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मुनाल : उत्तराखंड राज्य पक्षी
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Monal Pheasent (Lophophorus impejanus) : Uttarakhand State Bird
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पौड़ी गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -1
( Birds of Pauri Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----1 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती
फोटो व अन्वेषण - दिनेश कंडवाल
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मुनाल एक हिमालयी पक्षी है जो अफगानिस्तान से नेपाल , तिबत , भूटान तक हर जगह पाए जाते है।मुनाल पथरीली व घास वाले क्षेत्र में वास करते हैं। मुनाल की लम्बाई 70 सेंटीमीटर तक होती है। मुनाल 2400 से 4500 मीटर की ऊंचाई तक पाए जाते हैं। बर्फ पड़ने पर मुनाल गड्ढे के अंदर रहती है और बर्फ को सहन करने वाला पक्षी है।
मुनाल अपने सुंदर पंखों , सुहाल के लिए प्रसिद्ध है।
नर मुनाल चमकदार , इंद्रधनुष की तरह रंगदार , ताम्बे रंग या बैंगनी रंग , पीठ पर सफेद रंग , पुनःस दालचीनी के रंग , से पहचाना जाता है।
छोटी शिखा वाली मादा मुनाल कम चमकदार होती है जिसका गला सफेद रंग का होता है व संकीर्ण सफेद वाली पूँछ की होती है।
मादा का वजन तकरीबन 2150 ग्राम व नर करीब 2380 ग्राम होता है। प्रजनन समय अप्रैल से अगस्त तक होता है और इस समय मुनाल जोड़े बनाते हैं।
अँधा बगुला (पौंड हिरोन )
(Pond Heron, Andha bagla (Ardeola grayii)
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पौड़ी गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -2
( Birds of Pauri Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----2 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
फोटो व भौगौलिक अन्वेषण - दिनेश कंडवाल
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अँधा बगुला ईरान से लेकर , भारत , बंगलादेश व श्री लंका तक पाया जाता है। इनकी छलावरण की एक विशेषता है कि उड़ने से पहले इनके पास जाने तक ये चुप गुमसुम रहते हैं और इसीलिए इन्हे अँधा बगुला नाम दिया गया है जबकि ऐसा नहीं है।
अँधा बगुला पानी के नजदीक शिकार करने व मानवीय वस्तियों के पास वसते हैं। अँधा बगुलों की लम्बाई 42 से 45 सेंटीमीटर तक पायी जाती है।
उड़ते समय अंधे बगुले के सफेद पंख दीखते हैं जबकि इनकी पीठ भूरी होती है। गला पीले रंग का पाया जाता है। गर्मियों में इनके गले में पंख अधिक हो जाते हैं। प्रजनन के समय कुछ के टांगों का रंग लाल हो जाता है। शांत व्यवहार के होने के बाबजूद इनकी चिल्लाने की आवाज विशेष होती है और विशेषतः अपने घोसले के पास कर्कश सा चिल्लाते हैं। गीली , कीचड़ वाली जगह , मार्शी जगह में वास करते हैं अँधा बगुला अर्ध सामूहिक प्रकृति वाले होते हैं याने कभी समूह में कभी एकला चलो। शिकार जैसे मच्छी शिकार हेतु अँधा बगुला कभी कभी तैरते भी हैं।
गाय बगुला
Cattle Egret (Bubulcus ibis )
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पौड़ी गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -3
( Birds of Pauri Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 3 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
फोटो व भौगौलिक अन्वेषण - दिनेश कंडवाल
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सफेद रंग का गाय बगुला पक्षी उष्णकटबंधीय क्षेत्र में सर्वत्र पाया जाता है। गाय बगुला की विशेषता है इसकी पीली चोंच, गठीला शरीर , व छोटे पैर। गाय बगुला पानी केपास वाले घास मैदान , खेतों के पास पेड़ों पर समूहों में घोसले बनाते हैं और इनका चरते जानवरों से मधुर संबंध रहते हैं।
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छोटी डुबडुबी
Little Grebe ( Tachyaptus rufficallis)
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पौड़ी गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -4
( Birds of Pauri Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----4 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
फोटो व भौगौलिक अन्वेषण - दिनेश कंडवाल
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सर्वत्र पायी जानी वाली छोटी डुबडूबी बतख परिवार की एक छोटा पक्षी है। बादामी रंग गाल वाली डुबडुबी तैरने में माहिर होती है किन्तु चलने में सुस्त होती है । गर्भावस्था में रोयेंदार दिखयी देती है। पानी के किनारे झाड़ - खर पतवार वाले घोसले में बरसात में अंडे देती है। पिक पिक की तेज आवाज से भी डूबडुबी की पहचान होती है।
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पनकौवा , जलकवा
Great Cormorant (Phalacrocorax carbo)
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पौड़ी गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -
( Birds of Pauri Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
फोटो व भौगौलिक अन्वेषण - दिनेश कंडवाल
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जलकौवा सर्वत्र पाए जाते हैं। जलकवा एक काळा रंग का बड़ा , मजबूत जल पक्षी है। जलकौवा की लम्बाई तक़रीबन 80 से 100 रहती है। पनकौवा का गला मोटा होता है और सिर कोणीय। इनका वजन 1.5 किलो से 5. 3 किलो तक होता है। नर जलकवा मादा से बड़ा व वजनी होता है।प्रजनन के समय जलकवों का रंग बदल जाता है सफेद गला , नारंगी मुख त्वचा का रंग , सफेद जंघा और चमकदार रंग के हो जाते हैं।
पनकवे तैर सकते हैं किन्तु उथले पानी के पास वास करते हैं।
सरपति स्वान (बतख )
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Bar Headed Goose (Anser indicus)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -6
( Birds of i Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----6 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
फोटो व भौगौलिक अन्वेषण - दिनेश कंडवाल
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सरपति स्वान मध्य ेसिअ का पक्षी है जो सर्दियों में गढ़वाल विशेषकर देहरादून और भाभर में प्रवास पर आता है। यह अधिकतर आसन बैरेज- ढालीपुर झील (डाकपथर ) में अधिक दिखाई देता है। यह समूह में नदियों , झीलों के पास प्रवास करता है और ३ से ८ तक अंडे देता है। सरपति स्वान 71 -77 सेंटीमीटर लम्बा पक्षी है जिसका वजन 1 . 87 से 3. 2 किलोग्राम तक होता है। सरपति स्वान भूमिगत घोसलों में अंडे देता है
पीले पैरों वाले स्वान की चोंच भी पीली होती है। इसके सिर पर काले रंग की चित्तियाँ इसे दूसरे जाती से अलग करती हैं। उड़ते समय विशेष आवाज के साथ
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शुरखाब , ब्राह्मण बतख , चकवा, चकवी
Ruddy Sheldduck ( Tadorna ferruginea)
-- गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -7
( Birds of i Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----7 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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शुरखाब बतख एक शीतकालीन प्रवासी बतख है। इसकी लम्बाई 61 वे 67 सेंटीमीटर तक होती है। यह बतख मटमैले भूरे रंग की होती है जिसका सिर कुछ कुछ मटमैले भूरा या नारंगी रंग का होता है , चोंच काली होती है। पूँछ व उड़ने वाले पंख काले होते हैं , किन्तु बीच बीच में सफेद पंख भी होते हैं।
ऊंचाई वाले झीलों में , तालबों या नदी में रहती है और किनारे पर किसी छेड़ , पेड़ , झरोखे में अंडे देती है। अंडे को सेकने का काम मादा करती है किन्तु देखरेख दोनों जोड़े करते हैं।
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लोहार जंग
Black necked Stork (Ephippiorhynchus asiaicus)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -8
( Birds of i Garhwal; Birding and Birds of Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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लोहार जंग बगल एक ऊँचा प्रजाति है जो 130 -150 सेंटीमीटर ऊँचा होता है और सीधा खड़ा रहता है। 230 cm के पंख होते हैं। पंख सफेद होते हैं किन्तु गर्दन और लम्बी चोंच काळा रंग के होते हैं। टाँगें उजले लाल होती हैं। नर लोहार जंग के आँखों की पुतली भूरे रंग की तो मादा लोहार जंग के पुतली पीले रंग की होती हैं।
लोहार जंग नदियों , झीलों व दलदल के पास रहते हैं और जोड़े या अकेले रहते हैं।
पेड़ों में घोसले बनाते हैं और एक समय तीन से पांच अंडे देतीं हैं।
लोहार जंग मछली , मेंढक व कीड़े मकोड़े कहते हैं
यह प्रजाति लुप्तप्राय होने की कगार पर है और इसे बचाने के कार्य किये जा रहे हैं।
देहरादून गढ़वाल क्षेत्र - के आसन बैरेज व झलमिल झील के पास पाए जाते हैं
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घुन्जील सारस
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Asian Openbill Stork, Ghungil (Anastomus oscitans)
गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -9
( Birds of i Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 9)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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68 सेंटीमीटर लम्बा घुन्जील सारस एक छोटा सारस है जो गढ़वाल , हरिद्वार , देहरादून के मैदानी इलाकों में पानी के इर्दगिर्द विशेषतया धन के खेतों में /के पास पाया जाता है। इसकी चोंच मजबूत , मटमैला रंग व छोटा मुंह होता है। ब्रीडिंग /प्रजनन के समय पंख सफेद व अन्य समय सफेद -सिलेटी रंग के पंख वाला सारस पेड़ों पर समूह में घोसले बनाते हैं व धान के खेतों के पास मिलते है। इनकी रंगने गुलाबी रंग के व आँखें भूरी होती है। इसका मनचाहा भोजन गंडेळ /घोंघा होता है।
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सामान्य चील
Black Kite (Milvus migrants)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -10
( Birds of i Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 10)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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गहरे भूरे रंग के 55 - 68 cm लम्बा साम्य चील सभी जगह पाए जाते हैं। मनुष्य के नजदीकी स्थानों में वास करते हैं। उड़ते समय द्विभुज पूछ इसकी विशेषता है। उड़ते समय चील गुलाटी खा सकता है और कई तरह से उड़ सकते हैं। चील आग के पास आकर्षित होते हैं जिससे वे भागते चिड़ियों व लघु जानवरों को पकड़ सकें। प्रजनन समय जवरी व फरवरी है। इनके घोसले बेअदबी बेतरबीब वाले होते हैं। चील मादा दो से तीन अंडे डीटी हैं।
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कपासी चील , चील
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Black shouldered Kite ( Elanus caeruleus)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -11
( Birds of Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 11)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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31 से 35 cm लम्बी काप्सी /कपासी चील गढ़वाल में हर जगह दिखयी देती है। सिलेटी रंग व सफेद रंग की चील के पंखों पर काळा चक्क्ते पाए जाते हैं। चील का भार लगभग 291 ग्राम होता है। चोंच छोटी होती है और हुकनुमा वर्गाकार होती है। इस चील की पूँछ वर्गाकार व उड़ने में सहायक होती है। आँख की पुतली लाल होती हैं व काले कौमा से घिरी होती हैं , नासिका छिद्र व Cere उज्वल पीले रंग के होते हैं। मादा व नर एक जैसे ही होते हैं किन्तु मादा 15 % अधिक भरी होती है।
कपासी /काप्सी चील कई प्रकार की आवाज लगाती हैं। खेतों के पास , घास के जंगल के पास रहते हैं।
मादा चील 3 से 4 अंडे देती है।
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साहुतेल /मधल गरुड़
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Oriental Honey Buzzard (Sahutela) (Pernis ptilorhynchs)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -12
( Birds of Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 12)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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56 -67 सेंटीमीटर लम्बा साहुतेल /मडहल गरुड़ एक शिकारी , मांशाहारी पक्षी है। करीबन सभी जगह मिलता है। नर गरुड़ मादा से कुछ छोटा होता है। नर मधल गरुड़ का वजन 750 से 1300 ग्राम व मादा का भार 900 से 1500 ग्राम तक होता है।लम्बी गर्दन का नर गरुड़ का सर नीला -सिलेटी रंग का होता है जिस पर छोटी शिखा होती है। पूँछ लम्बी व चक्क्ते वाली होती है। मादा गरुड़ का सर भूरा होता है। घने जंगलों में पाए जाते हैं और तत्तया , मधुमखी , झींगुर के लावाओं ,व मधु को भी कहते हैं। प्रजनन गर्मियों में होता है।
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हिमालयी गिद्ध
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Himalayan Griffon ( Himalayan Giddh) (Gyps himalayensis )
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -13
( Birds of Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya -----13 )
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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115 से 125 सेंटीमीटर का यह पक्षी हिमालय का सबसे बड़ा पक्षी माना जाता है जो सर्वत्र पाया जाता है। पंख व शरीर चमड़ा कम पीले रंग के होते हैं। परिपक्व गिद्ध का सर भी बदरंगी पीला होता है किन्तु बच्चों का रंग सफेद होता है। टांगें गुलाबी होती हैं जबकि पंजे गहरे काळा। गिद्ध ऊँची चोटियों में घोसले बनाते हैं। जनवरी मे प्रजनन का समय होता है।
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डोगरा चील
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Crested Serpent Eagle (Dogra Cheel) (Spilornis cheela)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -14
( Birds of Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 14)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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56 से 74 सेंटीमीटर लम्बी डोगरा चील घने जंगलों में 2000 मित्र ऊंचाई तक पायी जाती है। भूरे रंग की चील जल्दी पहचानने में आती है जिसके गोल घूमवदार पंख V आकर के होते हैं। डोगरा चील की पूँछ छोटी होती है और पग पीले । डोगरा चील अपनी आवाज से भी जल्दी पहचानी जाती है। इसके प्रिय भोजन सांप व छिपकलियां हैं। प्रजनन समय सर्दियों के बाद शुरू होता है और पेड़ों के उच्च भाग में पुराने घोसलों की मरम्मत कर ही ये प्रयोग करते हैं।
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कलीज /तीतर
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Kalij/Khaleej Pheasant (Lophura leucomelanos), Chhoti khaleej/kalij
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -15
( Birds of Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 15)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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64 cm करीब लम्बी तीतर पक्षी सब जगह मिलता है और सर्दियों में नीचे आ जाते हैं। नर कलीज काला व दम पर सफेद चक्क्ते होते हैं। नर कलीज की कलंगी होती है और काली पूंछ। मादा भूरी होती है। दोनों लिंगों के टांगें सिलेटी व मुंह लाल मुख होता है। गाँवों के पास पाए जाते हैं।
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कोकलास मुर्ग
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Koklass Pheasant ( Village hen, Koklas, ) (Pucrasia macrolopha)
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गढ़वाल की चिड़ियायें - भाग -16
( Birds of Garhwal; Birding and Birds of Garhwal, Uttarakhand, Himalaya ----- 16)
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आलेख : भीष्म कुकरेती , M.Sc.
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नर 61 सेमी व मादा 53 सेंटीमीटर की कोकलास मुर्ग अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र के मुर्ग हैं। नर का भार 1135 से 1415 ग्राम व मादा का भार 1025 से 1135 ग्राम तक होता है। कोकलास मुर्ग अफगानिस्तान से नेपाल व तिबत में झाड़ीदार जंगलों 4000 मीटर ऊँचे क्षेत्र में पाए जाते हैं । जाड़ों में 1600 मीटर ऊँचे क्षेत्र तक आ जाते हैं। नर मुर्ग भूरे रंग का होता है और नीचे लाल -भूरे रंग का। हरे सर व उस पर सफेद चक्क्ते से पहचान होती है. 'खाक', 'ख़ाक' 'ख़ाक' आवाज निकलना इस मुर्ग की विशेषता है।
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