दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै
चनरदा तमाकु/धूम्रपान हुणी नुकसान क बारमें बतूं रईं, " हर साल हाम ३१ मई हुणी धुम्रपान निषेध दिवस मनू रयूं ताकि तमाकु और धूम्रपान ल हुणी बीमारियों है बै बचि जाओ. हमार देश में करीब २५ करोड़ लोग तमाकु/धूम्रपान क सेवन करनी और हर ४० सेकेण्ड में एक धूम्रपान करणी परलोक सिधार जांछ. ९०% फेफड़ और गिच क कैंसर तमाकु ल हुंछ.. हम सबू कें थ्वड टैम ऊँ लोगों कें जागरूक करण क लिजी निकाऊंण चैंछ जो बीड़ी, सिगरट , सुल्प, चरस, अत्तर, गांज, भांग, तमाकु, खैनी,नश्वार, गुट्क, सुर्ती, जर्द, चुन -कत्थ, सुपारि और पान मसाला क सेवन करैं रईं. यूं लोग आपण धन/घर फुकि बेर बीमारी मोल ल्ही रईं. अगर हाम एक मेंस कें लै य नश है मुक्ति दिलै सकूं तो य भौत ठुलि समाज सेवा कई जालि. नानतिन धूम्रपान छूटोंण में भौत मदद करि सकनी. अगर ऊँ आपण पापा/बौज्यू हुणी भौत विनम्रता क साथ धूम्रपान छोड़न कि बात करला तो ऊँ भलेही आपण घरवाइ कि बात नि मानो पर ऊँ आपण नना कि बात जरूर मानाल.
सांचि बात त य छ कि लोगों कें धूम्रपान ल हुणी नुकसान क बारमें पत् न्हैति. हमार देश में इस्कूली नान लै तमाकु उत्पाद क शिकार छीं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् क अनुसार देश में करीब ३५-४० प्रतिशत इस्कूली नान य जहर क सेवन करैं रईं. ऊँ पैली शौकियां तौर पर यैक सेवन करनी फिर उनुकें येकि लत लै जींछ. तमाकु उत्पादों में एक सौ है ज्यादै खतरनाक रसायन हुनी जो गिच, फेफड़, खून क कैंसर और दिल-दिमाग कि बीमारी क लिजी जिम्मेवार छीं. बस लाख बातों कि एक बात- जो लै धुम्रपान/गुट्क/पान मसाला क सेवन करणी देखण में औंछ उहें जरूर य बात कि चर्चा करो. " चनर दा ल द्वि आखर मैगी क बार में लै बता, " मैगी क्वे लै हालत में नना-ठुला लिजी ठीक न्हैति. स्वाद क नाम पर जहर घोई आइटम छ य. टेलीविजन ल येकें शहर बै गौनूं में पुजा. हमूल आपण नना कें दलिय, खीर, हलू, परौठ, खिचड़ी और साग-दाव-दूद दींण चैंछ और मैगी, चिप्स, कुरकुरे, कुरमुरे, बर्गर, मोमोज, नोड्यूल, पिजा, ठण्ड-बोतल बंद पेय है दूर धरण चैंछ. भुटी भट और भुटि या झिलोई चांण नना कें नियमित रूप ल जरूर दींण चैनी, पै देखो नना कि चुस्ती-फुर्ती और दिमाग. नना कें अनाप-सनाप खवै बेर कुरमु नि बनौ ".
पूरन चन्द्र काण्डपाल ,रोहिणी दिल्ली.
04.06.2015