हालिया जी आपने मेरे लिखे पर प्रतिक्रिया दी इसे मै अपने लिए एक शिक्षा ही मानता हूँ आप सच में गुणी लोग हैं , पर यहाँ पर मै अपने बारे में इतना कहूँगा की मै भी
गाँव से पला पढ़ा और पेट भरने शहर में आया हूँ अभी तक जो भी कमा रहा हूँ उसके पीछे पहाड़ की पढ़ाई और श्री नरेंदर सिंह नेगी जी के गीत ही सब कुछ है मै
भी श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को आपकी ही तरह से प्रेम करता रहा हूँ आपका दिल दुखाने के लिए मै आपसे माफ़ी चाहता हूँ पर क्या इस सबसे सच बदल जायेगा ,
क्या श्री नारायण दत्त तिवारी के अलावा आपके सारे सांसद , विधायक ,मंत्री दूध के धुले हैं सिर्फ नौछमी नारायण बनाने के पीछे की मनसा पर भी एक बार सोच लेना
चाहिए इसमें हर्ज क्या है मैंने बहुत सारे फोरम चाहे वो ऑरकुट , फेसबुक , rediifmail ,timesofindia के कमेंट्स में महसूस किया है की किस तरह से इलेक्ट्रोनिक मीडिया
में लोग किसी दल विशेष के लिए काम करते है, आपकी बात सोलह आने सच है कि भोट देने वाले तो हम ही ठहरे पर भ्रमित भी तो हम ही होते हैं न और जब भर्मित
कराने वाले वो हों जिन्हें जनता अपना आदर्श मानती है तो आप ही बताइए मेरा दर्द कहा से बुरा है , मैंने लाइव चाट में मेरा पहाड़ पोर्टल पर श्री नरेंदर सिंह नेगी जी से
भी यही सवाल पूछा था तब उन्होने सरल सब्दों में मुझे जो जबाब दिया था सब रिकॉर्ड में मौजूद है आप एक बार गौर फर्माइयेगा