Ek Vyang " एकता सम्मलेन "
पहाडियों ने एक समेलम को आयोजन करी ! ये समालन की आवसकता इलै पडी की वख का लोग आपस मा जाती का आधार पर , राजनैतक आधार पर, सोच का आधार पर , अलग अलग ग्रुपो माँ छा ब्ट्या ! कुछ्ल ये फैसला कारी, की , इबरी दा वो नेता बुलौण , जू , ई दलगत राजनीत से उपर सोचु , जैका बिचार हम सब से अलग हो और सबसे बडी बात, जू हम सब थै एकठा को देऊ !
समेलना दिन हर जिला बीटी जनकी चौनकोट /बहार स्यूं / नागपुर /राठ आदि आदि का लोग आया ! मंच बणयेगे ! जगह जगह पोस्टर चिपकाए गिनी अर मंच पर एक बडो पो़स्टर लटकयेगे जैमा लिख्यु छो ........
" एकता की मिसाल, हमारू गढ़वाल "
भीड़ जुटी ! पंडाल भरै .. मंच माँ सबसे पैली कुर्सियों लेकी घ्रोलरोल सुरु हुवे की, कु कु बैठ्ला ! माइक से उकी आवाज सब्यु थै छै सुणीणी !.....
"------ नही जी नै .. नेताजी का बगल मी बैठुलू .. "
त हैकु बुनू ... "___ तू किलै भै , मी किलै ना ? "
पैलू वालू बोली .. " अब्बे तेरे ओखात च , मेरा बगलमा बैठना की ? सकल देखिच एनम
बडू आयु च नेता बणण वलु !
तिसरल बीच माँ बोली अजी ... " किलै छा लाणा .. पैली नेता जी थै त आणि देवा "
जनि , नेता जी एनी , मच माँ उका बगल्म बैठना का बाना कुई इनै लम्डी , कुई उनै .! तभी कैल माइक से बुनू सुरु कैरी ...
" -- भांइयु .. आप लोग शाती का साथ बैठा .. नेता जी आज हम सब थै एकठा कना का वास्ता आया छन उकी `सोच,, उका बिचार से आप लोग उन भी परचित छो की, वो, पहाड़ की एकता का वाता कतका चिंतित छन ! मी नेता श्रोमणी श्रीदास श्रीशिंह जी बिनती करदू की वो , हम थै रास्ता बतैकी जू हम अलग अलग हिसौ माँ ब्ट्या छा सब थै एक मंच पर लैकि ये एकता समेलन थै सार्तक करी .. नेता जी ... "
नेताजिल माइक पड़ी और सुरु ह्यैनी ......
" ____ म्यारा मुल्का रैबासियु .. पहाड़.... अब वो पहाड़ नि रायु ! पाहड का पहाडी , बहुत अगनै बड़ीगीन ! इथ्गा अग्वाडी ... की , यख बटी जू जाद , वो वापस नि आदु .... ( तालिया बजदी ) तब वो, वख भी संथा बणादी ! केका बाना ! .. तराकिक बाना ! .. , भ ले मुल्के ना, . अपणी सै .. ( तालिया .. )
हमरु पहाड़ , हमरु गडवाल माँ एकता की बात त, गाडा गड्नो से देखि ल्या ... सब मिली नयार माँ मिलदी अर नयार गगाजिम !
तबी बीचम कुई चिलाद " नेताजी जिदाबाद . श्रोमणी श्रीदास श्रीशिंह जी ... जिंदाबाद .."
नेताजी फिर सुरु हुआ ------
" .. देखना ये पडाल माँ कई जिला का लोग छन आया जनकी एक ( आदिमा क ओर इसार कैकी ) आप .. आप गगाँगाड़ी , , आप सैलाणी , आप अर वो ---, वो , फार वो ---
रा अ आ ठी ( राठी ) ....
तबी जै पर नेताजिल उगली से इशारा कई छो वो चिलाई --------------
' -- अबै ... कोच राठी ई ई ! अर कैखुणि बोली तिल राठी .. बतामिईज क ख्याकू .. // ( बगाल्वल से बोली) जरा ईनै लोदी मेरी तै लाठी .. ये थै बतोदु छो कोच राठी ..
भीड़ भड़की ...घापरोल ह्वई .. मन्चै तरफ लोग भागा ! " मारो -- मारो ये नेता थै जू हम थै बुनू राठी .. ! "
कुरच्म कुर्चयूओ का बाद नेता युगे अर स्यु गे ! कैल मईक फेकी ! , कैल कुर्सी ! त कैल.. बैनर फाडा .. थोडा देरा बाद भीड़ तितर-बित्तर ..
एकता का नाम पर मंच पर वो पोस्टर हवा छो लटकियु ! जेमा लिख्यु छो
" एकता की मिसाल, हमारू गढ़वाल "
परासर गौड़ date 28 july 09