आप लोगों के प्रयास की जितनी भी तारीफ की जाये कम है. मेरे विचार से यू के सरकार को हर गाँव, हर पंचायत में इसे सुरक्षित स्थान चुनने चैये जिनमे बेघर हुए लोगो को बसरा दिया जा सके. साथ ही जहाँ भी सुरक्षित स्थान मिले वहां राशन का भंडार बनाना चाहिए. इन भंडारों का प्रयोग आपदा के समय में रिलीफ के लिए और बाकी समय सरकारी राशन की दूकान के तौर पर किया जा सकता है. राशन ही नहीं साथ में जरूरी दवाईयां, पानी आदि भी स्टोर किया जा सकता है.
यह कहना अनुचित न होगा की सरकारी स्तर पर समस्त आपद क्षेत्र का विस्तृत मानचित्र भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से बनवाया जा सकता है. इस मान चित्र को समय समय पर अपडेट करना पड़ेगा, पर कमसे कम मकान बनाते समय लोगों को यह तो पता रहेगा की उनका घर आपद है या निरापद. उसके बाद भी यदि कोई आपद घोषित क्षेत्र में घर बना ही लेता है तो उसे भगवान ही बचा सकेंगे.
यह भी गौर करने वाली बात है की ग्लोबल वार्मिंग के इस युग में आपदाएं और भयानक आनी हैं, इसके लिए पहले से तय्यारी जरूरी है. इस बात से घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जापान, कैलीफोर्निया आदि में इससे भी अधिक खराब प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, पर जान की हानि नहीं होती, माल की हानि बहुत कम होती है. फिलिपीन में भूस्खलन से बहुत तबाही हुई, अब उन्होंने एसा इंतजाम क्र लिया है की हर आपद क्षेत्र में कमसे कम ३ दिन पूर्व सूचना मिल जाती है, जाने बच जाती हैं.