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करोड़ो का घोटाला ! आप तो ऐसे न थे निशंक जी?
डेटलाइन इंडिया
देहरादून, 22 जून- कवि पत्रकार और साहित्यकार रमेश पोखरियाल निशंक को शायद महाकुंभ के सफल आयोजन ने भी दीर्घायु का आशीर्वाद नहीं दिया। छोटा मोटा नहीं बल्कि पूरे चार हजार करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद अब खुद भाजपा के नेता निशंक के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। खुद भाजपा आलाकमान भी आम तोर पर सीधे साधे स्वयं सेवक छवि वाले निशंक की हरकताें से स्तब्ध हैं।
निशंक को घपला करना भी नहीं आता। दिल्ली के मूल वाली एक बिल्डर कंपनी को खुद अपनी सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का उल्लंघन कर के एक दिन में पचास एकड़ जमीन आवंटित हुई, ऊपर से नीचे तक या नीचे से ऊपर तक सारी अनुमतियां धड़ा धड़ मिलती गई और उसी दिन लगभग चार हजार करोड़ की इस जमीन का पूरा सौदा हो गया। निशंक को सफाई देने के लिए दिल्ली बुलाया गया है और खास तौर पर देहरादून में यह खबर आम हो चली है कि निशंक अब सिर्फ कुछ दिनों के गिने चुने मेहमान रह गए हैं।
उत्तराखंड जैसे राज्य में जहां आम तोर पर भाजपा कई बार सरकार बना चुकी है और अच्छी राजनैतिक स्थिति में हैं, भाजपा को बार बार मुख्यमंत्री बदलने पड़ रहे हैं। भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद्र खंडूरी और अब निशंक। उत्तराखंड में भाजपा का राजनैतिक रिकॉर्ड धूमिल होता जा रहा हैं। सबसे विचित्र बात तो यह है कि निशंक को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में यही बात गई थी कि उनकी छवि साफ हेै और उन पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।
उत्ताराखंड में भूमि घोटाले के डेटलाइन इंडिया के खुलासे के बाद देवभूमि कहे जाने वाले उत्तारांचल में हड़कंप मच गया है। राज्य में विपक्ष में बैठी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने निशंक सरकार से इस्तीफे की मांग कर आंदोलन शुरू कर दिया है। विपक्षी पार्टियों ने पूरे राज्य में मुख्यमंत्री निशंक के पुतले फूंके। डेटलाइन इंडिया के खुलासे और फिर विपक्षी पार्टियों के आंदोलन से राज्य की निशंक सरकार बेहद दबाव में आ गई है।
नई दिल्ली। एक सर्वे की मानें तो पूरी दुनिया में काले धंधों पर हो रहा है लेडी डॉन का कब्जा। ऐसी लेडी डॉन जिनके चेहरे पर मासूमियत है, आंखों में मस्ती है लेकिन इनके कारनामे ऐसे कि बड़े-बड़ों का कलेजा कांप जाए। दुनिया भर के कई शहरों में ये अपने खतरनाक इरादों को अंजाम दे रही हैं। जानकारों की मानें तो पुरुषों की सत्ताा को चुनौती देना इसकी सबसे बड़ी वजह है।
पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में महिला गैंगस्टरों की संख्या 1 लाख 32 हजार से बढ़कर 6 लाख 60 हजार हो गई है। महज कुछ सालों में बढ़ी इस संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह महिलाओं में अपराध के अंधेरे गलियारों में आने की ललक बढ़ी है। फिर वो अमेरिका की एमी बिशप हो या गैंगस्टर लिंडा। अमेरिका की एमी बिशप अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बनाने से पहले अलबामा यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थी लेकिन एक दिन अचानक उसने फैकल्टी मीटिंग में अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। वजह जो भी हो लेकिन अंजाम खतरनाक था। तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई मुश्किल से बच पाए।
ब्रिटेन और अमेरिका में होने वाले संगठित अपराध समूहों में 25 से लेकर 50 फीसदी तक महिलाओं की हिस्सेदारी है। ऐसे ग्रुप को चलाने वाली भी कई महिलाएं ही हैं। अमेरिका के क्रिमिनल रिकॉर्ड में लेडी गैंगस्टर में सबसे ऊपर जिस महिला का नाम आता है वो है लिंडा। अपराध की दुनिया से इस महिला के संबंध पिछले 18 साल से हैं। ब्लैक विडो के नाम से मशहूर इस गैंगस्टर के साथ जिसका भी नाम जुड़ा वो या तो सलाखों के पीछे पहुंच गया या उसकी सरेआम हत्या कर दी गई।
सर्वे के मुताबिक कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। पुरुषों की तुलना में भले ही खौफनाक अपराधों को अंजाम देने में महिलाएं अभी भी पीछे हों लेकिन महिला गैंगस्टरों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हुआ है।पहली बार सर्वे में अपराध जगत में महिला गिरोहों की संख्या और उसके बढ़ते दबदबे को दुनिया के सामने लाया गया है लेकिन न्यूयॉर्क के लैटिन क्वींस का उदाहरण देकर यह भी समझाया गया है कि कैसे पारिवारिक और यौन हिंसा की वजह से महिलाएं अपराध की दुनिया में अपने पैर पसार रही हैं।
Source :
http://www.datelineindia.com/innerpage.aspx?Story_Id=2102