Vaibhav Joshi
"गंगा दशहरा पत्र"
ज्येष्ठ महीने की शुक्ल दशमी को "गंगा दशहरा " मनाया जाता है,,,यह भारत-व्यापी पर्व है...इन्हें कुमाऊं में " दशहरा -पत्र या "द्वार पत्र" भी कहा जाता है... दशहरा -पत्र प्रतियेक घर में दरवाजों पर ऊपर की ओर चिपकायें जाते है....अभी भी कई ब्राह्मन परिवारों में इन्हें हाथो द्वारा बनाया जाता है...पर आजकल मुख्य रूप से बाज़ार में छपे "द्वार पत्र" ही खरीद कर चिपका दिए जाते हैं ....ऐसे मान्यता है की द्वार पत्र लगाने से बिजली गिरने का, बज्रपात का भय नहीं होता ...
अधिकांशतः ये पत्र एक "वृत्ताकार " में गणेशजी,या गंगा माता या हनुमान जी या शंकर जी की आकृति से युक्त होते है...वृत्ताकार के चारो तरफ बाहर की ओर संस्कृत में एक मंत्र लिखा होता है...जिसका अर्थ है की अगस्त्य,पुलस्त्य,वैश्भ्पायन ,जैमिनी और सुमंत वज्र से रक्षा करने वाले है.....इस वृत्त के चारो ओर अनेको कमल-दल भी अंकित किये जाते है,,,जो दुनिया के विकास के द्योतक है