इत्ती सी सड़क और इसके भी सौ अफसाने – रानीखेत की बूचड़ी रोड
दिल्ली से पधारे एक मित्र बोले इत्ती सी सड़क और इसके सौ अफसाने ! हमने उत्तर दिया यही तो है गागर में सागर,यही तो है हमारा रानीखेत ! यही तो है ‘बूचड़ी रोड’ की खासियत !
यह सही है जब हम यहाँ 1988 में आये थे यहाँ बित्ता सा सामन भी नहीं मिलता था ! समय बदला अब तो मेरे घर बड़ोला कॉटेज से मात्र फकत 99 कदम आगे बढ़ो तो इस बीच आपको हवाई जहाज के अलावा सब कुछ मिल जाएगा ! हांलांकि हम हमेसा जाम, व भीड़ भाड़ की स्थिति से परेशान भी रहते हैं, पर इस परेशानी का भी अपना मजा है !
रानीखेत की सदर बाजार को टक्कर देती हैं यह सड़क ! मिनी सदर बाजार का रूप ले रही हैं यह सड़क ! पर अफ्सोच बंदरों से भी गुलजार रहती है यह सड़क l आखिर मंजिल पर पहुँचते पहुँचते बड़े बड़े घाव लिए कराह रही है यह सड़क !
पुलिस भी कभी-कभी इस स्थान में रेड करती है और गलत पार्किंग के कारण टैक्सी वालों को हटा देती है ! पर कुछ समय बाद वह फिर यथा स्थान दीखते हैं ! इस सड़क को कोई फरक नहीं पड़ता ! यह सब कुछ बड़े प्यार से चलता रहता है l किसी को कोई शिकायत नहीं ! हमें भी नहीं ! क्यों न हो तो हमारे तो दरवाजे पर ही फैंसी टेलर फैशन डिज़ाइनर विराजमान है तो ब्यूटी पार्लर भी है ! क्या आप सोच सकते हैं जिन जिन कार्यों के लिए हमें हल्द्वानी जाना पड़ता था वह घर पर ही हो जाते हैं ! कितनी लम्बी है यह बाजार यह तो देखना पढेगा ! मजे की बात है यहाँ बड़े-छोटे ट्रक भी शोभायमान रहते हैं !
अरे अरे, यह तो एक कहानी का प्लाट बन गया है ! इस पर एक लेख तो बनता ही है ! मैं भूल रहा हूँ, जो हमारे सामाजिक कार्यकर्ता व नेता जो नहीं कर पाए, वह इस सड़क ने कर दिखाया ! नर सिंह ग्राउंड में सामाजिक कार्यकर्ताओं व नेताओं के मध्य भयंकर 'श्रेय ' की होड़ को धता बताये हुए इस सड़क पर हर साल एक झन्नाटेदार, जोरदार मेला भी तो होता है ! इसमें बाहर के व्यापारियों की चांदी हो जाती है, पर रानीखेत वासी इसमें भाग नहीं लेते एवं निर्विकार भाव से मूक दर्शन बने रहते है ! क्यों यह तो वहीं जानें ? इस जोरदार मेले का न कोई अध्यक्ष होता है न जनरल सेक्रेटरी ! पर 4-5 दिन के मेले में जनता बहुत सामान घर को ले जाते हैं ! ऐसा लगता है जैसे सामान फ्री में मिल रहा हो !
कार में फैंसी प्लेट लगानी है, कार,स्कूटर, ट्रक की बैटरी चाहिए सब कुछ है यहाँ ! यहाँ किराना की दुकानें हैं जो मॉल से कम नहीं हैं ! लो यहाँ दूध, सब्जी भी यहाँ मिल जाती है ! युवा युवतियों के लिए कंप्यूटर कोचिंग सेंटर भी हैं ! पीछे एक हाईली क्वालिफाइड एम० डी० महिला डॉक्टर का क्लिनिक भी है l यहाँ की दुमंजलि दुकानों की तो बात ही क्या है l यहाँ वकील हैं तो चार्टर्ड अकाउंटेंट भी विराजते है ! यहाँ मेडिकल स्टोर हैं तो चश्मे की दूकान भी है l यहाँ होटल है तो टेलीविज़न शॉप भी है तो क्लॉथ मर्चेंट की दूकान भी है तो डॉक्टर का क्लिनिक भी है !
परन्तु टॉयलेट ढूढ़ते ही रह जाओगे ! वैसे अगले 200 कदमों की दूरी पर आधुनिक टॉयलेट तो है ही ! पर पुरातन कालीन ओपन एयर टॉयलेट का आप्शन भी है ! कूड़ा फेंकने के लिए एक नहीं दो-दो कूड़ेदान हैं ! यहाँ सुभाष चौक भी है जहां जिला अन्दोलन तो होता है पर नगर पालिका अभियान यहाँ नहीं होता ! इसका उचित स्थान तो गाँधी चौक ही माना जाता है ! ऐसा क्यों ? इस पहेली का उत्तर मैं नहीं ढूढ़ पाया ! यहीं पर हर पार्टी के नेताओं का अड्डा है ! यहां क्षेत्रीय से लेकर अंतर राष्ट्रीय समस्याओं पर बहस होती रहती है, वाद विवाद होते रहते हैं ! कहते हैं यहाँ बाघ और बकरी एक ही घाट पर पानी पीते हैं ! परन्तु इस राजनितिक अड्डे की उपलब्धि क्या है ? यह पता नहीं ! यहाँ की ज्वलंत समस्या रानीखेत जिला, नगर पालिका, खेल का मैदान, सीवर लाइन है l कुमायूं के चार धाम मान्यता हेतु सोसियल मीडिया अभियान को सफल बनाने की बात भी है ! इन पर बात होती है पर नेताओं के मतभेदों व श्रेय लेने की प्रवृति के कारण सब मामले टाँय-टाँय फिस हो जाते हैं ! इन समस्यों को मुख्य मंत्री क्या केन्द्रीय मंत्री भी नहीं सुलझा पाए ! बात तो जोर शोर से होती है, जुलूश भी निकलते हैं, मिठाइयां भी वितरत की जाती हैं और ऐन मौके पर नेता एक दूसरे पर दोषारोपण कर निकल लेते हैं ! इस सड़क का नाम बदलने हेतु बड़े बड़े राजनीतिक सूरमाओं ने प्रयास किये !
कटक पालिका, रानीखेत के बोर्ड की 30 मार्च, 2016 को नाम परिवर्तन हेतु बोर्ड ने प्रस्ताव पास किया ! पर साईंन बोर्ड नहीं लगे ! अब यह मामला 7 साल 4 माह से लंबित है ! क्या कोई नेता गण हमारी गुहार सुनेंगे ! जनता की पुकार सुनेंगेर ? राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज चिलियानौला का रानीखेत से कट सा जाने के बाद विद्वित जनों एवं जन साधारण में बौद्धिक विचार विमर्श एवं पत्रकारिता में उच्च मानदंड स्थापित करने हेतु प्रेस क्लब को उचित भवन उपलब्ध करवाने हेतु हमने बहुत प्रयास किये पर वही ढाक के चार पात ! इसलिए इन चार अक्षरों को ही पढ़ कर संतोष्ट मिल जाय तो क्या बात ! अतः इति अष्टम, लस्टम , खस्टम
बड़ोला कॉटेज की 2023 व 1999 की 3 फोटो संलग्न है !
डीएन बड़ोला 9412909990 9 अगस्त, 2023
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Important Comments :
Rajiv Lochan Sah From : 9.5.23
जानदार. आपने तो पूरा रानीखेत आँखों के सामने रख दिया.
HJB Singh वह क्या बात है रानीखेत के कोने की कहानी माननीय वरिष्ठ समाजसेवी, राजनेता एवं अध्यक्ष प्रेस क्लब रानीखेत के सम्मानित श्री डी एन बडोला जी की जबानी। बहुत बढ़िया
Narendra Rautela : अद्भुत शब्द कथा अथवा रानीखेत की व्यथा कथा l