Author Topic: Domestic Treatment - घरेलू उपचार, उत्तराखण्ड की महान औषधीय परम्परा  (Read 56158 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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महर जी...

मडवा जिसे पहाड़ के लोगो ने करीब - २ खाना छोड दिया है.. ! मडवा कहा जाता है की स्वास्थ्य के बहुत उपकारी है खासकर पाचन प्रणाली के लिए.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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घहत पथरी के इलाज के लिए बहुत ही उपयोगी है

पंकज सिंह महर

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बुखार में अतीस की छाल पीस कर पीने से राहत मिलती है।

पंकज सिंह महर

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खरुड़े/गड़्वा/पाये का सूप
 बकरी के पाये का सूप किसी भी तरह की कमजोरी को दूर करता है, पहाड़ों में इसे सर्दी भगाने के लिये भी प्रयोग किया जाता है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हमारे यहाँ जंगलो मे कई प्रकार की जड़ी बूटीयां मिलती है जो की कई प्रकार की बीमारी मे उपयोग मे लायी जाती है... ..

  जैसे .. झिरानी.  .. ठंडक के लिए
       सिल्बदु ..  

पंकज सिंह महर

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पथरी के लिये पथरचिट्टा (वन सुपारी, नदी के किनारे पत्थरों के भीतर मिलता है) को पानी में घोलकर पीने से आराम मिलता है।

पंकज सिंह महर

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तिमुल के फल की सब्जी वात रोग (बाद) में लाभकारी होती है।

हेम पन्त

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पहाडों में सामान्य रूप से पाये जाने वाला "रीठा" बालों के लिये बेहतरीन कंडीश्नर का काम करता है... कपडे धोने के लिये तो साबुन आने से पहले पहाडों में यही प्रयोग में लाया जाता था.... तिल के कच्चे पत्तों और तने का भी शैम्पू की जगह प्रयोग किया जाता था...

पंकज सिंह महर

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घी-क्वांर (एलोवेरा) का जूस पेट के लिये बहुत गुणकारी है, कहीं पर जल जाने पर इसका पत्ता तोड़्कर उसका jel लगाने पर आराम मिलता है।

Risky Pathak

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"Kautyaa"(कोंत्या): Infection Between Fingers of feet.. can be cured by "Meeroor"(मीरूर) is a small plant(Height: 5-6cm). Generally having only 1 Leaf.. Leaf is Purple on one side and green on side...


"Laadeeri"(लाडेरी लगिल) is also a herbal plant... Used for cure of cuts.... Known as "Ladeeri Lagil"

 

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