भ्रष्टाचार अधिकारी,
विजिलेंस ने दो और कर्मचारियों को घूस लेते पकड़ा है। एक रोड़वेज का एआरएम है और दूसरा बाबू। घूस लेना-देना सामान्य बात है पर उत्तराखण्ड के कर्मचारियों का लगातार घूस लेते पकड़ा जाना चैंकाने वाली बात है। यही कर्मचारी थे, जिन्होंने राज्य आन्दोलन के दौरान अपनी नौकरियां दांव पर लगा दी थीं। महीनों बिना तनख्वाह के यह सड़कों पर मोर्चा बांधे रहे। लाठियां खाई और मुकदमे भी झेले। लेकिन राज्य बनने के साथ ही वह जज्बा जाने कहां चला गया। जिनकी बात करते थे उन्हीं से घूस ले रहे हैं। कोई सड़क और पुलों के घपले निपटाने के लिए नोट एंेठ रहा है तो कोई जेब गरम किए बिना फाइल नहीं सरकाता। सोचने वाले सोचें जरूर। वरना लोगों को यह कहने से नहीं रोक पाएंगे कि, इन्होंने आन्दोलन नहीं, दिखावा किया था।
जय डिमरी