Parashar Gaur
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एक गढ़वाली मजाक (जोक )
एक गढ़वाली लड़का अपणी प्रेमिका से मिलणा की वेल ककई कोशिश करीनी
पर लड़की कु खडूस बुबल वेकी सरया कोशिशो पर पानी फेरी दे !
एक दिन अचानक वे थाई एक युक्ति सूझी वेल फोन उठाई अर
अपनी प्रेमिका थाई फोन लगाईं ! घंटी बाजी---! बुब्ल उठाई --- !!
बुबा -- " कुछ रै … " ( तभी हैंका तरफ बटी आवाज आई )
' ----जी . मि , अभीताप बच्चन बोनु छो कु बणालु करोड़पति बिटि ।"
( बबन जानी सूनी वो पागल से ह्वेगी-- बोली--- )
" --नमस्कार जी , नमस्कार जी , अहो भाग्य --- ब्वाला, ब्वाला मि क्या सेवा करे
सकदु आप की !
_ " प्रियंका से बात हवे सकद ! दरसल वींकी एक सहेली मेरा सामणी हाट सीट पर
बैठी च ! वा एक सवाल पर अटकी गे , अगर पिंकी वे सवालो सही उत्तेर दे देल त
समझा वेकी जिंदगी बनी जाली वरना एक दम ताल ऐ जालु !
बुब्ल बोली -- " (अभी बुलादुजी, रुका हवा । पिंकी थै आवाज लगांद
फोन देकी )_
"----अभिताप बचन जी छन फोन पर, ली बात कैर ! "
लड़का : सवाल च "आज शाम कुणी कख मिलली "
आप्सन छन -----
A: तैल्या बाजार
B: मैल्या बजार
C: बस अडा
D:गणेशै दुकानमा
लडकी:"Option बी
लड़का : पक्का ----!!!!
लड़की : _ पक्का २, पिताजी का सौं !
एक दम सही काम बनेगे --------
( तालिया बजणी रेन चैदन दगड़्यु )
--- पराशर