और शिवचरण बनवाल की पहल पर छात्रों ने ग्राम पंचायत की बेकार पड़ी भूमि पर बुरांश, देवदार, सुराई और थुनेर के करीब पांच सौ पौधों का रोपण किया। इनके संरक्षण के लिए बाकायदा छात्र-छात्राओं का अलग-अलग सदन बनाया गया है, जो प्रति सप्ताह रोपित पौधों की देखरेख करेंगे।
इसके पश्चात हुई संगोष्ठी में ग्राम प्रधान नौली माहेश्वरी देवी ने कहा कि छात्रों की मेहनत से प्रकृति के स्वरूप को बचाया जा सकता है। इस मौके पर वन और ग्राम पंचायत ने शिक्षक धन सिंह घरिया को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मौके पर सरपंच प्रेम सिंह नेगी, संकुल शिक्षाधिकारी बीएस राणा, गोपाल भंडारी व आललम सैलानी आदि ने विचार रखे।   
http://www.amarujala.com/city/Chamoli/Chamoli-21486-142.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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देवभूमि उत्तराखंड मैं तो कभी भी पेड़ लग जाते हैं लेकिन इस समय बरसात का समय है तो बहुत जल्दी पेड़ लग जाते हैं,बरसात के समय में लगाये पेड़ बहुत जल्दी बड़े होते हैं !

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उत्तरकाशी। गायत्री परिवार मातली द्वारा वृक्ष गंगा अभियान के तहत गांव में 1000 पौध लगाने व उनको संरक्षित रखने के संकल्प के साथ विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर पौधरोपण अभियान शुरू किया गया।

गायत्री परिजनों, रेणुका जूनियर हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों ने मातली गांव में अंबेडकर भवन, पेट्रोल पंप, स्कूल, मंदिर व सड़क किनारे छायादार व फल प्रजाति के पौधे रोपे। गायत्री परिजन संदीप उनियाल ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार ने इस वर्ष 1 करोड़ वृक्ष पनपाने का संकल्प लिया है।


 गायत्री परिवार की मातली शाखा ने भी 1000 पेड़ लगाने का लक्ष्य नियत किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पौध रोपना ही काफी नहीं उसकी देखभाल भी जरूरी है। स्कूली बच्चों ने प्रेरक वाक्यों के साथ ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर हेमलता उनियाल, सुमनलता, विजया बहुगुणा, अनुराधा नौटियाल, नीतू शाह, आरती रावत, चमन लाल, जगजोत कौर, गंगा थापा आदि मौजूद थे।

मातली(उत्तरकाशी) में वृक्षारोपण करते गायत्री परिजन व स्कूली बच्चे।


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पौधे रोपकर लिया संरक्षण का संकल्प
गोपेश्वर। राजकीय उच्च प्रावि कुजौं मैकोट में जणजेश्वर जन विकास समिति के तत्वावधान में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने पौधे रोपकर उनके संरक्षण संकल्प लिया।
छात्रों ने गणजेश्वर शिव मंदिर के चारों ओर सफाई अभियान चलाकर वहां आम, रीठा, आंवला, नीबू, संतरा, माल्टा सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया। गणजेश्वर जन विकास समिति के सचिव ताजबर सिंह भंडारी ने कहा पौधरोपण से जहां पर्यावरण संतुलित रहेगा, वहीं चारों ओर हरियाली भी रहेगी। मौके पर प्रधानाचार्य एमपी खाली, समिति के अध्यक्ष उदय सिंह रावत, सरिता भंडारी आदि ने सहयोग दिया।

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पौधे रोप कर लिया रक्षा का संकल्प
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कर्णप्रयाग ब्लाक के ऐंड गांव की महिला मंगल दल सदस्यों व सामाजिक संस्था दैणी ने रक्षाबंधन के अवसर पर गांव में सघन पौधरोपण कार्यक्रम चलाकर रोपे गए पौधों की सुरक्षा का संकल्प लिया।


महिला मंगल दल की अंशी देवी ने बताया कि गांव में बंजर भूभाग पर फलदार प्रजाति के 500 से अधिक पादपों का रोपण किया गया। इस मौके पर आयोजित बैठक में अनिता देवी, हेमंती देवी, सतेश्वरी, मथुरा, सोणी देवी, सुमन, सुशीला ने कहा कि गांव में हरियाली बनी रहे, इसके लिए महिला मंगल दल पर्यावरण क्षेत्र में कार्य कर रही किसी भी संस्था को अपना सहयोग देंगी।


पौड़ी गढ़वाल: राजकीय इंटर कालेज दोमटखाल एवं वन पंचायत केवर्स के संयुक्त तत्वाधान में विभिन्न प्रजाति के पौधों का सघन रोपण किया गया। केवर्स चौराणियूं तोक में बांज, देवदार, आंवला तथा रीठा आदि के पौधे रोपे गए। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विजय कठैत ने कहा कि रोपे गए पौधों के संरक्षण के भी उपाय किए जाने चाहिए।

 एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी गिरीश चंद्र सिंह रावत ने छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों से पर्यावरण संरक्षण में सामूहिक भागीदारी का आह्वान किया। इस मौके पर मोहन चंद्र घिल्डियाल, बिल्लू देवी, मनवर सिंह आदि मौजूद रहे।

Source Dainik jagran

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वृक्ष ही धरा के सच्चे आभूषण हैं,जीवन में प्रकृति के सही संतुलन के लिए पौधरोपण प्रत्येक व्यक्ति का धर्म है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is a good initiative and should followed in entire Hill area.

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  दैवीय आपदा में ढाल बनेंगे देववृक्ष        Nov 21, 10:42 pm    बताएं                अल्मोड़ा : मध्य हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरणीय व पारिस्थितिक तंत्र को बचाए रखने के लिए वन महकमे ने अब विज्ञान से आध्यात्म की ओर रुख किया है। इसकी शुरुआत अल्मोड़ा रेंज के सिमतोला टॉप में 'नक्षत्र जोन' (वाटिका) विकसित कर की जाएगी। खास बात है, इसमें देवताओं के ऐसे प्रिय पौधे लगाए जाएंगे, जो न केवल ग्रह-नक्षत्रों से जुड़े हैं, बल्कि औषधीय गुणों से लबरेज ये पेड़-पौधे प्राकृतिक प्रकोप से बचाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। अहम पहलू यह कि अल्मोड़ा के 'शीतोष्ण' क्षेत्र में विकसित होने वाले यह देवभूमि के पहले नक्षत्र जोन होंगे।
दरअसल, जीवन से जुड़े 27 नक्षत्र होते हैं जबकि राशियां 12 होती हैं। ढाई नक्षत्र की एक राशि मानी गई है। इन राशियों से रत्‍‌न ही नहीं पर्यावरण व मानव जीवन में अहम पेड़-पौधों का भी गहरा संबंध होता है। जो सकारात्मक गुणों में वृद्धि कर विपरीत कारकों को कम करने का काम करते हैं। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है।
इधर मध्य हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरणीय व पारिस्थितिक संतुलन को कायम रखने के लिए वन महकमा विज्ञानी सोच से इतर शीतोष्ण क्षेत्र के उन पेड़-पौधों के नक्षत्र जोन तैयार करने जा रहा है, जिनका केवल ग्रहों से ही नहीं बल्कि देवताओं से भी गहरा संबंध है।
प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी (आईएफएस) धरम सिंह मीणा के मुताबिक अल्मोड़ा के सिमतोला इको पार्क में शीतोष्ण क्षेत्र के पेड़ देवदार का विशेष जोन तैयार किया जाएगा। इसके अलावा बांज, बुरांश, बहेड़ा, फर, स्पू्रश, धतूरा, प्रूनस (घिंघारू) आदि तमाम प्रजातियों के विभिन्न नक्षत्र जोन तैयार किए जाएंगे। बांज, बुरांश, देवदार आदि भूस्खलन व अन्य आपदा की रोकथाम में भी सहायक होते हैं। साथ ही पर्यावरण व पारिस्थितिक तंत्र को भी बचाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
::::::::::इंसेट:::::::::::
पेड़- संबंधित देवता-औषधीय व अन्य गुण
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-बुरांश- भगवान शिव- उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि।
-प्लूमेरिया-भगवान शिव-आयुर्वेदिक उपयोग
-वन तुलसी-भगवान शिव-खांसी, जुकाम व श्वास रोग में रामबाण
-कुप्रेसस-भगवान बुध-पत्तियों के स्राव से घाव का उपचार
-बांज-इंद्रदेव-प्राकृतिक स्रोतों का जनक, भूस्खलन रोकने में कारगर
-देवदार-भगवान ब्रह्मा-सुगंधित औषधीय तेल 
-फाइकस (बोधि वृक्ष सरीखी प्रजाति)-भगवान बुद्ध व महावीर, आध्यात्मिक गुण
-ब्रह्माकमल -भगवान ब्रह्मा, पर्यावरणीय शुद्धता
-ब्राह्माी-भगवान ब्रह्मा, बौद्धिक शक्ति
=====इंसेट======
विकसित होने वाले झाड़ी जोन
-प्रूनस (सेब प्रजाति का घिंघारू)- कामदेव- पेट रोग, डायरिया
-किल्मोड़ा-भगवान धनवंतरि-टरमेरिक उपयोग, शीतलता व अन्य आवरुेदिक गुण
=====इंसेट=====
सगंध व ग्रास जोन की कवायद
आईएफएस धरम सिंह मीणा के मुताबिक नक्षत्र के साथ ही ग्रास व एरोमेटिक जोन सगंध पौधों के जोन भी विकसित किए जाएंगे। ग्रास जोन में लैमन घास, हाथी घास व चरीघास आदि को तरजीह दी जाएगी।
    (Source - Dainik Jagran)

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नई रस्में, नए वादे
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    : सुखदेव और मंजू शादी के पवित्र में बंधे, तो इस नवजोड़े ने एक पौधा रोपकर अपने साथ-साथ एक खुशहाल भविष्य की नींव रखी। बदलाव की ये बयार किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि क्षेत्र के सभी नवविवाहित जोड़े खुशहाली के बीज बोकर यहां से नए जीवन की शुरूआत कर रहे हैं।


 उत्तरकाशी में मैती आंदोलन की अगुआई में ये पहल की गई, जिसमें शादी के बंधन में बंधने पर नववधू अपने मायके में याद के तौर पर एक पौधे को रोपेगी और वधूपक्ष की ओर से वरपक्ष को दो पौधे दहेज के रूप में दिए जाएंगे।


 हाल ही के दिनों में क्षेत्र में हुई शादियां अन्य सभी से कुछ हटकर रहीं। कारण था दहेज के रूप में दी जाने वाली भेंट कुछ अन्य सामान नहीं बल्कि पौधे थे। मुखमाल गांव के तेजपाल और विनय ने विवाह सूत्र में बंधने पर यही रस्म निभाई।



अब हरियाली के वाहक इन विवाहित जोड़ों की संख्या हजार के पार होने को है। इस रस्म के अनुसार, वधू अपनी याद के तौर पर अपने मायके में एक पौधा रोपेगी, जिसकी देखभाल उसके माता-पिता अपनी बेटी की तरह करेंगे और वर को मायके पक्ष की ओर से दो पौधे दिए जाएंगे, जो विवाहित जोड़े के नए जीवन की शुरूआत के प्रतीक रूप होंगे।



श्याम स्मृति वन पर्यावरण एवं जन कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रताप पोखरियाल बताते हैं कि 1998 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 1,637 नव विवाहित जोड़े अब तक 3,274 पौधे रोप चुके हैं, जिनमें से सैकड़ों अब वृक्ष का भी रूप ले चुके हैं।


 अब तक जिले समेत टिहरी, देहरादून, चमोली में सैकड़ों शादियों नव विवाहितों ने मैती आंदोलन के तहत पौधे रोप कर अपनी शादी को यादगार बना दिया है।
   Dainik jagran

 

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