Author Topic: Delicious Recepies Of Uttarakhand - उत्तराखंड के पकवान  (Read 177914 times)

Bhishma Kukreti

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Cusines of Uttarakhand, Cuisines of Garhwal, Garhwali Dishes, Cuisines of Kumaon, Komaoni Cuisines
Food in Uttarakhand, Ethnic Food of Uttarakhand.Recipes from उत्तराखंड
गढ़वाल कुमाऊं में भोजन सम्बन्धी रस्म रिवाज-२ : 
                         सस्कंडी (A first Gift for Mother in Law and her Friends)
                           Bhishma Kukreti
सस्कंडी  गढ़वाळ-कुमाऊं मा एक अभिनव रिवाज  च जखमा ब्योली ब्यो परांत बरात क दगड पैल दें ससुराल /सासुराड़  आन्द त दगड़ ma
सासू अर वींक दगड़याणयूँ  कुणि कंडी फर एक भेंट लांदी जै पर सासू को ही हक्क होंद . वीं कंडी मा पूरी, पक्वड़  अर अरसा होंदा छा (अब रिवाज कम ह्व़े गे )
बर क (दुल्हे की ) बरात बौड़णा दुसर दिन सासू अपणि दगण्याणयूँ   तैं बुलैक सस्कंडी  क पूरी, पक्वड़ अरसा खानदा छ्या अर फिर सहेल्यू तैं यू कल्यो बांटे बि जांद छौ
ब्योऊ क क्ल्योऊ पर पैलो हक्क गाँव वालुं कु :
जब ब्योली( Bride)  बरात क दगड मैत   बिटेन पैली दें ससुराल आंदी त दगड मा ससुराड़ी गाँव वाळउन्खुणि   अरसा, पूरी पक्वड़ कु क्ल्योऊ (भोज्य भेंट ) बि लांदी . अर ये पैलो क्ल्योऊ पर बर (Groom ) परिवार को क्वी हक्क नि होंद छौ . यू क्ल्योऊ संजैत क्ल्योऊ माने जांद छौ   अर सरा गाँ मा बरोबर बांटे जांद छौ  . यो ही कारण च बल सासु कुणि
अलग से सस्कंडी आंदी छे
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Bhishma Kukreti

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Cusines of Uttarakhand, Himalayan Cuisines, Himalyan Ethinic Food, Dishes in Uttarakhad, Recipes of Uttarakhand
Cusines of Garhwal, Cusines of Kumaon
                               पुराणो उत्तराखंड मा खटै/खटाई (Chuttneys)
                                       Bhishma Kukreti
अच्काल त खटै/खटाई भौत सी चीजु  से बणण बिसे (शुरू) गे पण पैल खटै/खटाई काचो आम , अमचुर या अल्म्वड़  या कबी कभार लिम्बू की सोल़ी तैं पीसिक बणदी छे
आम की खटै/खटाई : काचो आम तैं छीलिक  सुदारिक काटिक मैणु मसालों ( भंगुल, धणिया, जीरो, आदू ) लूण , मर्च क दगड़ पीसिक बणादा छया ,
अमचुर ( आम क सुख्सा )  की  खटै/खटाई : अमचुर तैं पाणि मा भिजैक मैणु मसालों दगड़ पीसिक खटै/खटाई  बणदी
अल्म्वड़ की खटै/खटाई :  अल्म्वड़ एक सदाबहार घास पात हुन्द जू कखी बि ह्व़े जांद. एक पत्ता कुंगळ, सीक बरोबर पतल़ो , लम्बो  अर खट्टो रस वाळ हुन्दन . अल्म्वड़ क पत्तों तैं मैणु मसालों दगड मिलैक पीसिक खटै/खटाई बणये जांद
कबी कबी लिम्बू क सोल़ी तैं मसालों मा पिसिक बि खटै/खटाई बणये जांद पण कम ही
खटै/खटाई मा समो/मौसम  क हिसाब से हरो मसालों उपयोग करे जांद
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Cuisines of Uttarakhand, Cuisines of Garhwal, Cuisines of Kumaon, Kumaoni Recipes, Garhwali recipes,
Uttarakhand Recipes, Food in Uttarakhand (Ethinic)
खाणक सम्बन्धी रिवाज - :
                                                                       भूतूं /  भूतों क खाणा
                                           Bhishma Kukreti
                     मध्य हिमालय मा  भूत पूजै एक आम संस्कृति च रिवाज च .भूत पूजै परांत /पश्चात भूत /भूतूं तै खाणक बि दिए जांद .
सतनाजूं खिच डू  / टिकडू  : भूतूं खुणि खिचड़ी/खिचडू  चौंळ , उड़द मिलैक सात नाजूं तैं मिलैक पकये/बणये जांद  अर क ड़ो  तेल बि मिलये जांद. खिचडू तैं कूड़ या गाँव क चारों तरफ चुलये जांद .
छाया पूजै मा : छाया  केवल जनान्यु  पर लगदी अर यांखुण बुखण भुजे जान्दन या चुड़ा भुजे जान्दन . भौत से टैम पर कुखड़ी बि मारे जांद . छाया पूजै मा पैल भितर पश्वा अर पुजारी इखुली पूजा करदन   . अर अंत मा कै बडो डाळ तौळ छाया की पूजा होंद उखी कुख्दी च्ध्ये जान्द . कुख्ड़ी  मारे नि जांद उनी ज़िंदा छोडे जांद . जें जननी    पर छाया पूजे गे हवाऊ वी जनानी से बुखण.चुड़ा  नि ल़ीण चयांद 
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Cuisines of Garhwal, Cuisines of Kumaun, Dishes of Uttarakhand
                              चुसण  - चबाण वाळइ वनस्पति                   
                                 Bhishma Kukre
कत्ति दें भूक तीस मिटाणो  बान या आनंद क बान कें वनस्पति तैं चुसण  पोडद या चबाण पोड़द
१- कोदो क डंकुल़ी (Stem) : कोदो ड़ण्कूल़ी मिट्ठी अर सवादी होंद . कोदो डाण्कूल़ी चबाण/चुसण  से भूक  अर तीस द्वी खत्म होंदन
२- अलम्वड़ : अलम्वड़ क डंकुल़ी खट्टी होंद अर रसदार हुन्द त आतुर्दी मा अल्म्वड चबाई  क भूक जरा सि खत्म ह्व़े जांद
३- तूंग क पत्ता    : तूंग क पत्ता चबाण मा निस्वादी अर टरटरु  होंद ट भौत तीस लगीं होऊ त तूंग क पत्ता चबाई क  कुछ देर क बान तीस खत्म करे जांद
४- बुरांश क फूल : बुरांश क फूल तैं चुसे जांद जू मिट्ठू होंद . अर बुरांश फूल को तौळओ  भाग तैं चबाई बि जांद जू जरा टरटरू सि होंद
५-बसिंगू क फूल : बसिंगो फूल चुसण मा मिट्ठो हुन्द अर आनन्द  दायक हुन्द , भूक तीस द्वी खत्म हुन्द त मजा बि आन्द 
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Garhwali cuisines, Kumaoni Cuisines, Garhwali dishes, Kumaoni dishes
Cuisines of Uttarakhand, Ethnic Food from Uttarakhand, Dishes of Uttarakhand
                         परसाद (हलवा) (Halva , Parsad)
                       भीष्म कुकरेती
 कै बि अनाज कु आटो तैं घ्यू मा भूनिक  , गुड़/ चिन्नी /शीरा क grm पाणी मा पकये जाओ त वै खाणक 
तैं परसाद बुल्दन I
परसाद -- चौंळ , ग्युं, मर्सू, जौ क आटो कु बणये जांद . कबि क्ब्यार क्वी क्वी मुंगरी आटो क बि परसाद  बणादन
गुड़ज्वलि : ग्युं क आटो क परसाद या हलवा तैं गुड़ज्वल़ी  बि बुल्दन I
आटो तैं घ्यू /घी मा भूरिण होण तक भुने जांद  I  दूसरी तरफ हैंको  भांड पाणी मा गुड़/चीनी उबाल़े जांद  I भुनु आटो मा मिट्ठो गर्म पाणी मिलैक थडकए जांद अर  स्वाद को हिसाब से पन्द्यरो/बकल़ो/ल्हस्ल्सो /सुखो परसाद/हलवा  बणये जांद  I  पैथ्रां परसाद मा घ्यू बि डाले जांद I 
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Cuisines of Garhwal, Cuisines of Kumaun, Dishes of Garhwal, Dishes of Kumaun
               
                     मिट्ठ करयल की भुज्जी (मीठे करेलों की सब्जी )
                          Bhishma Kukreti
बरसाती भुज्जी --मिट्ठ कर्यल असल मा परबल जन होंदन हाँ एक बीज कर्य्ल जन होंदन पण  ई बीज कंटीला होंदन एलई मिट्ठ करेलों क बीज नि खाए जान्दन
मिट्ठ कर्यल द्वी तीन इंच लम्बो अर धनुष आकार क होंदन , पूंछ बि कंटील़ो  होंद .मत्थ कर्याल क छुक्य्ल प्रबल जन कैड  नी होंद  पण मुलैम होंद
भुज्जी सुदारण कुणि कर्य्ल क मुख अर पूंछ काटिक फिंके जांद अर फिर बीजूं तैं बि गाडिक फिंके जांद
भुज्जी काटिक फिर अल्लू जन ही भुज्जी बणये जांद  . पण जादातर मिट्ठ कर्यल की भुज्जी अल्लू, छीमी (लुब्या) , या  सूँटूं फुळडू   दगड़ मिलैक ही बणये जांद
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Culinary Art of Garhwal and Kumon , Ethnic Dishes from Garhwal and Kumaun ,
Garhwali Cuisines, Kumaoni cuisines
                                              अम्वाणि  (Mango Curry or Vegetable of Mango)
                                                      Bhishma Kukreti
अम्वाणि कच्चो आम कु  तरीदार साग हुन्द . कच्चो आम तैं छीलिक , हडयालू गाडिक आलू जन काटे जांद या छिल्याँ आमों तैं थींचे जांद
फिर कट्यां आम या थिन्च्याँ आम तैं तेल मा तडका देकी , मैणु  मसला, लूण  मिलैक पाणि  दगड पकैक साग बणये जांद . क्वी क्वी साग तैं दड़बडू बणाणो कुणि मुन्ग्र्युं आळण .
बि मिलान्दन.
जादातर अम्वाणि (आम का  साग)  म्व़ाटा  रूटळ या झ्न्ग्वर /कौणी  मा खये जांद 
The unripped mangoes are peeled and cut as poteto. Then the cut mangoes are fried in hot edible oil . Then fried cut mango are mixed with spices, salt (asper taste and desire) in the frying pan and water is put and boiled tll the mango curry is fully cooked. curry medium as corn flour is also mixed many times.
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Cuisines of Garhwal, Cuisines of Kumaon, Kumoni dishes, Garhwali Dishes
                                 अमसुटि ( Mango Chuttney )
                                   Bhishma Kukreti
अमसुटि बणाणो खुणि काचो आम तैं छीलिक, कटे जांद अर फिर लूण, मर्च, हरो धणिया , ल्ह्यासण , काळी मर्च, आदू, भ्न्गुल आदि दगड   पीसे जान्द अर तब जैकी खये जांद/चटे जांद
कुछ लोग गुड़ /चिन्नी बि डाळदन अर यांखुणि मिट्ठू अमसुटि   बुले जांद .
Peeled unripped mango are cut into pieces and then grinded in mixer grinder or Silvat with salt, green or red chillies, correndrum leaves, garlik, black pepper, hamp seeds etc and paste is eaten with bread . Many people mix suger while grinding the in
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Culinary Art of Garhwal and Kumon , Ethnic Dishes from Garhwal and Kumaun ,
Garhwali Cuisines, Kumaoni cuisines, Ethnic Cuisines of Uttarakhand, Ethnic Dishes of Uttarakhand
                     ल्वैखैरा (खून की बर्फी, Blood Cake )
                                  Bhishma Kukreti
                          ल्वैखैरा बणाणो बान जैबरी जानबर   जिंदु कट्याणु होंद  ( जानबर गौळ  फर खुन्करी की मार करीक  काटे जान्दन ) वै ई बगत कटीं मुंडल़ी  अर कटयूँ  धड़ परेन बगद  ल्वे (खून ) तैं कै भांड पुटुक जमा करे जांद . फिर फटाफट ल्वे मा मर्च, लूण, मसालों मिलैक भांड तैं आग मा गर्म करे जांद . जब ल्वे ठोस अकार ल़े लीन्दी त भांड तैं आग मागन उतारे जांद . ल्वैखैरा  तैं गर्म खाओ या सलैक (ठंडो करण )  यू    खाण   वळ   पर निर्भर करदो .
भौत पैल जै पर ल्वे /खून की कमी बताये जान्द छे वै तैं ढिबर बखरों खून पीणो दिए जांद छोऊ या ल्वैखैरा खाणकण  बुले जांद छौ 
Blood cake is made by blood of animal. When the living stock is cut , the blood is collected into a pan .The blood is mixed with salt , chillie dust, and spices and heated till the solid cake is made.
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                  अखंडी (पायों का रस, Leg Soup) 
                            Bhishma kukreti
अखंडी  पकाणों खुणि जानबर का खुटों  तैं भड़ये जांद फिर सुदारिक (साफ़ कौरिक ) बडो  भडडू  पुटुक डाल़े जांद, दगड़ मा पाणी लूण मर्च , मैणु मसला, हल्दी मिलैक पांछ चाय घंटों तक थडकये (उबल्ना ) जांद अर टैम टैम पर पाणी बि मिलये जान्द . फिर कटरवो   से अखंडी पिए जांद , फिर चुलू मा चढ़ीं अखंडी मा बार बार पाणी मिलान्द ही रौंदन अर पीयाणि रयांद. द्वी एक दिन तक भड्डू चुलू मा ही च्ध्युं रौंद . कत्ति अखंडी को रस मा भात बि खै  लीन्दन   
The leg peieces of Goat, Sheep, Deer family or Bore are roasted along with full body of the animal. The roasted leg pieces are clened (burnt over etc) and put in a think pan . Then spices, chillies, salt is put along with water and boiled for many hours. The soup is seved on deep saucer/plate and drank. again water is put and the same is kept on fire for boiling for many hours.
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