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  • चैत्र नवरात्र प्रारम्भ: April 04, 2011

Author Topic: Chaitra Navratras - चैत्र नवरात्र : नौर्त- मां दुर्गा के नौ रुपों  (Read 58505 times)

हलिया

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #10 on: April 04, 2008, 02:04:08 PM »
और हिमांसु जी, हमारे ’फ़ोरम’ में सम्बतसर सुनाने की जिम्मेदारी आपकी हुई   ;D

जय हो राजू दा आपकी| पर हमारे पहाडों मे इस साल प्रतिपदा तिथि क क्षय हो जाने से संवत्सर ७ अप्रैल  से  शुरू होंगे|(Source: रामदत्त पंचांग)


हलिया

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महाविद्याओं की आराधना पर्व "नवरात्र"


दस महाविद्याएं
शाक्त तंत्रों के अनुसार दस महाविद्याएं हैं- 1.काली, 2.तारा, 3.षोडशी (त्रिपुरसुंदरी), 4.भुवनेश्वरी (श्रीविद्या/ललिता), ५.छिन्नमस्ता, 6.भैरवी (त्रिपुर भैरवी), 7.धूमावती, 8.बगला (बगलामुखी), 9.मातंगी और १0.कमला (लक्ष्मी)। इनमें से काली के शिव हैं - महाकाल, तारा के अक्षोभ्य, षोडशी के पंचवक्त्र, भुवनेश्वरी के त्रयंबक, छिन्नमस्ता के कबंध, भैरवी के दक्षिणामूर्ति, बगला के एकमुख महारुद्र, मातंगी के मतंग और कमला के सदाशिव श्री विष्णु।


Risky Pathak

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #12 on: April 04, 2008, 02:11:07 PM »
होय होय राजू दा.... संवत्सर फल ले बतुन  ७ तारीक कै .... तम सब आपुन राशि बते दिया पेलिये|  ;D ;D :P



इस साल के  संवत्सर का नाम प्लव है| पूरे ६० संवत्सर होते है| जिनमे से प्लव ३५वा संवत्सर है|


हेम पन्त

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #13 on: April 04, 2008, 02:12:23 PM »
हिमांशु इसके लिये तुम्हे उचित दक्षिणा भी दी जायेगी...
और हिमांसु जी, हमारे ’फ़ोरम’ में सम्बतसर सुनाने की जिम्मेदारी आपकी हुई   ;D

जय हो राजू दा आपकी| पर हमारे पहाडों मे इस साल प्रतिपदा तिथि क क्षय हो जाने से संवत्सर ७ अप्रैल  से  शुरू होंगे|(Source: रामदत्त पंचांग)


Risky Pathak

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #14 on: April 04, 2008, 02:15:16 PM »
होय होय  हेम दा  उसके लिए तो हम हमेशा से तैयार है|  ;D

हिमांशु इसके लिये तुम्हे उचित दक्षिणा भी दी जायेगी...
और हिमांसु जी, हमारे ’फ़ोरम’ में सम्बतसर सुनाने की जिम्मेदारी आपकी हुई   ;D

जय हो राजू दा आपकी| पर हमारे पहाडों मे इस साल प्रतिपदा तिथि क क्षय हो जाने से संवत्सर ७ अप्रैल  से  शुरू होंगे|(Source: रामदत्त पंचांग)


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #15 on: April 04, 2008, 02:28:36 PM »

Jai Mata Kee..

In pahad during the Navratra, people organize 9 days navratra whic alled "Naurt".

हलिया

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #16 on: April 04, 2008, 02:28:56 PM »
होय, सुणै दिया हो गुरू। और जरा बिस्तार में.. जस्यां कि खट्मल .... पल बराबर.... वगैरह वगैरह...
और हां, राशिफ़ल ले कै बतै दिया। मेरि राशि छु "तुला"  
और दक्षिणा कि फ़िकर झन करिया हां।
;D

होय होय राजू दा.... संवत्सर फल ले बतुन  ७ तारीक कै .... तम सब आपुन राशि बते दिया पेलिये|  ;D ;D :P



इस साल के  संवत्सर का नाम प्लव है| पूरे ६० संवत्सर होते है| जिनमे से प्लव ३५वा संवत्सर है|



हलिया

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महाविद्याओं की आराधना पर्व "नवरात्र"

साधक की पात्रता
इन दस महाविद्याओं का ज्ञान एक गूढ़ रहस्य है। यह स्वार्थी, अहंकारी एवं धूर्त व्यक्ति को कभी नहीं फलता। जिस व्यक्ति के स्वभाव में श्रद्धा एवं विश्वास है, जो मनोयोगपूर्वक ध्यान एवं जप कर सकता है तथा जो निष्ठापूर्वक लोककल्याण की प्रार्थना करता है, ऐसे साधक के लिए भगवती पराम्बा अपना रहस्य कभी शास्त्र के माध्यम से और कभी सदगुरु के माध्यम से व्यक्त कर देती हैं।

हेम पन्त

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Re: चैत्र नवरत्र
« Reply #18 on: April 04, 2008, 02:35:38 PM »
दशौली का पाठक ज्यू बटी संवत्सर सुणनाकि मिल ग्यो.. हमार त भाग जागि ग्या...

पण्डितज्यू मेर राशि 'कर्क' छ. भलि-भलि राशिफल सुणाया
;D

हलिया

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महाविद्याओं की आराधना पर्व "नवरात्र"


साधनाकाल
नवरात्र के नौ दिन आद्या शक्ति की उपासना के लिए परम प्रशस्त होते हैं। नवरात्र एक वर्ष में चार बार आती है। इनमें से चैत्र की नवरात्र को बासंतिक नवरात्र, आश्विन की नवरात्र को शारदीय नवरात्र तथा आषाढ़ एवं पौष मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं।

आश्विन शुक्ला प्रतिपदा से नवमी तक की शारदीय नवरात्र का समय शक्ति उपासना का महापर्व होता है। इसमें सभी गृहस्थ दुर्गतिनाशिनी दुर्गा की उपासना करते हैं, जबकि शाक्तमत में दीक्षित साधक अपनी लौकिक एवं पारलौकिक कामना की पूर्ति के लिए दस महाविद्याओं की साधना करते हैं।

 

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