Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-56
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -56
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद
१-हिंदी - तुम पुस्तक पढ़ रहे थे
कुमाउंनी -तुम किताब पड़णौ छिया
गढ़वाली - तू किताब पढ़णु छौ /छयो
तुम किताब पढ़णा छ्या
२- हिंदी - मै फल खा रहा था .
कुमाउंनी -मै फल खाणौ छियुं
गढ़वाली - मि फल खाणु छौ
३- हिंदी - मैं पढ़ने जा रहा हूं
कुमाउंनी - मै पड़णहूं जाणयूँ
गढ़वाली -मी पढ़णो जाणु छौं
४- हिंदी - तुम घर जा रहे हो
कुमाउंनी -तुम घर जाणौ छा
गढ़वाली -तू घौर /ड़्यार जाणु छे /तुम ड़्यार जाणा छ्न्वां
५- हिंदी - वह बाजार जा रहा है
कुमाउंनी - ऊ बजार जाणौ छ
गढ़वाली -वु बजार जाणु च
६- हिंदी - वे मनुष्य पढ़ रहे हैं
कुमाउंनी -ऊँ मैश पड़णाईं
गढ़वाली - वो/वु मनिख पढ़ना छन
सन्दर्भ-
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....