Author Topic: Articles By Shri Pooran Chandra Kandpal :श्री पूरन चन्द कांडपाल जी के लेख  (Read 61626 times)

Pooran Chandra Kandpal

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   बहादुर नना कैं बधाई

   २४ बहादुर नना क कारनामों  कैं देखि चनरदा भौत गदगद
है बेर बतूं रईं," हर साल गणतंत्र दिवस क मौक पर हमार देश क
वीरता में नामांकित  बहादुर नना कैं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार
ल सम्मानित करनीं.  अलै बेर लै २४ नान बहादुरी लिजी पुरस्कृत हईं.
 इनु में १६ च्याल और ८ च्येलिय छीं. २४ में बै ४ कैं य मरणोपरांत
दिई गो. यूं चारों ल बहादुरी की मिशाल ठाड़ी करनै आपण बलिदान दि दे. 
यूं अमर है गईं.  यूं २४ नना क इज -बौज्यू हुणि धन छीं जो इनरी कोखि
 में यसि औलाद पैद हैछ.  यूं २४ नना में द्वि उत्तराखंड क लै छीं. एक छ
मोनिका(मनीषा) जै कैं य पुरस्कार मरणोपरांत मिलौ और दुसर  छ
लाभांशु. यूं द्वि नन्ना ल आपण इस-बौज्यू, गौं, इलाक, इस्कूल क नाम त
उच्च करौ, उत्तराखंड राज्य क नाम लै बहादुर बच्चों की सूची में आछ.
यूं नान गणतंत्र दिवस परेड में शामिल ह्वाल".

         चनरदा ल अघिल बता," राष्ट्रीय बहादुरी  पुरस्कार भारतीय बाल
कल्याण परिषद (इंडियन काउन्सिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर) द्वारा हर साल
दिई जांछ.  हर राज्य में य संस्था कि शाखा छीं. हर साल एक जुलाई बटि
३० जून क बीच में छै वर्ष है ठुल और १८ वर्ष है नान उम्र क ऊं बच्च य
पुरस्कार क लिजी आवेदन करि सकनी जैल आपणी ज्यानै कि परवा नि
 करि बेर दुसर कि ज्यान बचै. य पुरस्कार कैं गौं पंचैत, जिला परिषद,
इस्कूल क प्रधानाचार्य, जिला पुलिस प्रमुख, जिलाधिकारी या क्वे लै समकक्ष
अधिकारी परिषद कि राज्य शाखा क पास द्वि झणीयां कि गवाही क सांथ भेजि
सकनी.  प्रमाण क तौर पर अखबार कि कटिंग, पुलिस रिपोर्ट, ऍफ़ आई आर
लै संलग्न हुण  चैंछ. एक उच्च स्तरीय समिति बहादुर नना क चयन करीं.
१९५७ में य पुरस्कार  चालु हौछ. तब बटि ८९५ बहादुर नना कैं जमें ६३४
 च्याल और २६१ च्येलिय  छीं, य पुरस्कार प्राप्त हैगो.  राजधानी में यूं  नना
 कैं राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दगै मिलाई जांछ.  यूं बहादुरों कैं
एक कसक पदक  , प्रशस्ति पत्र और नकद राशि दिई जैंछ. सर्वोच्च  बहादुरी
लिजी सुनक पदक  दिई जांछ. विशेष पुरस्कार क रूप में संजय चोपड़ा,
गीता चोपड़ा और बापू गयधानी पुरस्कार लै दिई जांछ. सब बहादुर नना कैं
बधाई और  मरणोपरांत पुरस्कृत बहादुरों कि स्मृति में श्रद्धांजलि."

पूरन चन्द्र काण्डपाल, रोहिणी दिल्ली
22.01.2015

   

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बहुत बढ़िया लिखा है कांडपाल जी

Pooran Chandra Kandpal

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  दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

  २६ जनवरी हुणि देश ल ६६ऊं गणतंत्र दिवस मना. राजपथ पर
अलबेर अमरीका क राष्ट्रपति बराक ओबामा  आपणी घरवाइ मिशेल
दगै हमार विशेष पौण छी.  बेई चनरदा मिलीं. ' कसि रैछ २६ जनवरी'
य पुछण पर उनूल बता,  "कएक जागि बै न्यौत  छी, कैं लै नि जै सक
और टेलीविज़न पर लै नि देख सक.  जसै एक समारोह में जाण  कि
 तैयारी करैं रौछी, सूचना मिली कि एक परिचित कि घरवाइ गुजरिगे.
सूचना मिलते ही वां पुजूं. जसी-तसी समझै-बुझै बेर उनुकें शांत करौ.
य बीच दाह संस्कार कां ह्वल, कसी ह्वल , य चर्चा शुरू हैछ.  दिल्ली में
दर्जनों श्मशान घाट छीं पर ज्यादै तर उत्तराखंडी लोग निगमबोध घाट
यमुना किनार पर मुर्द क दाह  संस्कार करि बेर क्वैल यमुना  में बगै दिनी.
ऊंथां सब लोग गिच ल कौनी कि यमुना गंदी हैगे. निगमबोध घाट पर
यमुना क पाणी क रंग पनाण  क पाणी जस कावपट्ट हैगो. निगमबोध
घाट पर  सी ऐन जी गैस में दाह संस्कार करण क प्रबंध लै छ.  पर लोग य
सुविधा क प्रयोग नि करन और लकड़ा क चित्त में मुर्द  फुकनीं क्यलै  कि
परम्परा क नाम पर लोग अन्धविश्वास क म्वाट जंजीरों में बादीं  रईं.
जैकि घरवाइ गुजरि रैछी मील उनुकें समझा, " देखो यार घरवाइ तुमरि
गुजरिगे. शरीर आब माट हैगो. य माट ल राख बणन छ. लकडां क चित्त में
फुको या सी ऐन जी गैस में, यक्कै बात छ.  यमुना कैं बचुणै कि शुरुआत 
आज तुम करो."  ऊं त तैयार है गाय, पर कुछ लोग विरोध में ऐ गाय.
अंत में समझै-बुझै बेर सब मानि गाय और मुर्द ल्ही बेर निगमबोध घाट
पुजि गाय. निगमबोध घाट में सी ऐन जी गैस में एक मुर्द  फुकण क रेट
एक हजार रुपै छ जबकि लकडां में फुकण पर तीन-चार हजार रुपै लागि
जानी और टैम लै पांछ-छै घंट लागि जांछ जबकि सी ऐन जी गैस में मात्र
डेड घंट लागूं.  काउंटर पर एक हजार रुपै जम करि बेर तुरंत सी ऐन जी
फर्नेश में मुर्द धरौ और एक घंट बीस मिनट में मुर्द फुकी बेर आदू तस्याल
राख में बदलिगो. मील सबूं बीच में जैकि घरवाइ क दाह संस्कार हौछ
उनुहैं कौछ," हम सबूं कैं तुमरि घरवाइ कि मौत पर भौत दुःख छ पर आज
कि  २६ जनवरी हामु कैं य वजैल हमेशा याद रौलि कि तुमूल उत्तराखंडियों
कैं बाट बता कि अगर हम चानू तो यमुना बचि सकीं." लोग कूँ रौछी,
"आज यमुना बचै, चार घंट टैम बचा और डबल लै कम लागीं."

पूरन चन्द्र काण्डपाल रोहिणी दिल्ली
29.01.2015

Pooran Chandra Kandpal

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दिल्ली बै  चिठ्ठी ऐ रै

   दिल्ली में ७ फ़रवरी हुणि विधान सभा क ७० विधायकों क चुनाव क
लिजी ६७३ कंडिडेट मैदान में छीं.  चनरदा बतूंरीं, "प्रचार जोरों पर छ,
वैदों की बंपर सेल लै रै. सबै दल वैद करें रईं  पर कुछ वैद यास हूँ रईं
जो कभैं लै पुर नि है सकन.  आरोप-प्रत्यारोप, कीचड-कच्यार कि
लफवा-लफोव, गाइ-ढाई कि दनमन खूब है रै. ७ फ़रवरी हुणि चुनाव
छ और १० हुणि पत्त चलि जाल कि कैल माव पैरी और कैकि हाव साफ़
हैछ. नेताओं क भाषण पर य छंद सुणो-

भाषण दिनै जारीं नेता, बलां  रईं सरग-पताव/
काम बिलकुल  करण नि हय , बात करण में तेताव/
बात करण में तेताव, बात बिलकुल सांचि छ/
झन करिया विश्वास य  ध्वाकबाजों कि फांचि छ/
कुंरौ 'चनरदा' नि सुणो इनर उटपटांग बासण/
कै द्यो पैली काम करो, पै द्या हमुकैं भाषण.
   
       ३० जनवरी हुणि गांधी ज्यु कैं पुर देश में और राजधानी में
राजघाट पर श्रद्धांजलि दिई गे. य दिन 'शहीद दिवस' क रूप में
मनाई जांछ. शहीदों  कि याद  में चनरदा ल य छंद सुणा-

      धारिया याद  शहीदों कैं आपण दिल में भेटै द्या/
      लौटि बेर   जो नि आइ घर, कहानि उनरि  बतै   द्या/
      कहानि उनरि  बतै  द्या, जिती लणाइ  लगै बेर त्राण/
      चढ़ि गाय भेट कर्तव्य पथ, दी गईं  देशे कैं प्राण/
      कुंरौ 'चनरदा' दिलैल सम्मान शहीद परिवारों  क करिया/
      दि गाय  हमार लिजी ज्यान  आपणी, याद शहीदों कैं करिया.
   
   चनरदा ल गांधी ज्यु  क तीन बानरों कि बात  लै सुनै -

      गांधी ज्यु क बानर  सन्देश ल , हिंसाक बाट टोडि  दे/
      दुनिय क भलै कि बात करी उनूल, मंथन हमूल  छोड़ि दे/
      मंथन हमूल छोड़ि दे , क्ये कूरीं  तीन  बानर/
      नि सुण नि देख नि बला नक,  दिल कैं नि बना  पाथर/
      कुंरौ 'चनरदा' सत्य अहिंसा कि चलै उनूल यसि आंधी/
      फिरंगी भाजीं राजपाट छोड़ि रटनै  बापू  गांधी.

पूरन चन्द्र काण्डपाल रोहिणी दिल्ली
05.02.2015

 

Pooran Chandra Kandpal

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  दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

    दिल्ली क चुनावों में वाल्ट -पल्ट देखि चनरदा बतूं रईं ,"१० फ़रवरी २०१५
हुणि दिल्ली विधान सभा क ७० सीटों में बै ६७ सीटों पर कब्ज करि बेर केजरीवाल
कि आप पार्टी ल भाजपा-कांग्रेस क सफाया करि दे.  आप पार्टी ल  द्विये दलों कि
उम्मीदों पर मौय लगै दे. कांग्रेस जीरो और भाजपा कैं तीन सीट मिलीं.  भाजपा
कि किरण बेदी कि हार पर कयेकों कि खुटां मुणी  कि जमीन खिसकिगे.  यां सबै
कूँ रईं 'यस ह्वल कै नि जांणी'. सयांण लोग कूँ रईं 'आप' कि सुनामी में भौत ठुल-ठुल
बोल्डर बगी  गई. एक दल देखि लोग खुशि  नि छी. दुसर दल पर आरोप छ कि भौत
 अल्ल-बल्ल बलै बेर उनूल आपण खुटां में  कुल्याडि  मारी. पन्नर लाख क काव धन
 कैं जुम्ल बता, चार बच्चों कि बात, नौलखी कोट, अराजक, नक्सली, चोर, बानर,
खांस, मफलर जास शब्दों क प्रयोग करि बेर व्यक्तिगत और नकारात्मक प्रचार करौ.   
पैराशूट नेता और दलबदलुआं कैं टिकट मिलण पर लै लोग खुशि नि छी. यूँ सब बातों
ल लोग भतेर-भतेरे ताती रौछी और उ पेट कि गर्मी कि तासीर ल वोट खटबटी  गईं."
 
          तीन दलों क चुनाव वैदों  पर चनरदा ल बता," बिजुली-पाणी मुफ्त, महिला
सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, मकान, दलित-मुस्लिम, झुग्गी-झोपड़ी, अनधिकृत कालोनी,
रेहड़ी-पटरी , दुकान, ऑटोरिक्शा, ई- रिक्शा आदि समाज कि भलाई बात सबै दलों
 ल करी पर वोटरों ल यकीन केजरीवाल पर करौ और आप पार्टी कैं छप्पर फाड़ि-
पाख उधारि बेर बोरियां लै क्वथवांल वोट टटकै  दीं. एक्जिट पॉल क अनुमान लगूणी
 लै भरमता है बेर चाइये रै गाय. रिजल्ट  देखि कैकै आँख फरकि गाय और कैकै आँख
 ताणिये रै गाय. इतिहास में आज तक यस सिर्फ एक ता देखण में आछ जब २००९ में
सिक्किम संग्राम परिषद  ल सबै  ३२ सीटों पर जीत हासिल करी. आप पार्टी ल ७० में
 बै ६७ सीट (९५.७%) झटकै  बेर सबै विरोधियों कि हाव साफ़ करि दी. ५४.३% वोट
प्राप्त करण क लै उनूल रिकार्ड बना.  'कमल' कैं ३२.२% और 'हाथ' कैं ९.७% वोट मिलीं.
पार्क में एक बुड़ज्यू बतूं रौछी,"अंहो,आज तीन दलों ल मिठै बांटी.एक ल आपणी जीत
कि खुशि पर, दुसर ल किरण बेदी कि हारण  पर और तिसर ल भाजपा क हारण  पर."
 ,उम्मीद छ कि केजरी क्ये न क्ये जरूर करि बेर  देखाल."

पूरन चन्द्र काण्डपाल, रोहिणी दिल्ली
12.02.2015

Pooran Chandra Kandpal

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         दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

    चनरदा कुर्मांचल अख़बार, पहरु और  कुमगढ पढ़ते रौनी.  पहरु
जनवरी २०१५ अंक में मोहन  टम्टा 'कुमाउनी' क दुःख भरी शब्द छपि
रईं. यूँ शब्दों पर उनूल बता," कुमाऊं विश्वविद्यालय बी ए प्रथम वर्ष क
पाठ्यक्रम 'कुमाउनी काव्य संचयन' में मोहन कुमाउनी कि कविता कैं
  जाग नि मिलण पर ऊं निराश छैं.  य बाबत कूण चानू कि मोहन टम्टा
कि तपस्या म्यार समझल बेकार  नि गेइ.  देश क लिजी जतू लोगों ल 
शहीदी दी, सबूं कि चर्चा नि हइ  पर कुछ लोगों कि बिना क्ये करिये लै
चर्चा हैछ और अच्याल लै हूँ रै.  कलमकारों ल आपणी भाषा-साहित्य
कि सेवा करते रौण चैंछ भलेही उनरि चर्चा हो या नि हो, उनरि रचना कैं
पढ़ाई जो या  नि पढ़ाई जो.  कुछ लोगों कि छिंक लै संगीत समझी जैंछ
और कुछ लोगों क संगीत कैं लोग छिंक समझनी. यस कएक जाग देखण में
औंछ.  तीन वर्ष पैली उत्तराखंड भाषा संस्थान देहरादून द्वारा कयेकों  कैं मुख
चै-चै बेर चालीस पुरस्कार देईं.  यूँ चालिसों में कयेकों कैं क्ये लिजी पुरस्कृत
करौ य समझ है दूर कि बात छ.  आब ऊं पुरस्कार लै बंद छीं और भाषा कैं
मान्यता कि बात लै ठप है रै. आखिर क्वे  त छ जो य मुद्द् में टांग डाऊं रौ."

        " हमरि कलम चलते रौण चैंछ .  क्वे त पढ़ौल.  मंच मिलो या नि मिलो,
रचना छपो या नि छपो, कविता पढ़ाई जो या नि पढ़ाई जो और पुरस्कार मिलो
य नि मिलो, यैकि परवा नि करण चैनि. यूँ बातों ल जो दुःख हुंछ  उकैं कलम ल
 या गिच ल जरूर प्रकट करण चैंछ. "मसमसै बेर क्ये नि हुंन , बे झिजक गिछ
खोलणी चैनी".  'पहरु'  क संपादक कैं साधुवाद छ  जो मोहन कुमाउनी क शब्दों
 कैं छापौ."
              " भगवती प्रसाद जोशी क व्यंग्य "शराब पीण  जरूरी छ" भौत भल
लागौ.  सुणन में औं रै कि उत्तराखंड सरकार शराबियों लिजी एम्बुलैंस सेवा
शुरू करणी छ बल ताकि शराबियों कि सेवा में क्वे कसर नि रैजो और प्रत्येक
  चहा  क दुकानदार कैं हर बखत एक शराब कि कितलि स्टैंड बाई धरण क
ऑडर लै मिलणी  छ बल ताकि शराबिओं कैं क्वे लै किस्म कि असुविधा नि हौ.
और य लै सुणन में औं रौ कि भलेही लेखकों क सम्मान झन हो पर शराबियों
कैं उरातार समारोह आयोजित करी  बेर सम्मानित करी जाल. शराबियों कैं
यतु है बाँकी क्ये चैंछ.?"

पूरन चन्द्र काण्डपाल रोहिणी दिल्ली
19.02.2015

Pooran Chandra Kandpal

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              दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

     आपण मातृभाषा क चिंतन में डुबी बेर चनरदा बलाईं,"यूनेस्को
द्वारा २१ फ़रवरी 'मातृभाषा दिवस ' मनाई जांछ.  २१.२.१९५२ हुणि
पूर्वी बंगाल में उर्दू थोपण क विरोध  में कएक  लोग  मारी गईं.  वांक
लोग बांग्ला कैं राष्ट्रभाषा चांछी. भाषा आंदोलन क कारण बांग्लादेश
मुक्ति संग्राम हौछ और १६.१२.१९७१ हुणि एक नई देश बनौ. सबौ
कैं मातृभाषा पर गर्व हूँ चैंछ और मातृभाषा  कैं कभैं लै नि भुलण चैन.
कुर्मांचल अख़बार-पहरू-कुमगढ क पाठक, लेखक और संपादक य ई
बात कूं रईं. मातृभाषा हमारी पछ्याण छ."
       अंध श्रद्धा और अन्धविश्वास  क सिमार में डुबियां  कैं भ्यार
 निकाऊण  क चनरदा क प्रयास जारी छ. ऊं बतूं रईं,
"१७ फ़रवरी हुणि राजधानी सहित देश में शिवरात्रि मनायिगे.
लोगों ल श्रद्धा क नाम पर लाखों-करोड़ों लीटर दूद शिवजी कैं चढ़ा
जो बगि बेर नाइ-गध्यारां में गो. काश! य दूद ऊं करोडो नना क गिच
 में डाई  जनौ जो दूद बिना तरसैं रईं, कतू भल हुन? हम अन्धविश्वास
क म्वट जंजीरों  में बादी  रयूं तबै त हम आज लै शिवजी कैं भांग-
धतुर-अत्तर चढ़ूँ रयूं. हमुल य कभैं लै नि सोच कि य भांग-धतुर-अत्तर
क इस्तेमाल को करें रौ? हम उ अध्यापक-मास्टरों कैं भुलि गोयूं जैल
हमुकैं अक्षरबोध करा  और पढ़ै बेर शिक्षित बना. हमुल आपण शिक्षा
कैं कुण लफाई दे और अंधविश्वसियों क चक्कर में ऐ बेर अन्धविश्वास
कैं आपण गुरु बनै ले. हमुल यूँ पाखंडियों क मकड़जाव है भ्यार निकावण
कि कोशिश करण  चैंछ.  अंध श्रद्धा क पुरारियों कैं यूँ छंद समर्पित छैं-

 पढ़ी ल्येखी  अंधविश्वासी बनगीं  , लिबेर डिग्री ढेर
रूढ़िवाद क मकड़जाव में फसण  में निलागनी देर ,
फसण में नि लागनी देर, पाखंडियों क चक्कर में ऐ जांरीं
दास  डंगरी  पुछ्यारु  गणतु, सबूं  लुटि खै जारीं,
कूंरौ 'चनरदा' हिम्मत करो, आँख बुजि नि रौ ठड़ी
ज्ञान विज्ञान तथ्य छ्वाड़ तुमुल, कास तुम ल्येखी पढ़ी?

अंधविश्वास क व्यौपार वालां कि, चलि रै भलि दुकान
भूत प्रेत छव मसाणा क नाम पर, करौं  रईं  खूब फुकान,
करौं रईं खूब फुकान, चलि रौ रूढ़िवाद वालां क खेल 
झाड़फूंक जागर तंतर करैं रीं, निकाउँरीं मैसूं क तेल ,
कूंरौ 'चनरदा' समझो य परपंच, करो येक पर्दफाश
जब जागल शिक्षा क दी जां तां, मिट जाल अन्धविश्वास."

पूरन चन्द्र काण्डपाल रोहिणी दिल्ली
26.02.2015

Pooran Chandra Kandpal

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     दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

  चनरदा कुर्मांचल अखबार  में लेखणी कलमकारों कि हमेशा
चर्चा करते रौनी.  ऊं बतूं रईं," पिछाड़ी चार वर्ष बटि कुर्मांचल
अख़बार कुमाउनी भाषा कि सेवा करते हुए कलमकारों क परिचय
ले पाठकों दगै करैं रौ.  कुर्मांचल  अखबार में एक चर्चित स्तम्भ छ
'हमर महापुरुष' जैक स्तंभकार छीं जी सी जोशी, से.नि.प्रधानाचार्य,
डुबकियां अल्मोड़ा.  जोशी ज्यु कैं साधुवाद छ कि उनूल पाठकों
कैं हमार ऊं महापुरुषों क परिचय करै है  जैक बारम् भौत कम लोग
 जांणछी. यूं महापुरुषों कि जानकारी इकठ्ठी करण क्वे आसान
बात न्हें.  २३ फरवरी २०१५ क अंक में जोशी ज्यु ल गोपाल बाबू
गोस्वामी कि जानकारी हमूँ कैं दि रैछ. आज कएक तथाकथित
गायक गोपाल बाबू क गीतों पर ताइ बटोउँरीं.  ऊं मंच बटि कभैं य
 नि बतूं कि अमुक गीत क रचनाकार गोपाल बाबू छीं. यूं लोगों हैं
निवेदन छ कि भलेही तुम उनार गीतों ल आपणी खेति  करो पर
उनर नाम त ल्यो. गोपाल बाबू गोस्वामी , गिरदा, शेरदा, मोहन
उप्रेती, ब्रजेंद्रलाल शाह, हीरा सिंह राणा आदि जैक ले गीत मंच  बै
प्रस्तुत हुनी, गायक ल इनर नाम जरूर ल्हीण  चैंछ."

       " जोशी ज्यु  कैं उनरि किताब 'आजादिक लणाइ  क सेनानी'
कि रचना पर लै साधुवाद छ.  य किताब में उनूल ३१ शीर्षकों  में
स्वतंत्रता सेनानियों कि जानकारी दी रैंछ जनूल स्वंतंत्रता संग्राम
में उत्तराखंड  क  प्रतिनिधित्व करौ और जेल गईं.  यूं सेनानियों  में
५ स्यैणी लै छी.  जैक बारम भौत कम लोग जांणनी.  य किताब
देखि दिल बटि आवाज औं रै, -

लणाइ लड़ी जब देश ल आजादी कि, उत्तराखंडी पिछाड़ी नि राय/
फिरंगियों कैं मारी खदेड़ौ, उनूल भाजनै पिछाड़ी नि चाय/
१९२१ बै १९४२ आंदोलन करौ, फिरंगियों सामणी  सिर नि झुकाय/
अंग्रेजों कि छाति में भै बेर,  कुड़की करै पर दंड नि चुकाय/ 
नि दि लगान नि दि मालगुंजारी,जंगलात आंदोलन करि  बेर देखाय/
कुली बेगार क रजिस्टरों कैं, गोमती-सरयू संगम बागसर  बगाय/"

  "  हम लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम क नाम पर नाच-गीतों में
रणमणी जानू. यूं आजादी क रणबांकुरों  कि चर्चा  मंच बटि
क्ये न क्ये रूप ल हुण  चैंछ. सुनै रौछा हमार उत्तराखण्डा क
रंगकर्मियों?"

पूरन चन्द्र काण्डपाल रोहिणी दिल्ली
05.03.2015


Pooran Chandra Kandpal

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       दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

    चनरदा होइ क दिन व्यंग क मूड में छी.  उनूल होइ कि शुभकामना
क साथ  उत्तराखंड में होइ कसी मनै विकी विस्तार में चर्चा करी. उनूल
बता,"  अलबेर कि होइ भौत भलि रै.  होइ में सरकार भौत मेहरबान छी.
होइ क दिन सरकार ल भौत दिन बटि  पैंडिंग एक डिमांड पुरि करि दी.
य डिमांड छि कि जब सब्सिडी क दौर चलि रौछ तो शराब पर लै सब्सिडी
मिलण  चैंछ.  डिमांड करणीयां  ल शराब कैं एक ईसैन्सियल  आइटम बता.
बी पी  एल कार्डधारियों कि लै  य भौत  पुराणि डिमांड छी. ऐन बखत होइ
क दिन शराब  पर सरकार कि सब्सिडी क ऑडर मिलते ही राज्य में
चौतरफ्यां रणसिंग, तुतुरी,नागर, ढोल, रौटी, बिनबाज,कंटर और शंख बाजैं
फै गाय.  फिर क्ये छी सबै मैदान में ऐ गाछी.  नि पिणियां लै गटकूण
शुरू करि दे.  कयेकों ल यतू पी कि ऊं मैण  लागी-कारतूस डाई माँछ जास
उताण  है गाय.  कएक आपस में भिड़ी गाय.  कयेकों ल पुराणि रंजिस लै
 निकाई. कएक कुकुर-बानरों क नाम मिक्स करि बेर सुन्दर-सुन्दर मर्च
लागणी सोल पीढ़ी क शराद (गाइ)लै करैं फै गाय. कयेकों लिजी खव-
चौतर-खुटक्यांण भ्योव बनि गाय. समझदार सरकार य बात पैलिकै जांणछी.
वील एम्बुलेंस,स्ट्रेचर, चार आदिम होइ क दिन तैयार करि रौछी. य टीम
ल भौत भल काम करौ. य टीम लंब पड़ियां कैं जसी-तसी रघोडि-राघोड़ी
बेर अस्पताव ल्ही गे.  वां दवाई नि छी. सुरा और  टिंचरी ल उनर इलाज करौ.
 डाक्टर लै डौन  छी. सफाई कर्मचारी थ्वाड़ कम डौन छी.  वील शराबियों क
 गिच में थेउ  डाइ बेर  उल्टी करै.

       " कुल मिलै बेर होइ क त्यार भौत बड़ी रौ.  लोग 'जै-जै शिव शंकर ' कौनै
सरकार क गुणगान में यतू तल्लीन छी कि ब्याव क टैम में सरकार कैं कएक
ढाबों-दुकानों में फ्री भोजन कि  व्यवस्था करण पड़ी. बुजर्ग कूँ रईं, "सरकार
ल हर साल होइ में शराब पर फुल सब्सिडी दीण चैंछ. चारधाम क्ये जांण  है रौ?
फ्री शराब में चारधाम है ज्यादै पुण्य छ.  होइ मुबारक ,होइ कि बधाई."

    " ८ मार्च महिला दिवस कि सबै स्यैणियां कैं बधाई. य मौक पर बस यतुक्वे
कौण चानू, ' सबूकैं भलि मति  दिया भगवान, सब करण स्यैणियां क सम्मान"

पूरन चन्द्र काण्डपाल, रोहिणी दिल्ली
12.03.2015

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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       दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

    चनरदा होइ क दिन व्यंग क मूड में छी.  उनूल होइ कि शुभकामना
क साथ  उत्तराखंड में होइ कसी मनै विकी विस्तार में चर्चा करी. उनूल
बता,"  अलबेर कि होइ भौत भलि रै.  होइ में सरकार भौत मेहरबान छी.
होइ क दिन सरकार ल भौत दिन बटि  पैंडिंग एक डिमांड पुरि करि दी.
य डिमांड छि कि जब सब्सिडी क दौर चलि रौछ तो शराब पर लै सब्सिडी
मिलण  चैंछ.  डिमांड करणीयां  ल शराब कैं एक ईसैन्सियल  आइटम बता.
बी पी  एल कार्डधारियों कि लै  य भौत  पुराणि डिमांड छी. ऐन बखत होइ
क दिन शराब  पर सरकार कि सब्सिडी क ऑडर मिलते ही राज्य में
चौतरफ्यां रणसिंग, तुतुरी,नागर, ढोल, रौटी, बिनबाज,कंटर और शंख बाजैं
फै गाय.  फिर क्ये छी सबै मैदान में ऐ गाछी.  नि पिणियां लै गटकूण
शुरू करि दे.  कयेकों ल यतू पी कि ऊं मैण  लागी-कारतूस डाई माँछ जास
उताण  है गाय.  कएक आपस में भिड़ी गाय.  कयेकों ल पुराणि रंजिस लै
 निकाई. कएक कुकुर-बानरों क नाम मिक्स करि बेर सुन्दर-सुन्दर मर्च
लागणी सोल पीढ़ी क शराद (गाइ)लै करैं फै गाय. कयेकों लिजी खव-
चौतर-खुटक्यांण भ्योव बनि गाय. समझदार सरकार य बात पैलिकै जांणछी.
वील एम्बुलेंस,स्ट्रेचर, चार आदिम होइ क दिन तैयार करि रौछी. य टीम
ल भौत भल काम करौ. य टीम लंब पड़ियां कैं जसी-तसी रघोडि-राघोड़ी
बेर अस्पताव ल्ही गे.  वां दवाई नि छी. सुरा और  टिंचरी ल उनर इलाज करौ.
 डाक्टर लै डौन  छी. सफाई कर्मचारी थ्वाड़ कम डौन छी.  वील शराबियों क
 गिच में थेउ  डाइ बेर  उल्टी करै.

       " कुल मिलै बेर होइ क त्यार भौत बड़ी रौ.  लोग 'जै-जै शिव शंकर ' कौनै
सरकार क गुणगान में यतू तल्लीन छी कि ब्याव क टैम में सरकार कैं कएक
ढाबों-दुकानों में फ्री भोजन कि  व्यवस्था करण पड़ी. बुजर्ग कूँ रईं, "सरकार
ल हर साल होइ में शराब पर फुल सब्सिडी दीण चैंछ. चारधाम क्ये जांण  है रौ?
फ्री शराब में चारधाम है ज्यादै पुण्य छ.  होइ मुबारक ,होइ कि बधाई."

    " ८ मार्च महिला दिवस कि सबै स्यैणियां कैं बधाई. य मौक पर बस यतुक्वे
कौण चानू, ' सबूकैं भलि मति  दिया भगवान, सब करण स्यैणियां क सम्मान"

पूरन चन्द्र काण्डपाल, रोहिणी दिल्ली
12.03.2015

 


Bahut badiya Kandpal ji

 

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