Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-64
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -64
Edited by Bhishm Kukreti
हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -9
७६- हिंदी - हे भगवान् ! आप क्यों नहीं आते?
कुमाउंनी -हे भगवान ! आपूं किलैनि ऊना
गढ़वाली - हे भगवान ! आप किलै नि औणा /आणा छंवां ?
७७-हिंदी - भैया! यहाँ आओ
कुमाउंनी -भया ! याँ आ
गढ़वाली - भया ! इखम आ
७८-हिंदी - कल क्या हुआ था?
कुमाउंनी -बेइ कि हौ ?
गढ़वाली - ब्याळि क्या ह्व़े/ह्वाई ?
७९-हिंदी - वै कैसे आये थे ?
कुमाउंनी -ऊं कशी आईं
गढ़वाली - उ/ वु कन ऐन ?
८०-हिंदी - वे चार भाई हैं.
कुमाउंनी -ऊं चार भै छन
गढ़वाली - ऊ चार भै छन
८१- हिंदी - मेरे पास पांच रूपये हैं
कुमाउंनी -म्यार पा पांच रुपैञ छन
गढ़वाली - मीम पांच रूप्या छन
८२-हिंदी - कक्षा में छ लडके हैं
कुमाउंनी -दर्ज में छै छयाल छन
गढ़वाली - दर्जा मा छौ लौड़ छन
सन्दर्भ-
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali Hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....