Dosto,
Mr Dhanesh Kothari is a popular name in Uttarakhandi Folk Music as lyricist. Apart from this, Mr Koshari is man of multi-skilled. He is writer, poet and journalist. During the Uttarakhand State struggle, Dhanesh Kothori ji actively participated in various activities for the new state and he had been sentenced 6 days imprisonment also.
Here Dhanesh ji will share his experience of during Uttarakhand state struggle and he also write articles on various public issues other subjects in merapahad portal.
We are sure you will like the articles of Dhanesh Ji and write your feedback on his articles here.
Regards,
M S Mehta
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Brief Introduciton of Mr Dhanesh Kothori Ji which he himself has written for us.
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मेहता जी नमस्कार। अस्तु आप सपरिवार कुशलता से होंगे। ऐसी मेरी कामना है और भगवान बदरी विशाल से भी यही कामना करता हूं।
जैसा कि आपने नई पोस्ट के वास्ते मेरा व्यक्तिगत परिचय के लिए कहा था। तो निम्नांकित साहित्यिक परिचय के साथ ही शेष जानकारी इस प्रकार है।
मेरा जन्म देवप्रयाग (गढ़वाल) में हुआ है। शिक्षा देवप्रयाग के साथ ही Rishikesh में स्नातक तक हुई है। 1984 में मेरी एक बाल कविता ‘चंपक’ में प्रकाशित हुई थी। साहित्यिक शुरूआत लगभग 1986 से गढ़वाली भाषा में गीत लेखन से हुई। मेरा पहला गीत भगवान बदरीनाथ को समर्पित ‘तेरि जय हो हे बदरी विशाल’ था। जो कि प्रसिद्ध गायक गीतकार कमलनयन डबराल ने 1999 में टी सीरिज से रिलीज एलबम ‘ठंडुमठु’ में शामिल किया था। हालांकि सबसे पहले सुप्रसिद्ध गढ़वाल गायिका मंगला रावत ने मेरे दो गीतों को 1995 टी सीरिज से रिलीज एलबम ‘छुईमुई’ में आवाज दी थी। मंगला रावत ने एक और एलबम ‘प्रीत खुजैई’ में भी शीर्षक गीत के रूप में शामिल किया था।
लेखन का दौर जारी रहा और उत्तराखण्ड आंदोलन में भी साहित्यिक गतिविधियों के साथ ही जमीन तौर पर भी इसमें शिरकत करते हुए 6 दिन टिहरी जेल में भी साथियों के साथ रहा। इस दौर में मुझे लेखन की भारी ऊर्जा हासिल हुई। जोकि आज तक मिल रही है। इसी बीच वर्ष 2009 में धाद प्रकाशन देहरादून ने मेरी पहली काव्य पुस्तक ‘ज्यूंदाळ्’ प्रकाशित की। लेखन के लगभग दो दशक से अधिक मैं कई दैनिक समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन करता रहा। जिनमें दून दर्पण, हिमालय दर्पण, अमर उजाला, दैनिक जागरण, युगवाणी, जनपक्ष आजकल आदि शामिल हैं। वर्तमान में मैं बीते तीन सालों से राष्ट्रीय सहारा बदरीनाथ प्रतिनिधि के रूप में बदरीनाथ में कार्यरत हूं। बीते साल से बेव दुनिया में- मेरा पहाड़, यंग उत्तराखण्ड, पहाड़ी फोरम के साथ ही फेसबुक, ऑरकुट व अन्य से जुड़कर अपने लेखन व विचारों को प्रबुद्ध समाज के साथ सहकार कर रहा हूं।
मान्यवर, इसके अलावा भी यदि कुछ अन्य जानकारियां वांछित हों तो बताईयेगा। मैं प्रेषिक कर दूंगा। फिलहाल मोटे तौर पर मेरा परिचय इतना भर है। आने वाले वर्षों के लिए एक गढ़वाली व्यंग्य संकलन निकालने की तैयारी कर रहा हूं।
साहित्यिक परिचय
नाम : धनेश कोठारी
पता : हाल- हाट रोड, श्यामपुर, Rishikesh
जन्मतिथि : 26 दिसम्बर 1970
शैक्षिक अर्हता : स्नातक-कला, राजकीय महाविद्यालय, ऋषिकेश।
प्रकाशित कृति : ज्यूंदाळ ;गढ़वाली कविता संग्रह।
संपादन : आवाज ;कविता संग्रह,
उत्तरस्थ वाणी ; मासिक पत्रा- शुरूआती 4 माह तक।
कला संपादन : स्मरणम् ;डा. पारथसारथि डबराल स्मृतिग्रन्थ।
समाचार संपादन : बच्चों का नजरिया ;मासिक।
स्वतंत्रा लेखन : दैनिक अमर उजाला, दैनिक राष्ट्रीय सहारा, चिट्ठी-पत्री, युगवाणी,
पर्वतजन, उत्तराखण्ड खबरसार, उत्तराखण्ड आजकल, सहारा समय, मध्य हिमालय ;
समाचार पत्रा-पत्रिकायें- आवाज, अस्तित्व, दो कदम
सामूहिक कविता संग्रह में कविता, व्यंग्य एवं आलेख प्रकाशित।
साहित्यिक सक्रियता
ः आकाशवाणी नजीबाबाद में 1996 से निरन्तर काव्य गोष्ठियों में
प्रतिभाग।
ः साहित्यिक संस्था आवाज, धाद, सदभावना, क्रेजी फेडरेशन आदि के मंचों पर प्रतिभाग।
ः 1994-2009 तक 25 से अधिक गढ़वाली ऑडियो कैसेटस् में गीत प्रसारित।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन।
Dhanesh Kothari