Author Topic: Articles By Bhisma Kukreti - श्री भीष्म कुकरेती जी के लेख  (Read 1127346 times)

Bhishma Kukreti

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               Rasa-Saranv Nach-Gan: a Garhwali Agile Folk Dance and Song Style

(Himalayan Traditional Dance-songs, Folk Songs and Dances of Uttarakhand, Folk Dance and Folk Songs of Garhwal)
                   
                            Bhishm Kukreti
               
               Saranv rhythm is part of Dhol sagar tal and is very agile in nature. A very important   professional class (Jat) Aujee plays the Dhol and Damau and dance on the rhythm of Ras Rasanv. The dance is similar to Saraun dance but in Ras-Saranv , the Aujee take part in dancing, in singing and definitely playing the musical instruments  Dhol, Rauntali and Musukbaaj.
      While walking on the hilly road, the Aujee dance with full enthusiasm. The dancers go three step forward from right to left, then come one step back  and then proceed further by three steps and the dance go on.  Sometimes, the dancing Aujee sits on the knees and sometimes bent the waist left and right.
     The people also perform Ras-Saraun dance in fair (Khual-Myala, Kauthig) . The Aujee play Dhol and Damau (rauntali) and men-women dance on the songs sung by Aujee singer. The dance is performed in half circle by women and in half circle by men.
  The song must be very energetic, agile, love oriented in Ras-Saranv in fair.
              Garhwali Folk Songs for Ras-Saranv Folk Dance
 The following folk song for Ras-Saraunv Folk Dance is in dialogue sequence and is very interesting and entertaining too.

रास -सरांव नृत्य का एक गढ़वाळी लोक गीत

कजे - कज्याणी ;    तल्या स्यारा सिमी स्यारा मल्या स्यार गिजार .
सबि कजे :            चला स्याळी मंदरोळी बनाद्यौ का बजार
सबी कज्याणी ;      नाक कि विसोर नी च किलै औं मी बजार
सबि कजे :            विसोर त्वेकू तखी ल्यूंल़ो चल स्याळी बजार
सबि कज्याणी :      टाट की टटोळी नी च किलै औं मी बजार
सबि कजे :             टटोळी त्वेकू तखी ल्यूंल़ो चल स्याळी बजार
सबि झण :           तल्या स्यारा सिमी स्यारा मल्या स्यार गिजार

Meaning of some words 
सिमार = दलदल, Muddy 
विसोर = नाक की बुलाक, Nose Ornament
टाट = गला , Neck
टटोळी = गले की हंसुळी/खग्वळी, Necklace       

Source:
Dr. Govind Chatak and Dr. Shiva Nand Nautiyal
Garhwali Folk Songs and dances, Folk Dance-Songs of Uttarakhand and Himalayan Folk Songs, Himalayan Folk Dances to be continued in next issue……
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                             छन्नी , छन्ना अर मट्यंळ
 

(Garhwali Satire, Garhwali Humour, Himalayan Language Satire, Satire from Uttarakhandi Languages)


                              भीष्म कुकरेती 


            अच्काल श्याम ह्व़े ना अर दरेक/प्रत्येक टी.वी. चैनेलुं  मा दिन भर की खबरूं  छांच छुल़े जांद.

क्वी चैनेल नाम दींदु हाई  डिबेट, क्वी बुलद न्यूज़ हावर , क्वी कुछ .
 
          पण जन हम तैं बीडी -तमाखू ढब पड़ी जांद अर फिर तमाखू पीण बन्द नि होंद , उनि मी तैं टी.वी चैनेलुं

पोलिटिकल डिबेट  दिखणो ढब बि पोड़ी गे. ब्याळी श्याम  घरवाळी न ब्वाल  ," पोलिटिकल डिबेट दिखण से बढिया  तुम चै चिन्नी क प्याला

धून्दा त मी कन्नी क्वी ' 'कब जाएग ए साला 'के' सीरियल' दिखदु.".

                 मीन जबाब दे  "  अरे भै ! दिन मा जब  मी  त्यार अर अपण बांठो  जुठ  भांड  धूंदो त तू 'कब तक बन्द होगा ए 'के ' सीरियल'
 
नि दिखदी छे की ना?"

          घरवाळी क बुलण छौ , "  दिनु अर श्याम दें  क  'के' सीरियल' मा भौत फरक हूंद. दिनक  'के'  सीरियल लाइट ड्रामा होन्दन. जब की

रातू 'के' सिरियलूं मा हाई इमोशनल ड्रामा होंद  "
 
                  म्यरो जबाब छौ ," हाँ ! इनी च. दिन का पोलिटिकल डिबेट अर श्याम दें क 'पोलिटिकल डिबेट' मा बि इनी फरक होंद".

                 घरवाळी को जबाब छौ " हुं ! हूंद क्या च ! टी.वी. चैनेलूं ;पोलिटिकल डिबेट  ' मा ? चेंनेल का ऐंकर सवाल पुछ्दु अर राजनैतिक पार्टी क

घाघ फुन्द्यानाथ सीधा जाबाब छोड़ीक इनै उनै क फ़ोकट का जबाब दीन्दन . राजनैतिक   पार्टियूँ क फुन्द्यानाथुं तैं  पूछो तुमर

कुदड़ को क्या हाल छन त वै फ़ुन्द्यानाथौ जबाब हूंद  ,"हमारी विरोधी पार्टि क बल्द  गिंवड़ उज्याड़ खाणा छन". सवाल हूंद  कुदड़ कु

अर यूंक जाबाब हूंद गिंवड़ को "

        मीन बोली , " हुं ! त्यार 'के' सिरियलूं से त कम इल्लोजिकल हून्दन यि 'पोलिटिकल डिबेट."

       " खन्नौ  लौजिक हूंद उख 'पोलिटिकल डिबेटूं  मा.  टी. वी चैनलुं कत्ति एंकर बिसरी जान्दन बल वो सिरफ़ एंकर छन ना की जज . जादातर

टी.वी चैनलुं क एंकर डिबेट से पैलि अपण फैसला सुणे  दीन्दन. इन बि क्या पत्रकारिता कि पत्रकार ही जज बौण जावन ! पत्रकारूं  काम च 

सवाल -जाबाब करण, सूचना दीण, जागृति सराण/फैलाण  ना कि फैसला सुणाण." घरवाळी  न रुसेक   ब्वाल.
 
        मीन ब्वाल , " त्यार 'के' सिरियलूं से त जादा गंभीर हून्दन 'पोल्यिकल डिबेट' ."

  घरवाळी न नड़केक (गुस्सा ) ब्वाल, " किलै छंवां  यूँ राजनैतिक पार्टयूँ फुन्द्यानाथुं अर एंकरों तैं गाळी खलाणा! "
 
      मैन  जबाब दे , " नही इन नी च ."

               घरवाळी को कद्दक फैसला छौ , " टी.वी चैनालूं क पोलिटिकल डिबेटऊँ का  राजनैतिक छुयूँ छांच छुलै मा ना त नौण /नौणि निकळदि अर ना ही छांच . .
 बस छांच छुल़े हुंद बस दै खराब हूंद , मेनत बि भेळउन्द जोग हुंद, अर हाथ कुछ नि आन्द."

   मीन बोली , " नहे . यू तेरो पोलिटिकल डिबेटों बारा मा  यूँ नेगेटिव सोच च. "

    घरवाळी न फडेक ब्वाल , " हं ! मी नेगिटिव अर उ जु राजनैतिक पार्टयूँ क फुन्द्यानाथ डिबेटों मा भाग लीन्दन ओ क्या  पोजिटिव छ्न ?"
 
     मीन  पूछ , " मतबल ?"

        घरवाळी को कडक जबाब थौ, " अरे उ जो राजनैतिक पार्टयूँ क नेता डिबेट मा आन्दन सबी गूणी जन बात करदन ."

    मीन घंघतोळ मा पूछ , "गूणी ...?"

        घरवाळी न बिंगायी ," हाँ ! जन गूणी अपण पूँछ त दिखदु इ नी च अर बांदरौ खुणी बोल्दु बल , हे बांदर ! त्यार पूँछ लम्बो च .

इनी छन य़ी राजनीति का फुन्द्यानाथ . बेशरम, बेल्ल्ज्ज . बी जे पी वाळ कोंग्रेस पर भगार लगान्द बल कोंग्रेस्सी भ्रष्ट छ्न .
 
अर  भूलि जान्दन बल कर्नाटक मा यदुरपा न क्या क्या खेल खेलिन, उत्तराखंड मा निशंक को क्या भ्रष्ट हाक छया . अर इनी कांग्रेसी

छन . कांग्रेसी यदुरप्पा तैं बड़ा पापी बथान्दन पण अपण दें कलमाड़ी, अशोक चौहाण, प्रताप सिंग कैरों की बात बिसरी जान्दन."
 
              मी कुछ जबाब  द्यून्द  कि नौनु ब्वारी न भितर बिटेन जबाब दे , " हाँ १ पापा ये सब राजनैतिक प्रवक्ता छलनी हैं, सब छन्ना हैं सब मट्यंळ हैं .

अर यूँ सबि राजनैतिक प्रवक्ताओ क हाल इन छन . छन्नि  अपण दुंळ  त दिख्दी नी च पण मट्यंळ खुण बुल्दी बल मट्यंळ फर भौत दुंळ/छेद  छ्न".
 
            म्यार कक्या ससुर बोल्दा छया बल जब कबि सासू अर ब्वारी एकी भौणम  बुलण बिस्यावन त ससुर तैं उख बिटेन भाजी जाण चएंद .मी

भैर सिगरेट लीणो चली ग्यों

 

 

Garhwali Satire, Garhwali Humour, Himalayan Language Satire, Satire from Uttarakhandi Languages to be continued.....
 
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Mangament Guru -20

प्रबंध शास्त्री - 20         

                  सुमंत्रा घोषाल अर क्रिस्टोफर बार्टलेट : अंतररास्ट्रीय  व्यौपारऔ खुजनेर अर रणनीतिकार   

                Sumantra Ghoshal and Christopher Bartlett: Famous for Managing Across Borders                         

Notes on Management Theories from Old Age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru, General management Guru )

 

                                                   Bhishm Kukreti
                   सुमंत्रा घोषाल अर क्रिस्टोफ़र बार्टलेट दुयूं दगड़ी अंतररास्ट्रीय व्यापारिक संस्थानु क काम कजुं पर खोज करी अर  अंतररास्ट्रीय ब्यौपार

करणो बान क्य ठीक च क्य खराब च पर अपणा सिद्धांत देन .

                  सुमंत्रा घोषाल (१९४६-२००४) कु जनम भारत मा ह्व़े अर भौतिक बिज्ञान कि प्दहाई परांत घोषाल न इंडियन आयल मा काम कार.

 फिर घोषाल न द्वी विश्व  विद्यालयुं एम्.आई.टी. अर हार्वर्ड  बिटेन डॉक्टरेट की पदवी लेई . अर घोषाल अध्यापक बि  राई त कत्ति बिजिनेस  संस्थानु मा सलाहकार बि छौ.

                    घोषाल न दस किताब छापिन अर सहतर  से बिंडी लेख छापिन 

               क्रिस्टोफ़र बार्टलेट पैल अल्कोआ ऑस्ट्रेलिया मा मार्केटिंग मनेजर राई, फिर मैकनसी मा जनरल मनेजर राई फिर हार्वर्ड वि.वि मा प्रोफेसर  ह्व़े.

 क्रिस्टोफ़र की दस किताब छापी गेन 

              जब सन १९८९ मा घोसल अर क्रिस्टोफर  के किताब ' मनेजिंग आक्रोस बोर्डर' छप त दुयूं तैं अंतररास्ट्रीय मनेजमेंट संसार मा बडी बड़ें मील .

  घोषाल अर क्रिस्टोफ़र न  कथगा इ खोजूं पर समौ समौ पर अपणा कथगा इ सिद्धांत देन पण घोषाल अर क्रिस्टोफ़र क मल्टीनेशनल  कम्पन्यूँ  क तीन भागूं मा

बंटण वाळ सिधान्तुं क जादा चर्चा हूंद

१-  मल्टीनेशनल मोडल : विकेंद्रीयकृत फेडिरेसन,    जख स्थानीय समस्याओं समाधान स्थानीय हिसाब से करे जांद , स्थानीय शाखा

अपणी रणनीति बि बणे सकदी च. सबी शाखाओं तैं एकीकरणो बान हेड ऑफिस बिटेन भिज्यां बड़ा अधिकारी शाखाओं मा काम करदन .
 
युनि लीवर, फिलिप्स , इन मालती नेशनल  संस्थानु उदाहरण छन .

२- ग्लोबल मॉडल : जादा उत्पादन क अर्थशास्त्र से फैदा उठाण वल़ा संस्थान जु नया बाजार मा जाण मा जादा फैदा दिखदन जन कि

फोर्ड या मात्सुसिता (पैनासोनिक  ). इन कम्पनी केन्द्रीयकृत प्रशासन मा विश्वास  करदन

३- इंटरनेशनल मॉडल ; इन कम्पनी नई तकनीक , उळझिं तकनीक , नयो ज्ञान तैं कम एडवांस जगाओं मा बिचण मा फैदा समजदन .
 
जन कि आई, बी .एम्., एरिक्सन आदि. रणनीति मा य़ी कम्पनी आधा ग्लोबल मॉडल जन छन अर अधा मुलती नेशनल जन होन्दन.

       सुशांत अर क्रिस्टोफ़र का कार्यकुशलता अर आर्थिक विकास, थ्री पीज (उद्देस्य/गोल, प्रोसेस-कार्यविधि अर पीपल/मानव शक्ति)
 
पर बी अपना अभिनव विचार काफी प्रसिद्ध ह्वेन  ,  घोषाल अर क्रिस्त्प्फेर ण हौरी बी सिद्धांत प्रबंध विज्ञान संसार तैं देन

       सुमंत्रा घोषाल तैं इकोनोमिस्ट न  'यूरो-गुरु' क पदवी दे .
 
       इनी क्रिस्टोफ़र तैं बी कथगा इ संस्थानु न सम्मानित कार

 

                Books by Sumantra Ghoshal and Christopher Bartlett
 
 

1- Managing Across Borders

2- The Individualized Corporation

   आधुनिक प्रबंध मा सुमंत्रा अर क्रिस्टोफ़र तैं सद्यानी याद करे जाल .



हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -21 मा बाँचो

Management Guru Series to be continued.......

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Mangament Guru -20

प्रबंध शास्त्री - 20

                                  फ्रैंक गिलब्रेथ अर लिलियन गिलब्रेथ : गति अध्यन का उन्नायक


                   Frank and Lilian Gilbreth : Poineers of  Motion Study Concept


   (Notes on Management Theories from Old Age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

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                                     Bhishm Kukreti

                              फ्रैंक गिलब्रेथ (१८६८-१९२४) अर लिलियन गिलब्रेथ को जोगदान प्रबंधन विज्ञान  तैं अगनै बढ़ाण मा बड़ो जोगदान च .

फ्रैंक  गिलब्रेथ मा ण दो छौ कि उत्पादन अर हौरी जगा बि प्रबंधकुं कर्तव्य च बल प्रबंद्हल कामकाज्युं सामर्थ्य को

पूरो पूरो इस्तेमाल कारन. अर मनिखौ सामर्थ्य तैं भैर ल़ाणो बान सिक्षा, प्रसिक्षण , कार्य शैली, कार्य वातावरण

पर ध्यान दी ण जरुरी च. फ्रैंक पैल ब्रिकलेयर छौ अर फिर वैन अपणी इन्जिनीरिंग सलाहकार कम्पनी खोली.

फ्रैंक कु ब्यौ लिलियन क दगड १९०४ मा ह्व़े. दुयुंक बारा लौड़-लौड़ी ह्वेन. लिलियन ड़्यार औ काम बि सम्बाळदि  छे अर  फ्रैंक को दगड मा

 बि काम करदी छे. लिलियन न फ्रैंक को मरणो परांत  काम तैं पूरो कार

     

                     फ्रैंक आधुनिक प्रबंध विज्ञान क बुबा ऍफ़.एम्. टेलर कु समकक्षी  छौ अर टेलर को मान/आदर  करदो छौ.लिलियन तैं

'फर्स्ट लेडी ऑफ़ मनेजमेंट ' बुले जांद. लिलियन तैं १९९५ मा अमेरिका मा ' नेशनल वीमेन 'स  हाल ऑफ़ फेम' मा शामिल करे गे

 

                   फ्रैंक अर लिलियन गिलब्रेथ को कुछ ख़ास सिद्धांत   

 
 
 १- सरल तरीका : काम करणों तरीका मा सरलता हूण जरूरी च .

 फ्रें ण होस्पिटलुं मां औप्रेसन  क बक्त नर्सुं द्वारा डाक्टर तैं  औजार   दीणे अर हौरी सहायत दीणे कौंळ   बताई जन से
 
औप्रेसन क समय काम ह्वाऊ. अफु इ ड्यारम कार्य दक्षता अर समय कम करणो बान प्रयोग करदो रौंद थौ.

 

२- थरब्लिग्स : हाथुं गति पर फ्रैंक -लिलियन  न कथगा इ प्रयोग करीन अर अंत मा १७ तरं क गति बतैन .
 
 

३-  माइक्रोक्रोमोमीटर : कामगारूं गति अध्ययन क फोटो ल़ीणो बाद गिलब्रेथ द्वी झणो न पाई कि सेकंड का १/२००

हिज्जा तैं इ रिकोर्ड करे सक्यांद

 

४- प्रोसेस अर फ्लो चार्ट : फ्रैंक अर लिलियन न गेंट चार्ट को विकास करी एवम  प्रोसेस अर फ्लो चार्ट इजाद कौर

 

५- औपेरसन मा मनोविज्ञान :  लिलियन अर फ्रैंक न सिद्ध करी कि मजदुरूं क कार्य शैली मा बदलाव ल़ाणो बान

उद्देश्य पूरक  काम अर मजदुरूं खुणि  लाभदाई

योजना हूण जरुरी च

  ठीक च आज फ्रैंक अर लिलियन क काम कि महता जाणण कठण च पण उन्नीसवीं   सदी मा फ्रैंक गिलब्रेथ

अर लिलियन क काम बड़ो ही नयो अर विचारोत्तेजक छया .
 
 हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -22 मा बाँचो

Management Guru Series to be continued.......

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Mahabharat Judh k  Jad Chaam k Dali Nach –Gan:  The Garhwali Folk song Specifying Reason of Mahabharat Battle


(Folk Dance -Song of Garhwal, Traditional Dance Songs from Uttarakhand, Himalayan Folk Dance-Songs)

                              Bhishm Kukreti
                   
            Mahabharata has influenced Garhwal well before Mahabharata epic was actually created because the stories of Mahabharata were there in the form of folk literature in Garhwal too.
  There is one folk dance-song of Ravain region about the reasoning of great battle Mahabharata between Pandavas and Kauravas. This old song states that the reason of greatest of great battles –Mahabharata between Pandavas and Kauravas was a tree ‘Cham’. The story is very interesting and tells us that most of the time the conflict begins by petty matter than very important matters as song states:
                   महाभारत युद्ध का करण बतलाता लोक गीत
   

            डाळी बडी स्वरीग नैगी, डाळी बडी स्वरिग नैगी
             कौरों बोद डाळी हमारि , कौरों बोद डाळी हमारि
            पंडो बोद डाळी हमारि , पंडो बोद डाळी हमारि
             कौरों पंडो को झगड़ा लैगी, कौरों पंडो को झगड़ा लैगी
            डाळी होली कौरों की, खून लग्या धारी
            डाळी होली पंडो की, दूध भर्याँ पारी
            डाळी दूखु लैगीं तोणण, डाळी दूखु लैगीं तोणण
            डाळी लेगी दूध की धारी , डाळी लेगी दूध की धारी
            पंडो बोद डाळी हमारि , पंडो बोद डाळी हमारि
            कौरों -पंडो को जुद्ध लैगी , कौरों -पंडो को जुद्ध लैगी

 The Cham tree is touching the high sky. Kaurav claims that the tree belongs to them. Pandavas claim that Cham tree is their property.  Kaurav and Pandavas started fighting.  It was decided that if the Cham tree belongs to Kauravas , it will  ooze blood and tree belongs to Pandavas , the Cham tree will ooze milk.  Both started plucking leaves of Cham tree. The Cham tree started oozing milk. On the oozing milk, Pandavas claimed about tree Cham but Kauravas started claiming about Cham tree and the battle between Pandavas and Kauravas started battling.

Source: Dr Shiva Nand Nautiyal ; Garhwal ke Lok Nrity-Geet
Himalayan Folk Dance-Songs, Folk Dance -Song of Garhwal, Traditional Dance Songs from Uttarakhand, series to be continued in next part

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                      कवा झूट  बुलण वाळ  तैं किलै नि काटदो



 (Garhwali Satire, Garhwal Humorous essays, Satire in Uttarakahndi Languages, Himalayan Languages Satire and Humour )


                                    भीष्म कुकरेती
   

                 पैलो जमानो भलो छौ जब झूट  बुलण वाळ तैं कवा  काटदो छौ. बस झूठ  ब्वालो अर कवा अपण  ड्यूटी खुणि तयार. 

लोक बुल्दन बल युधिस्ठिर  धर्मराज को रूप छौ अर तबी  युधिस्ठिर झूठ नि बोल्दो थौ. पण महाभारत मा इन बि त नि लिख्युं च

 बल दुर्योधन न बि कबि झूट ब्वाल. जी नही! दुर्योधन बि झूठ नि बोल्दो थौ. अरे झूठ कनकै बोलणो थौ चाहे ओ युधिस्ठिर ह्वाऊ

या दुर्योधन ह्वाओ द्वी झूठ बोली नि सकदा छा. वै जमानो मा जनि क्वी बि झूट बोल्दो थौ सर से कवा काटणो ऐ जांदा छया.

जनि झूठ  बुले ग्याई तनी कवा कांव कांव करदा झूट बुलेंदर का मूंड पर चूंचै कचांग मारी दीन्दा होला. इन मा युधिस्ठिर त जाणि

द्याओ वैका मंत्री संतरी बि झूट नि बोली सकदा छा.

        पैलो जमानो भलो थौ तबी त वकील नाम को भयंकर सामाजिक जानवर वै टैम पर नि पाए जान्दो थौ. वै टैम पर वकील अर वकालतनामा

क जरोरात इ नि छे. कोर्ट  मा जनि क्वी मुवक्किल, मुद्दई  या गवाह क्वी बि  झूट बोल्दु रैं होलू झट से कवा ऐका पछ्याणक करदा होला बल

झूट क्वा बुलणु च  अर न्यायाधीस तैं कुछ करणे जर्वत इ नी छै. कवा न्याय का पंछी छया . सैत च वैबारी लोक कोर्ट मा नि जांदा छया .

कवा न्याय  करी लीन्दा छया

   अब यू रिवाज ख़तम ह्व़े ग्याई .कुज्याण  भगवान् न कवों शक्ति किलै कम करी दे होलू , भगवान् इ जाणल़ू . पण जु बि ह्वाई

ठीक इ ह्व़े होलू.

   अब ज़रा घड्यावदी, जरा स्वाचदी, जरा विचार कारो त आप बि बोलिला बल ठीक इ ह्व़े जु झूट बुळण वाळऊँ  तैं कवा  नि कटदो.

अच्काल झूठ बोलण वालूँ  तैं कवा काटदो  त भारत मा इ  द्वी चार सौ करोड़ कवों जर्वत होंदी. कुज्याण कु कखम झूठ  बोली दीन्दो 

त वै हिसाब से हरेक भारतीय क पैथर औसतन द्वी कवा त  चयेणा इ छया की ना?

      अब ज़रा  घड्यावदी/स्वाचदी की आप रासन कार्ड ऑफिस मा जयां छंवां  अर आप चपड़सी तैं  पुछणा छंवां बल "साब कख छन ?"

चपड़सी क जबाब होंदु , " साब एक जरुरी मीटिंग मा व्यस्त  छन ." . अर इना  चपड़सी न झूट ब्वाल ना की उना कवा ऐका चपड़सी

 क मूंड कच्याण बिसे जालो. कवा क्वी मनिख त छ नि अपण काम मा लापरवाही कारलु. जथगा समय भगवान् न झूट  बुलण वाळ तै 

ठैरायुं  होलू/नियत कर्युं कवा उथगा तैं त ल्यालो की ना ? इथगा मा वी चपड़सी फोन पर साब की बीबी मा बोल्दु, " हाँ मेम साब ! साब ओफिसियल काम मा

 भौत व्यस्त छन" अर फिर कवा की जरोरात होली की ना किलैकि साब त अपण  सेक्रेटरी दगड चा -पाणी पीण  मा व्यस्त छन . 

  इन मा  चपड़सी   पर चूंच मारणो या काटणो द्वी कवा ओफिसियाली व्यस्त ह्व़े जाला अर जब आप झूठ बोलिल्या बल आप की

आमदनी मिड्डल इनकम ग्रुप मा ना लोअर इनकम ग्रुप मा च त आप तैं काटणो एक कवा चयेंद अर फिर आपक  ड्यारम त चार इ आदिम छन अर

बोलणा छंवां बल आपक परिवार मा  छै आदिम छन त आप तैं काटणो हैंक कवा चएंद की ना ?

      अच्काल चार मोबाईल फोन अर जण चारेक गर्ल फ्रेंड रखण जरुरी ह्व़े गे. इ द्वी जरोरात बि छन अर स्टेटस  सिम्बल बि छन.

 अब आप एक गर्ल फ्रेंड तैं लेकी कै बढिया सी जगा मा शराब की चुस्की ल़ीणा छंवां , कैंडल  डिन्नर की तैयारी होणि इ च कि आपक

बीबी क फोन आये अर आप एक मोबाइल पर बुलणा छंवां, " ए भै !  मी जरा एक महत्व पूर्ण फोरेन क्लाइंट क दगड डिन्नर करणु छौं .."

अर इथगा मा  आप तैं काटणो कवा तैयार पण आप हैंको फोन पर दूसरी गर्ल फ्रेंड क दगड बचळयाणा छंवां, "  स्वीट हार्ट आज मी

जरा अपण साब क दगड बैठ्युं छौं .." आप तैं कटणो हैंको कवा तैयार अर इनी द्वी हौरी गर्ल फ्रेंडू फोन आलो अर आप तैं झूट इ बुलण 

पोड़ल अर खाली आपक इ वास्ता  चार कावों जर्वत ह्व़े जाली जो आप पर कचांग  लगाला.   

        अर  ज़रा घड्यावदी, जरा स्वाचदी, जरा विचार कारो की पार्लियामेंट अर विधान सभा  मा कथगा कवों जरुरत ह्वेली ! ए मेरी ब्व़े !

जख नेता लोक पल पल मा झूट  बुलणा  रौंदन उख त कव्वों की फ़ौज बि कम पोड़ळी . अर फिर चुनावूं टैम पर त नेता, नेताओं चमचा,

अखबार नबीस , खबररशां ( पत्रकार ), बिचौलिया, चुनौ  फंड दीण वाळ अर फंड ल़ीण वाळ  अर इख तलक की वोटर बि झूठ इ बुळणा रौंदन

त चुनाव क  टैम पर भगवान् इथगा  कवा कखन ल्हालो?   

  फिर चलो ! भगवान् कावों इंतजाम करी बि द्यालों पण कवों कु  खाणो इंतजाम कखन होलू. अच्काल त मनिख कवों तैं घी घुसीं रुट्टी

 नमकीन वगैरा दीणा रौंदन पण जब कवा झूट  बुलण वालुं तैं काटल त कै मनिख न दीण कवा तैं खाणक  ?

     भगवान् बि हमारो इ त च. इलै भगवान न ये जमानो मा झूठ बुलण पर कवा काटणो रिवाज बन्द करे दे . चलो ठीक इ ह्व़े .   


Satire in Uttarakahndi LanguagesGarhwali Satire, Garhwal Humorous essays, , Himalayan Languages Satire and Humour

to be continued in next issue....

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                        Payali :  A Garhwali Folk Song in Pandav Nrity Geet

( Himalayan Traditional Dance-Song, Folk Dance-Songs of Uttarakhand, Garhwali Folk Dance and Folk Songs)
                             Bhishm Kukreti      
              Pandav Nrity-Geet/Pandaun Dance-Song is very popular dance-song sequence for all Garhwalis and Kumauni. In Pandau nrity-geet , the story narrators (aujees) sing the stories of Pandavas of Mahabharata and dancers (Pashwa) dance on the music and song.
   The main musicians and singers of Pnadau/Pandav nrity-geet , Pandoli nach-gan/Pandav Dance-Song are Aujees who play Dhol and Damau (drums) and Aujee sing song for Pandav nrity too.
  When there is dance-song going on , in between the dancers take rest for the time being. At the such interval, a Pandouli (who dance or is part) comes to the Das/Aujees and request for a new Pandav story or new music of Pandav Nrity-Geet.  The request maker keeps one hand on his ear and by one hand the request maker does performance by indicating the hands to Aujees and sing the following type of song.
The requesting song is in figurative language and with exaggerating words
                           पयाळी : एक पंडौ गीत

                   मै छयो मेरा दामी निंदरा भुल्युं
                   अर म्यारो दामी, मै छयो सियूँ -
                                    झलाकार्या बिस्तरा , घुंघराळयाँ चारपाई
                   अब मेरा दामी , त्वेन लगाए मैं पराज
                    ढोल का शब्द , नगाड़ू की गूंज
                    मै आयूँ यख , धारु रड़ीक, गाडू बौगीक
                     अमर रयाँ भुला , तेरी पंदर पच्चीसी
                     आज मेरा दामी , तू मैकू
                     फूल स खिलै दे -भौंर सा उडै दे

O! Dami (who plays drum)! I was in deep sleep and had forgotten everything.
I was sleeping on a fine bed sheet and the bed with small bells. In deep sleep I was senseless or unconscious.
My Dami (music player) ! The words of Dhol and music of Damau reminded me  Pandau song.
I came from hill trembling from hills, came crossing the rivers.
My younger brother! You be always young (age of fifteen-twenty five ).
Hey my dami!
You make me happy as bloomed flower and as bee flies (by singing and playing new music.)
In Payali, the requesting person sings the song and Aujees play Dhol-Damau in slow rhythm   .


Source: Dr Shiva Nand Nautiyal, Garhwal ke Lok Nrity Geet.
Garhwali Folk Dance and Folk Songs, Himalayan Traditional Dance-Song, Folk Dance-Songs of Uttarakhand to be continued……
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                            सन २०११ ई. क ल्याखा ज्वाखा (कुछ खास घटनाअं )   
         

   (Garhwali Satire, Garhwali Humour, Himalayan Language Satire, Satire from Uttarakhandi Languages)

                                        भीष्म कुकरेती
 

             उन त कै बि सालौ लेखा जोखा दीण कठण इ होंद. जन जन आँखी तन तन घटनाउं दिखण मा विवधता ह्व़े जांदी.
 
हमखुण ज्वा बात  गौड़ बियाण जन महत्वपूर्ण होंदी हैंका कुण मूसी  बियाण जन तुच्छ बात होंदी. मनमोहन सिंग सिद्धान्तुं

मा हींग हगण (गरीबी ) हटौणो बान सिरफ़ अमीरों तैं प्रश्रय दिए जांद त भारतीय कम्युनिस्टी  निष्ठा मा अमीरुं अर अमीरी

क ईं धरती मा क्वी काम इ नी च.  मनमोहन सिंह क सिधांत गरीब हटाण चान्दन अर अमीर ल़ाण चान्दन त भारतीय

कम्युनिस्टी निष्ठा अमीरुं तैं मिठाण चांदन. गरीबी हटौणे कौंळ द्वी जगा गवे इ लगाणि रौंदी अर इन मा गरीबी हटौणे

  कौंळ द्वी जगा पैथर इ रै जांदी 

        अब द्याखो ना भाजापाई  मुंडअळी (हाई कमांड ) न  डा रमेश पोखरियाळ तै मुख्य मंत्री क खुर्सी बिटेन धकये द्याई

अर भुवन चंद खंडूड़ी  तैं मुख्य मंत्री क खुर्सी मा दुबर चिपकै द्याई. डा पोखरियाळ  कु  जाण अर खंडूड़ी क दुबर आण भारतीय

जनता पार्टी क दोगला पन की पोल खुल्दी. ये भै पैल त तुमन इमानदार मुख्यमंत्री हटायि अर फिर जब पोखरियाळ राज मा

जब तबादला उद्यम मा बढ़ोतरी, घूस -भ्रष्टाचार को राज ह्व़े अर जगा जगा भाजापाई सरकार की जग-हंसाई हूण लगी, चुनौ 

नजीक आण लगीन त भाजापाई मुंडअळी (हाई कमांड ) न सर से रमेश पोखरियाळ की जगा खंडूड़ी तैं खुर्सी मा पतकै दे .

वाह ! भ्रष्टाचार, भ्रस्टाचार्युं तैं टिक्क्वा (सह, समर्थन) दीण अर दगड मा अपणि छवि बि बणे क रखण हैं ? इ द्वी चीज

कबि दगड़ी ह्व़े सकदन ? अच्छा ! भुवन चन्द्र तैं मुख्यमंत्री क खुर्सी मा बिसौण ( थक  उतारने हेतु बैठना ) जन धौर  त दे पण

जु कारिन्दा , मंत्री डा रमेश क दगड छ्या उंकी खुर्सी जन्या की तन्नी . य़ी भाजापाई वल़ा अबि बि जनता तैं सीधा साधा नि

समजदन बलकण निरपट लाटो , कालो , बेवकूफ समजणा छन, उंह !  क्या अबि बि २०११ मा जनता बेवकूफ च ? जु

भाजापा क दियीं भुवन चन्द्र खंडूड़ी नाम की खिळवणि/पिंपरी  से बौगे जाली ?

          डा मनमोहन सिंह क आर्थिक सिद्धांत की पोल त हौरी बि तब खुल जब प्लानिंग कमीसन न भारतीयुं तैं सन २०११ मा बताई बल

भारत मा गरीब तीन चार सौ रूप्या मा अपण घौर चलै सकद बल. वाह ! डा.  मनमोहन सिंह क सिद्धांत ! वाह ! जख अम्बानी सरीखा

अमीर क तीन चार सौ कमरों क ड्यारौ  खर्चा सालाना तीन चार सौ करोड़ रूप्या ह्वाऊ वख गरीब तीन चार सौ रुपया मा जिंदगी जी ल्यालु !

मनमोहन सिंह जी ! आग लगावा  तै सिद्धांत पर, गुज्यर चुलाओ  तैं सिद्धांत तैं.

             गद्दाफी की हत्या अर मुबारक हुसैन को राज पाठ छोडिक जाण बथान्दन बल जब तलक अमेरिका जन डमडमो,  स्वार्थी देश को

हाथ  पैथर राओ त कुकर्मी, निर्दयी, नीच तानाशाह बि भौत सालों तक राज कॉरी सकद अर जै दिन अमेरिकी स्वार्थ पूर्ती बन्द ह्वाई ना

की प्रजातंत्र बहाली क नाम पर  गद्दाफी की  मौत होली अर मुबारक हुसैन तैं राज पाठ छुड़ण पोडल. कनी बि अमेरिका की  गुलामी करण

आज एक परम, अटल सत्य च 

     अमेरिका क सेना क इराक बिटेन जाण बि ये साल की बडी घटना च अर अमेरिका की फ़ोकट की धौंस बाजी, रौबबाजी , हेकड़ी बाजी

को एक ज्वलंत उदारण  च . अमेरिका तैं अपुण देस मा छोडिक प्रजातंत्र की कबि बि चिंता नि राई अमेरिका  तैं त बस अपण स्वार्थ पूर्ति अर रौब दाब इ चयेणु च .

         सन २००१ के अभिन्न घटना - टू जी स्कैम अर कॉमनवेल्थ गेम्स घुटाल़ा बथान्दन बल हर जुग मा धृतरास्ट्र काणो/अंधा  राजा ही पैदा होन्दन. डा. मनमोहन सिंह तैं इमानदार

प्रधान मंत्री माने जांद पण म्यारो बुलण च मनमोहन सिंह से बड़ो काणो/नेत्रहीन /अंधा/स्वार्थी  राजा (प्रधान मंत्री) आज तक भारत मा ह्वाई नी च . अरे

 पाणी भर्युं घौड़ जरा सी बि फुटदो त आस पास हीलू ह्व़े जांद. अर हमारा दर्शन -न्याय/तर्क  शास्त्र हिसाब से हम तैं पता चौली जांद बल घौड़ मा

पाणी छौ . त हे मनमोहन सिंह जी  (जु इमानदार प्रधान मंत्री छन) !  तुम तैं पता इ नि चौल बल तुमर राज मा इतिहास जनक घोटाल़ा/घपला/गडबड/गोलमाल

 होणा छन?वाह ! जनाब इमानदारी का पुतला ! तुम से बड़ो काणो राजा त धृतरास्ट्र  बि नी ह्वाई. इमानदारी को द्यू /दिया मनमोहन सिंह जी !   धृतरास्ट्र त आँखों अंधा/काणो

छौ पण तुमन सिद्ध करी दे बल कन स्यूं आँखों का बि कन अंधा /काणो  हुए सक्यांद अर जब भविष्य मा बच्चों तैं  स्यूं आँखों का कन अंधा/काणो हुए जांद

का उदाहरण दिए जाला त बुले जालो बल डा. मनमोहन सिंह माने स्यूं आँखों काणो /अंधा मनिख. इमानदार मन मोहन  सिंह जी ! आपन अर्थ शास्त्र मा डॉक्टरी कार

आप रिजर्ब बैंक का गबर्नर   बि रैन त साब , त जनाब ! इमानदार प्रधान मंत्री जी ! अप बि जाणदा हवेला की मैंनेज्रियल अकौंटिबिलिटी अर रिस्पोंसिबिलिटी क हिसाब से त

आपका प्रधानमंत्रित्व काल मा हुयां स्कैम का असली दोषी/पापी/कसूरवार/अभियुक्त/मुजरिम   आप ही छन कि ना ? इमानदार प्रधानमंत्री जी  ! क्या इमानदारूं मा

आत्मा/चेतना/अन्तःकरण/ब्रह्म/धर्म   को सरासर  ह्र्चंत ह्व़े जान्दो ?

    सन २०११ की सबसे  बडी घटना च अन्ना हजारे क भारतीय सामाजिक अर राजनैतिक अस्मान  मा आण .  पण अन्ना  हजारे को आण अर फिर २८  दिसम्बर खुणी

हताशा मा अपण अनशन तोड़ी दीण कथगा इ सवाल छोड़ीगे. लोक सभा मा लोकायुक्त बिल पास हूण अर  वी बिल राज्य सभा मा पास नि हूण बि अन्ना हजारे प्रकारण

को ही हिस्सा  च .

   अन्ना हजारे आन्दोलन से साबित ह्व़े बल राजनीति सिरफ़ स्वार्थी इ नी च बल्कण मा निर्दयी , कठोर बि च. पैलक रज्जा स्वार्थ बशीभूत अपण बुबा , अपण भयात तैं

ही मारी दीन्दी छया  आज को प्रजातंत्र मा बि इनी होणु च  . हाँ ! केवल हत्या जन बात दूर इ च पण राजनैतिक स्वार्थ का बान झूट  तैं सच घोषित करण, सच तैं झूट

बणे दीण , अपण स्वार्थ का बान जनता क्या अपण बुबा तैं तैं सरेआम धोखा दीण, लम्पटगिरी, छाल-परपंच, आत्मा की हत्या, बेईमानी की पूजा,  कर्म कुकर्म,

अपण गुनाहों तैं खुले आम दूसरों पर थोपण, चोर का चर्र चर्रा बोल, भ्रस्टाचार तैं ज्युंद रखणो बान भ्रष्टाचार तैं खूब गाळी दीण, सब कुछ हमन अन्ना हजारे आन्दोलन प्रकरण 

मा खुले आम द्याख.

   अर एक हैंकि बात बि लोगुन नोटिस कार जब अन्ना हजारे तैं मीडिया अर लोगुं क  अपार, अणथक जन समर्थन मील त अन्ना हजारे क टीम बि बेलगाम

 घोर डिक्टेटर जन आचरण करण लगी गे छे . उ त मुंबई मा २७ दिसम्बर खुणी अन्ना हजारे क अनशन मा लोक नि ऐन त अन्ना हजारे अर हजारे क

टीम तैं अकल आई की जन आन्दोलन मा डिक्टेटरी भली नि होंदी, लोग सब जाणदा छन , लोग सब पछ्याणदा  छन अर समौ  पर ही बुल्दन, जनता समौ पर

इ अपण सक्यात/तागत  दिखांदी

         अन्ना हजारे अर हजारे की टीम तैं समजण चएंद बल महात्मा गाँधी तैं भारतीय इ ना हौरू लोगुं क समर्थन थौ पण गांधी जीन ब्रिटिशुं  समणि तानाशाही

कबि बि नि दिखाई. अर कोंग्रेस तैं बि बिंगण चएंद  बल बाबा रामदेव तैं भगाणो बान कोंग्रेस्युं तानाशाही क तेवर ठीक नि छया . बाबा राम देव तैं बि समजण चएंद

जनता क भलो बान लाठी-गोळी खाण इ पड़द . बाबा राम देव समजी त गेई होला बल पुलिस क डौर न स्टेज बिटेन फाळी मारिक भजण वालुं  तैं भारतीय जन मानस

ना त गाँधी क च्याला माणदी ना ही महान ऋषि पातंजलि क शिष्य. डौरक  भजण वाळ  तैं ना त  जोगी बुले जांद अर ना ही नेता वै तैं त डरख्वा ही बुले जांद.

बाबा रामदेव जी ! जनता सब जाणदी च सब पछ्याणदी च अर समौ पर ही अपण हथियार निकाल्दी. जनता  तुमर जन हर समय बक बक नि करदी. 

 

      Garhwali Satire, Garhwali Humour, Himalayan Language Satire, Satire from Uttarakhandi Languages to be continued in next issue

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Mangament Guru -22

प्रबंध शास्त्री - 22         

                               डेनियल गोलमैन : भावनात्मक बुद्धि/मेधा  (इमोसनल इंटेलीजेंस  ) को  धड़वे

                              Daniel Goleman : Famous for Emotional Intellegence                         


(Notes on Management Theories from Old Age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,

Human Resourse Development Management Guru, General management Guru )

 

                                         Bhishm Kukreti

       

          डेनिअल गोलमैन (१९४६-)  से पैलि बुधि नापणो एकी पैमाना छौ अर वै तैं 'इंटेलिजेंस कोटियंट  (IQ ) बुले जांद छौ. 

डेनियल न IQ  सिद्धांत  तैं ललकार अर ब्वाल बल इमोसनल इंटेलिजेंस  'इंटेलिजेंस कोटियंट से जादा महत्वपूर्ण च.

 डेनियल गोलमैन न अपण सिद्शंत इमोसनल इंटेलिजेंस को खूब प्रचार प्रसार कौर . डेनियल कु विचार च बल

 मनिख म भावनात्मक मेधा या बुद्धि एक योग्यता होंद जो अफुं  तैं प्रेरित करणो बान अर अपण भितर अर भैरक सम्बन्ध प्रबंध करणो बान, 

अपण अर दूसरों भावना पछ्याणद .

      डेनियल को जनम १९४६ मा ह्व़े अर वैन मनोविज्ञान मा पीएच डी. कि डिग्री हार्वर्ड बिटेन लेई . १९९५ मा  डेनियल गोलमैन की

बेस्ट स्यलिंग किताब ' इमोशनल इंटेलिजेंस : व्हाई इट कें मैटर मोर दैन  IQ ' छप अर वैको नाम मनोविज्ञान अर प्रबंध विज्ञानं संसार मा चमकी गे.

 फिर १९९८ मा डेनियल की किताब ' वर्किंग विद इमोशनल इंटेलिजेंस ' छप त डेनियल प्रबंध विज्ञान मा एक बडी हस्ति ह्व़े गे. डेनियल गोलमैन

क मानवीय व्यवहार सम्बन्धी लेख न्यू योर्क टाइम्स  मा लगातार छपेणा रौंदन. डेनियल क सिधान्तुं मा पतांजलि क योग सूत्र, भारतौ तन्त्र विज्ञान,

बौद्ध तन्त्र, कृष्ण मुरती सीख आदि मिलदु  ,

डेनियल न सिद्ध करणे कोशिश करी बल इमोसनल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता जितणो एक अश्त्र च

                         इमोसनल इंटेलिजेंस का द्वी पहलू


 १- अफु तैं  पछ्याणण, अपर उद्देश्य/उद्देस्युं  तैं जणण, अपुण इरादों तैं पछ्याणण, आदि

२- दूसरों तैं अर ऊंकी भावनाओं तै पछ्याणण   

                         इमोसनल इंटेलिजेंस का पांच क्षेत्र


१- अपण भावनाओं जानकारी

२- अपण भावनाओं तैं काबू करण

३-अफु तैं अफिक प्रेरित करण

४-दुसरौं भावनाओं पछ्याणक  करण अर ऊन भावनाओं जानकारी हासिल करण

५- आपसी सम्बंधुं क भली भांति सैंकी रखण या सम्बन्ध प्रबंधन को मतबल च  दूसरों भावनाओं को प्रबंधन  करण

                प्रतियोग्यता मा  इमोसनल इंटेलिजेंस को प्रयोग   



१- अफु तैं जाणण   

२- अफु तैं सँभाळण याने स्व प्रबंधन

३- समज मा प्रतियोगिता करण

४- सामाजिक बुद्धि या युक्ति : दूसरों मदद करण, दुसरो क विकास करण, दूसरों पर प्रभाव या छाप छोड़ण, बदलाव प्रबंधन की बुद्धि,  आपस मा सहकारिता स्थापित करण ,

                                         आपस मा गाढ़ो  सम्बन्ध स्थापित करण , समूह मा भयात क सिद्धांत लागु करण 

                       पर्वाणु / लीडरूं  गुण अर किसम



डेनियल न इमोसनल इंटे लिजेंस क हिसाब से पर्वाणु  किसम इन बथाईन   

१- डांडामार या जबरदस्ती करण वाळ  परवाण   

२- जोरदार या रोबदार पर्वाण     

३- सम्बन्ध कारि पर्वाण 

४- प्रजातन्त्री पर्वाण   

५- दौड़प्रेमी पर्वाण   

६- सिखाण वाळ  पर्वाण

 डेनियल गोलमैन क सिधान्तु विरोधी बि कम नि छन

                        Key Books by Deniel Goleman

 

1- Emmotional Inteligence, 1995

2- Working with emtional Inteleigence 

 

हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -23 मा बाँचो
Management Guru Series to be continued.......

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Mangament Guru -23
प्रबंध शास्त्री - 23         

                                             गैरी हैमल ; नवी रण नीति क धड़्वे   
 
                         Gary Hamel : Famous for The Search for a New Stretegic Platform                                                             


(Notes on Management Theories from Old Age till date, Notes on Managemnt Thinkers and Management Practices,

Management Gurus, Marketing management Guru, Qaulity Mangement Guru, Operation Managemnt Guru,
 
Human Resourse Development Management Guru, General management Guru )

 

                                          Bhishm Kukreti
                    गैरी हेमल (१९५४-) अर वैको  गुरु सी.के.प्रहलाद 'कम्पीटिंग  फॉर फ्यूचर  ' लेख अर किताब का कारण प्रबंधन क्षेत्र मा प्रसिद्ध

ह्व़े.  गैरी हेमल का व्यौपार मा रण नीति न प्रबंधन विज्ञान्युं अर प्रबन्धकुं  दुयूं तैं प्रभावित कार.


                                      गैरी हेमल का  ख़ास विचार
 १- आज व्यौपारिक संस्थानुं तैं परम्परा तोडू रण नीति से भविष्य दिखण चएंद

२- रण नीति तैं  मुख्य प्रतिस्पर्धी गुण बणाण चएंद

३- गैरी हैमल न रण नीति क्रान्ति (Strategy as revolution )  लेख मा कथगा इ ख़ास बात बतैन

४- रण नीति कि रचना करे जांद ना कि रण नीति कखी पड़ीं रौंद

                   Key Books by Gary Hamel
1- Cooauthor with C.K.Prahlad,  Competing for Future, 1994

2-Coauthor with yves Doz , Aliance Advantage : The Art of Creativng  Value. 1998 

3- Staretegic Flexibilty , 1998

4- Leading the Revolution , 2000

 

हैंको Management Guru का बारा मा फड़कि -24 मा बाँचो
Management Guru Series to be continued.......

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