गढवाल , उत्तराखंड में वन पशु -पक्षी मारने , पकड़ने संभालने के पारम्परिक तकनीकें
गढवाल उत्तराखंड म वण पशु पकड़नो , मारणी , अयेड़ी खिलणो ब्योंत
जंगली पशुओं को ढांगू, उदयपुर डबराल स्यूं लंगूर में जंगली पशु , पक्षी मच्छी पकड़ने, मारने /शिकार खेलने/ संभालने की पुरातन तकनीकें जो अभी भी प्रचलित हैं
उत्तराखंड पारम्परिक भोजन श्रृंखला
Capturing, Handling and Preserving Wild Animals in Jaspur, Saur, Gweel, Bareth, Mitragram, Gadmola Dhangu, Garhwal; Uttarakhand
अयेड्या, Hunter from Jaspur Dhangu - भीष्म कुकरेती
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अयेड़ी खिलण या hunting या शिकार खेलना/मृगया/आखेट ब्यूंत आदि मानव संस्कृति म मनिखान अपणै याल छौ जु गढ़वाळ, उत्तराखंड म आज बि प्रचलित छन। वन पशु , पक्षी मच्छी पकड़ने, मारने /शिकार खेलने/ संभालने क कुछ ब्युंतों विवरण सक्छिप्त म या च -
जलचर पशुओं (माछ, गिगड़ ) पकड़नों विधि -
सरल स्थलों म हाथन विशेषकर गिगुड़
रात म उज्यळ ( दिवळ छिल्ल जळैक माछों तै अँधा /कन्फ्यूज्ड करी पाणी मथि लाण अर मच्छी पकडन
बड़ा बड़ा पत्थरों पर घौणै चोट करी माछों तैं अचेत करण अर पकडन/ मच्छी पकड़ना
रामबांस या अन्य माछ विषैला पत्तों तै थींचि पाणिम डाळण अर तब अचेत माछ पकडन/मच्छी पकड़ना ।
चंळु /बड़ो चंळु पाणी तौळ लगैक या चंळु म पत्थर धरी मच्छी दार पाणीम डुबैक माछ पकड़न/मच्छी पकड़ना
लुट्ट्या, गागर या बंठि क मुंडळ दुंळ वळ कपड़ा बांधे जांद अर यी भांड वै पाणी तौळ धरे जांद जख माछ हूंदन। विशेषकर छूट माछ /गड्याळ आदि।
बाँसक , या भ्यूंळक ठुपर /कंडी मच्छी दार पाणीम डुबाण या छिंछवड़ तौळ धरण अर माछ पकडन /मच्छी पकड़ना
जाळ - भांगौ जाळ महीन हूंद जु माछ पकड़नों कार्य करदा छौ।
बाँसक तीर या बल्लम से मच्छी मारण /मच्छी मारना
पाणी रोकिक माछ मारण /पानी रोक कर मच्छी मारना
पाणी तै दुसर जिना मुड़ण अर माछ मारण /पानी की दिशा परिवर्तन कर मच्छी मारना
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रातम उज्यळ से कुछ वन पशु या पक्षी पकडन ( पशु अचेत , अँधा ह्वेका )
माछ
जल कुकुड़
गिगड़
कुछ पक्छी
कुछ जंगली कुखुड़ आदि
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जाळ डाळिक
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विशेषकर पक्छी व मच्छी पकड़ना
उदाहरण -
पक्षी
मुर्गे
बटेर
टर्की
बतख
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जिबळ/खबळी गड्ढे बनाकर पशु पकड़ना
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जै बाटम जंगली पशु आदतन आंदा होवन वे बाटो म गैरो गड्ढा कौरि मथि घास फूस धरे जांद अर कुछ समय पैथर पशु ांदन गड्ढा म लमडी जांदन। फिर पकड़िक - सुंगर, हिरण , मिरग , काखड़ आदि।
जै बाटम जंगली पशु आदतन आंदा होवन वे बाटो म काठौ कठघर/खबळी बणै क पशुओं तै पकडन / पशु पकड़ना
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घ्वाड़ा बाळों / बांस से जिबळ बणैक कुखुड़ फंसाण /मुर्गे पकड़ना
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बांस का बरछों से पशु /पक्छी मारण /घैल करण /बरछे से वन पशु मरना
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शाही /सौलु मारणो पकड़णो /पकड़ने कुण बिल का भैर धुंआ डेक शाऊल /शाही तै भैर आणो विवश करण अर लाठों से मरण
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सामूहिक रूप म सुंगर /घ्वीड़ काखड़ दौड़ैक थकाण , लुड़े क (पत्थर मारकर ) पकड़ण या मरण
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खरगोश आदि मरण - जाळ , तीर /बरछा से
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बौणम आग जळैक पशुओं तै भर्मित करण या भगाण
copyright @ Bhishma Kukreti , 2021
Capturing, Handling, and Preserving Wild Animals in Jaspur, Saur, Gweel, Bareth, Mitragram, Gadmola Dhangu, Garhwal; Uttarakhand will be continued
जंगली पशुओं को ढांगू, उदयपुर डबराल स्यूं लंगूर में जंगली पशु , पक्षी मच्छी पकड़ने, मारने /शिकार खेलने/ संभालने की पुरातन तकनीकें जो अभी भी प्रचलित हैं श्रृंखला चलती रहेगी