गढवाळ का नामी लोक अर ज़ात (मलारी जुग बिटेन अज्युं तलक ) - फड़की -52 [
color=beige]गढ़वाल के विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक) - भग- 52 [/color]
Great Garhwali Personalities (Malari era to till date ) Part -52
Bhishm Kukreti
टिहरी महाराज नरेंद्र शाह (रा.काल. 1913 -1946 ई. )
जब कीर्ति शाह को इंतकाल ह्व़े त नरेंद्र सिंह सिरफ़ पन्द्र सालौ थौ. राज्यभिषेक को परांत
नरेंद्र शाह अजमेर पढ़णो चली गे
राणी : नरेंद्र शाह को ब्यौ क्यूँठळ राजा (हिमाचल) के द्वी नौन्युं दगड ह्व़े ,मतबल - नरेंद्र शाह की
कमलेन्दु शाह अर इंदुमती द्वी राणी छे
संरक्षण समीति : नरेंद्र शाह क अनुपस्तिथी मा राज काज चल़ाणो एक संरक्ष्ण
समीति बौण जैको अध्यक्ष अंग्रेज शैमिअर थौ पैथर मयूर आई.
समीति मा हरिकृष्ण रतूड़ी , बह्वानी दत्त उनियाल छा. नरेंद्र की दादी ण राज काज
संबाळी
चन्द्र मोहन रतूड़ी को त्यागपत्र : चन्द्र मोहन रतूड़ी एक काबिल फोरेस्ट कंजर वेटर थौ
पण संरक्ष्ण समीति की नीती वै तैं माफिक णि ऐन अर वो त्यागपत्र देकी भैर चले गे
सत्य शरण रतूड़ी को त्यागपत्र : चन्द्र मोहन को गाँव को इ सत्य शरण रतूड़ी बागवानी
निरीक्षक थौ पण संरक्षक समीति क काम काज को वजे से वो पटियाल राज्य चली गे
महायुद्ध मा मिळवाक् (योगदान) : टीरी दरबार न पैलो महायुद्ध मा ब्रिटिश सरकार तैं
पुरो मिळवाक् देइ. कीर्ति शाह न एक पलटन ब णे छै वीं पलटन तैं ब्रिटिश हकुमत को
हवाला करे गे
दरबान सिंग नेगी : दरबान सिंग नेगी कफाड़तीर, कड़ा कोट , पौड़ी को छौ जै तैं
विक्टोरिया क्रोस मील . दरबान सिंग पैलो भारतीय छौ जै तैं लड़ाई मा विक्टोरिया क्रौस शौर्य पदक मील
गबर सिंग नेगी : गबर सिंग नेगी (सान्जुर, बमुंड , टीरी ) पैल टीरी महराज को पलटन मा थौ फिर गढ़वाल रायफल
मा भर्ती ह्व़े अर वीरगति ह्व़े . गबर सिंग नेगी तैं मोरणो परांत विक्टोरिया क्रोस मेडल दिए गे
तोताराम थपलियाल : पैल सेना मा जजमान ही जांदा छया . तोताराम थपलियाल (समतुळी, खात्स्युं , पौड़ी ) न बामणु
फ़ौजी की टोली बणे अर ब्रिटिश सरकार न वै तैं वीं बटालियन को सूबेदार बणे दे.
अकाळ : १९१७-१८ मा गढवाल मा बड़ो अन्न काल पोड़.
युद्ध जौर : १९१६-१९१९ तलक युद्ध जौर (इन्फ़्लुइन्जिया ) ह्व़े अर सैकड़ों मनिख, पशु मोरीन
भुव्यव्स्था अर जोध सिंह नेगी : भूव्यव्स्था सुदारणो जोध सिंग नेगी (जु पैल पड़ी मा छौ)
तैं रेविन्यु मेम्बर बणये गे. विशाल कीर्ति का भूत पूर्व सम्पादक प्रसिद्ध , इमानदार सदा नन्द कुकरेती (ग्वील पौड़ी)
तैं भू व्यवस्था का सिरिस्तेदार बणये गे . सदानंद कुकरेती इमानदार मनिख थौ सो वो जादा दिन
णि टिक सौकू .
जोध सिंग नेगी अर भवानी दत्त उनियाल ओ दगड णि बौं त १९२० मा जोध सिंग नेगी न पड़ छोडि दे
हरि कृष्ण रतूड़ी तैं भू व्यवस्था को अधिकारी बणेये गे. पैथर महा नन्द रतूड़ी न यो काम कॉरी.
राम प्रसाद डोभाल अभिलेख अधिकारी छौ
म्यूर का शासन :
म्यूर को संरक्षण मा य़ी शासन समीति लोग छ्या :
१- कुंवर विचित्र शाह - मजिस्ट्रेट
२- हरि कृष्ण रतूड़ी - दीवान
३- राय बहादुर केशवा नन्द ममगाईं - कंजरवेटर
४- भवानी दत्त उनियाल- सेक्रेटरी
नरेंद्र शाह को शासन
भवानी दत्त उनियाल तैं दीवान बणये गे
कुली बेगार असंतोष : कुली बेगार या कुली बेगार पडत का वाजी से जगा जगा असंतोष राई
लछ्म सिंग कठैत की बीरता : रवाईं परगना को हाकिम लछ्म सिंग ण जब कुली बेगार मा
जनता की तर्फ्दारे कॉरी त नरेंद्र शाह रूसे गे अर लछ्म सिंग की जायजाद कुडकी करे गे
कमिश्नर की बदोलत कथित पर प्रतिबन्ध हटाये गेन . लछ्म सिंग तैं आज बि
जनता याद करदी
कुली बेगार खात्मा : १९४१ मा सरकारी तौर पर बेगार पर्था ख़तम करे गे
यातायात व्यवस्था मा सुधार करे गे
नरेंद्र नगर आधुनिक शहर : नरेंद्र शाह न ऋषिकेश से दस मील दूर एक शहर को निर्माण कौर जु
अपण टैम को आधुनिक शहर थौ जख सौब सुविधा छे
मोटर मार्ग : मोटर मार्ग बणोन पर ध्यान दिए गे
हजूर कोर्ट : बड़ो कोर्ट याने हजूर कोर्ट मा राजा अफिक सुणवाई करदो थौ
चीफ कोर्ट : टिहरी मा एक चीफ कोर्ट बि छौ जेमा य़ी कारिन्दा छा
तीन जज - महेशा नन्द पैन्यूली , नारायण दत्त रतूड़ी अर सुरेशा नन्द नौटियाल ( बी.ये. एल एल बी )
नया का छै सर्कल :
टिहरी सर्कल - उमा दत्त डंगवाल
अड़ा थली: भैरब दत्त पैन्यूली
रवांई: मुंशी करीम खान
बाड़ाहाट - नाग्दत्त रतूड़ी
देव प्रयाग - रामानंद उनियाल
कीर्ति नगर : प्रहलाद दास बहुखंडी
शिक्षा प्रसार : नरेंद्र शाह क राज मा शिक्षा प्रसार बि होई
प्राइमरी स्कूलूं संख्या ६० तलक पौंची
कथगा ई छात्रवृति दिए गेन
नरेंद्र शाह न कुंदन सिंग गुसाईं तैं इतिहास मा पी एच डी करणी इंग्लैण्ड (१९२६) भेजी
पद्मा दत्त रतूड़ी तैं फोरेस्ट्री डिप्लोमा वास्ता इंग्लॅण्ड भेजी पैथर पद्मा दत्त बन विभाग को अधिकारी बौण
लैंस डौन विद्यालय तैं ४००० रु, कर्ण प्रयाग विद्यालय तैं ३००० रु दिने
कशी हिन्दू विष विद्यालय मा कीर्ति शाह चेयर -इण्डस्ट्रियल केमिस्ट्री ' का वास्ता एक लाख रुपया देन
सार्ब्जानिक पुस्तकालय , प्रताप हाई स्कूल तैं इंटर कौलेज बणे . टीरी मा कन्या पाठशाला खोले गे
टिहरी मा कष्ट कला विद्यालय खोले गे
अस्पताल : भौत सा अस्पताल बि खोले गेन
जन संख्या आकलन : जन संख्या आकलन को काम बि शुरू ह्व़े
घना नन्द खंडूडी को सम्मान : घना नन्द खंडूडी न तिब्ब्र सीमा विवाद, आदि भौत सा सामजिक काम क्ररीन
घना नन्द खंडूडी तैं राजा ण सम्मान दे. घना नन्द खंडूडी ण मुकंदी लाल तैं इंग्लैण्ड
जाणो बान ३५००० रु बि दे छ्या
चक्र धर जुयाल : झांझ गौं, सितौनस्युं, पौड़ी ग. को चक्रधर जुयाल सणि भवानी दत्त उनियाल की जगा पर दीवान बणये गे
हिमाचलऔ दगड सीमा विवाद सुळजण : चक्रधर जुयाल के साफ़ सख्त ब्थुन हिमाचल सीमा विवाद सुळज
बीर गबर सिंघौ समळऔण मा स्मारक : चंबा मा बीर गबर सिंग स्मारक की स्थापना ह्व़े
ग्राम पंचाय्तुं उत्थान : नरेंद्र शाह न गाँव मा पंचायत तैं सुचारू ढंग से काम करणों कोशिश करी
राज्य प्रतिनिधि सभा : पैल पैल त राज्य प्रतिनिधि दिखाणो ढोंग थौ पण पैथर यीं सभ मा २० चुनी क अयन सदस्य ह्वेन
अर पन्दरा राजा क नामजद सदस्य ह्वेन
शराब बणाण पर रोक : चक्रधर जुयाल न खौळ म्यालोँ बगत छोड़िक हौरी समौ मा शराब बणोण पर रोक लगाई
मिलसारा से मुक्ति : बौ क परांत जब द्वी झणो मा नि बणदि छे त छुट (तलाक) लिए सक्यांद थौ अर
जु ओ द्वी झण दुबर फिर से ब्यौ करण चन्दा छया त ऊँ तैं 'मिलासरा ' कर दीण पड़दो छौ. चक्रधर जुयाल
न मिलसारा कर बन्द कराये .
जनजाग्रती
गढवाली अब भैर जा न बिसे गे छया त याँ से टिहरी गढ़वा ळ मा बि स्वतंत्रता आन्दोलन की सुगबुगाट हों लगे गे छे
रवाईं कांड : रवाईं का लोक बन व्यवस्था से रुस्यां /नाराज छ्या ऊँन आजाद पंचायत को गठन करी जो चक्रधर जुयाल
तैं नि सुवाई वैन आन्दोलान्कार्युं तैं पाठ पढ़ाणो काम करी.
ये मा कत्ति दें लोकुं पर बंदूक चलाये गे
अर फिर रवाईं काण्ड मा गोली चलये गे, लोखुं तैं प्रताड़ित करे गे . कथगा इ लोकुं जान गे
विशम्बर दत्त चंदोला तैं जेल : विश्वम्बर दत्त च्नादोला हिन्दू समाचार समाचार पत्र छापडा छौ अर वैन
रवाईं काण्ड कि खबर अखबार मा क्या छाप कि चक्रधर जुयाल तैं नागँवार लगे गे
चक्रधर जुयाल न धन, अर कुन्नेती का बल पर चंदोला तैं देहरादून का न्यायलय मा केश चलाये
. चंदोला तैं जेल ह्व़े.
तारा दत्त गैरोला पर अभियोग: एक दें टिहरी गढ़वाळ को नमी वकील तारा दत्त गैरोला ( सदयी ,
मिमोर ऑफ गढ़वाल को लिख्वार) न टिहरी प्रशाशन की बड़ी काट करी त चक्रधर जुयाल न
गैरोला पर मुकद्दमा कॉरी दे जखमा चक्रधर जुयाल हारी गे अर जुयाल तैं गैरोला
तैं 'हर्जा-खर्चा' दीण पोड़
तकाबी अर बकाया कर माफ़ी : नरेंद्र शाह क बगत 'तकाबी अर 'बकाया' कर की माफ़ी बि ह्व़े
ऋषिकेश कीर्तिनगर मोटर मार्ग : चक्रधर जुयाल की रूचि को कारण ऋषिकेश-कीर्तिनगर मोटर मार्ग
अर टिहरी मोटर मार्ग बौण
चक्रधर जुयाल को रिटायर हूण : चक्रधर जुयाल १९३९ मा रिटायर ह्व़े अर वैकी जगा पर
मौली चन्द्र शर्मा तैं फेडरल सेक्रेटरी बणये गे
टिहरी रियासत को दुसर विश्व जुद्ध मा मिळवाक् : टिहरी रियासत न दुसर महायुद्ध मा ब्रिटिश राज
के बड़ी मदद करी अर सैकड़ों जावन ब्रिटिश सेना मा भारती कराये गेन
विद्या धर जुयाल तैं सम्मान : ब्रिटिश सेना मा लेफ्टिनेंट विद्याधर जुयाल तैं अफ्रिका मा साहसपूर्ण काम
का एवज मा डिस्टिंगविश्ड सर्विस आर्डर की उपाधि से सम्मानित करे गे
प्रजामंडल अर सुमन की आहुती
कोंग्रेस अर गांधी जे क नेतृत्व मा ब्रिटिश गढ़वाळ मा स्वतंत्रता आन्दोलन जोरून मा चलणु छौ
टिहरी मा द्वी काम छौ एक त टीरी का राजा से छुटकारा र स्वतंत्रता .
देहरादून मा टीरी का वास्ता टिहरी राज्य प्रजामंडल कि स्थापना १९३९ मा ह्व़े
प्रजामंडल मा श्री देव सुमन (जौं ळ , बमुन्द , टिहरी) को आण से
प्रजामंडल की गति विशी भौत बढींन . सुमन कोंग्रेस का भौत सा सम्मेलनु (श्रीनगर राजनैतिक सम्मेल्लन १९३८,
देसी राज्य लोक परिषद्, लुधियाना १९३९, लोक परिषद मुंबई १९४० आदि ) मा भाग ल़े.
भाषण पर पाबंदी : टिहरी राज मा श्रीदेव सुमन का भष्णु पर पाबन्दी लगी.
कुछ आन्दोलनकारी ; ये दौरान रज्जा अर वैका अधिकारी प्रजा मंडल का आन्दोलन तैं दबाणा बान भौं भौं
कौंळ करणा रैन .
छात्र नेता राम चन्द्र उनियाल अर राम प्रसाद बहुगुणा तैं १९४२ मा जेल ह्व़े
लाहोर बिटेन कविराज दया शंकर भट्ट टिहरी का गौं गौं सोतान्त्र्ता का प्रचार करण लगी गे
आनंद स्वरुप रतूड़ी, ब्राह्म देव सीर्सवाल, शिव प्रसाद जोशी , डा कुशला नन्द गैरोला मसूरी मा मजदूर संगठन का बल
पर लोगूँ तैं चित्वळ जाग्रति फैल़ाणा) करणा रैन
देव प्रयाग का बिद्या धर 'भिकारी' पत्रकार भैर का अख्बारून मा टिहरी को क्रूर शासन के खबर देणो रै
भगवान् दास मुल्तानी साबुण बेचणो बहाना से टिहरी का गाँव गाँव घुम्दो थौ अर लोखुं तैं चित्वळ करदो छौ
'पौण टूटी' कर : यू एक्श्पोर्ट अर इम्पोर्ट ड्यूटी छे अर लोक भौत रूसयाँ छया
'आमद कर ' : १९४१ मा राज्य प्रतिबिधि सभा न एक विधेयक पास ह्व़े जै मा सालाना २००० रु से अळग आमद पर कर लगाणे
नियम बौण हालाँकि खेम राज बहुगुणा, देवेन्द्र दत्त सकलानी, महानंद डंगवाल, लक्ष्मी चंद जैन,
इंद्र सिंह नेगी, शंकर सिंह, रतिराम अर नारायण सिंह जन प्रतिनिधि सभा सद्स्युन विधेयक को विरोध कॉरी छौ
याँ से मातबर लोक बि राज को विरुद्ध ह्व़े गेन . सुमन न प्रतिन्ध्युं तैं त्यागपत्र को सुजौ दे
सुमन तैं राज्य निकाल़ा : १९३८ मा सुमन तैं राज्य निकाल़ा करे गे अर देहरादून जेल मा रखे गे . ९ सितम्बर खुणि
प्रों भगवती प्रसाद पांथरी , शिव प्रसाद पैन्यूली , रघुबीर पैन्यूली तैं बि देहरादून जेल मा भिजे गे
कार्यकर्ताओं की धर पकड़ : रियासत शासन न टैम टैम पर वीरेन्द्र सकलानी, प्रेम दत्त डोभाल, दिनेश चंद सकलानी,
बंशी लाल पुंडीर अर शिव प्रसाद नौटियाल, मनोहर लाल 'श्रीमन' तैं बंदी बणये गे
देव प्रयाग मा रामदयाल, विद्याधर डंगवाळ , देवी प्रसाद कोठियाल , घनश्याम कोठियाल तैं जेल भिजे गे
घूसखोरी : पुलिस वा लुं मजा ऐ गे छया ओ घुस ल़ीण मा उस्ताद ह्व़े गे छया
मुक्ती अर फिर बंदी : कुछ दिनों मा आन्दोलन कार्युं तै जेल से भैर कार . पर फिर श्री देव सुमन तै बंदी बणये गे
जेल मा श्रीदेव सुमन न टीरी जेल मा अनसन करीं अर बाद मा आमरण अनसन मा बैठी गेन अर बयासी दिन की
भूख हडताल ५ जुलाई १९४४ का दिन श्रीदेव सुमन को महाप्रयाण ह्व़े/बलिदान दिवस च . सुमन को बलिदान तैं
क्वी बि गढवाळी , क्वी बि भारतीय, क्वी बि स्वतन्त्रता प्रेमी नि बिसर सकदो
ये दौरान प्रजा क दगड अर प्रजामंडल का क्रांतिकारियों दगड प्रताडन को काम जारी रै
प्रजमंडक का क्रन्तिकार्युं जां कि परिपुरना नन्द पैन्यूली , इंद्र सिंग , टीकाराम, , भूदेव लखेड़ा , दादा दौलतराम
जेल मा अगस्त १९४६ई. मा भूख हडताल पर बैठी गेन फिर समझौता ह्व़े त आन्दोलान्कार्युं न सितम्बर खुणि
भूख हडताल खतम करी .
नरेंद्र शाह को सिंघासन त्याग
श्रीदेव सुमन को इंतकाल से देश मा जगा जगा टिहरी नरेश के भौत काट ह्व़े . आन्दोलन जोरूं पर थौ जु
थमणो नाम नि लीणों थौ . राजा नरेंद्र शाह तैं २६ मई १९४६ को गद्दी से उतरणे घोषणा करे अर
विजय दशमी को नरेंद्र शाह न टिहरी रियासत की गद्दी अपण ज्याठ नौनु मानवेन्द्र शाह तैं सौम्पू
बकै फड़की - 53 मा बांचो ...
To be continued on part 53 rd
References:
Courtsy to books of Dr Shiv Prasad Dabral, Pundit Hari Krishn Raturi, Minyaan Prem Singh
Bhakt Darshan's garhwal kee divangat vibhutiyan
(Uttarakhand ka Itihas, History of Garhwal, History of Tihri Garhwal)
Copyright @ Bhishm Kukreti, Mumbai[/b]