Author Topic: Domestic Treatment - घरेलू उपचार, उत्तराखण्ड की महान औषधीय परम्परा  (Read 56159 times)

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
दांत दर्द का उपचार- तीव्र दांत दर्द होने पर लाल धागे में एक अभिमंत्रित जडी बांध कर दाये या बाये कान में (जिस तरफ दर्द हो) लपेटने पर आराम हो जाता है. मैने स्वयं यह अनुभव किया है.

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
शारीरिक कारणों से खांसी की शिकायत पकड़ सकती है। इस मर्ज का कारण चाहे जो भी हो, पर इन नुस्खों को अपनाकर आपको इस शिकायत में काफी हद तक राहत मिल सकती है-
१- 1 चम्मच अदरक का रस+1 चम्मच शहद को सुबह-शाम लेने से खांसी में लाभ होता है।
२- 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण +3 ग्राम मिश्री+3 ग्राम देशी घी में मिलाकर सुबह-शाम लें।
३- 2 से 4 ग्राम हल्दी शहद में मिलाकर लें।
४- 1 से 2 ग्राम कालीमिर्च +5 ग्राम गुड़ में मिलाकर चूसने से खाँसी में आराम मिलता है।
५- 1 कप दूध+1 कप पानी, 7 पत्ती तुलसी, 3 दाने कालीमिर्च+1/4 चम्मच हल्दी को मिलाकर पकाएं। जब आधा भाग शेष रह जाए तो छानकर पिएं।
६- 4 या 5 मुनक्के+2 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चूसने से खांसी में लाभ मिलता है।
७- तुलसी की पांच पत्तियों को पीसकर शहद से चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
८- मुलहठी चूर्ण+1/4 ग्राम सेंधा नमक को शहद से लेने से खाँसी में आराम मिलता है।

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Yadi Urine blokage ho gaye hai achanak...

1)   kakadi ke beej ko pees kar use paani mae milakar.. peene se 5 minutes mai pesabh khul jaate hai.

I have seen this mircale during last visit at my native place. This had happened with someone and we did the same. It was really unbeliveable.

Veer Vijay Singh Butola

  • Jr. Member
  • **
  • Posts: 57
  • Karma: +7/-0
किलमोड़े जिसे गढ़वाल में किनगोड़ कहते है इसकी जड़ो को अच्छी तरह धो कर, जिससे से इसकी मिटटी निकल जाए फिर धुप में सुखाये | इस जड़ को किसी पानी से भरे बर्तन में  रखे व् रोज सुबह पिए | इस प्रक्रिया से मधुमेह (शुगर) कंट्रोल में रहता है 

किल्मोडा, इसकी जडें अनेक प्रकार की दवाइयां बनाने में प्रयोग होती हैं



Veer Vijay Singh Butola

  • Jr. Member
  • **
  • Posts: 57
  • Karma: +7/-0
किलमोड़े जिसे गढ़वाल में किनगोड़ कहते है इसकी कच्ची जड़ो को अच्छी तरह धो कर, जिससे से इसकी मिटटी निकल जाए किसी साफ पत्थर पर पिसे | आँख आने पर लगाये यह बहुत ही उत्तम दवाई है   

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Hisaalu ke patte ko pees kar kisi ghaav par lagaane se wah jaldi se theek ho jata hai.

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
यदि कहीं पर चोट लग जाये और खून निकल रहा हो तो घाव पर सिसौण/कंडाली/बिच्छू घास के पत्ते पीसकर लगाने से घाव से खून बंद हो जाता है और घाव भी जल्द भरता है।
    इसका उपयोग देवीधूरा की बग्वाल में घायल लोगों के इलाज में भी किया जाता है। वहां पर कोई अन्य ईलाज नहीं किया जाता।

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
चूख (बङा नींबू) का रस कटे प्याज में मिलाकर नियमित खाने से पेट के कीङों का सफाया हो जाता है.

यह छोटे बच्चों के पेट में होने वाले कीङों के लिये पहाङ में अपनाया जाने वाला बहुत असरदार घरेलू उपचार है.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0


गहत की दाल का रस पीने से पथरी का इलाज होता है ! अगर इसे नियमित रूप से लिया जाय !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Sanjivani booti` found?
« Reply #39 on: September 28, 2008, 06:26:12 PM »
Sanjivani booti` found? 
 
 Dehra Dun, Sept 28: Baba Ramdev's yog trust has claimed to find "Sanjivani Booti" from Drongiri Parvat in Chamoli district of Uttarakhand.

Describing it as a big achievement, Baba Ramdev thanked the team members led by Acharya Balkrishan, who found the herb following a trek to the hill.

Acharya Balkrishan said sanjivani booti has properties of four different herbs like mrita sanjivani, vishalaya karni, sawarn karni and sandhani.

Prof Hariram Pandey, an ayurveda expert and Kaushal Kumar had accompanied the team which trekked to Dronagiri early this month. The team returned to Haridwar yesterday.

Sanjivani Booti gets mention in the holy Ramayana when Lakshaman was injured during the fight with Meghnaad. To revive him, who fell unconscious, Hanuman flew to Drona Parvat and brought the sanjivani.

http://www.zeenews.com/articles.asp?aid=472599&sid=ENV&ssid=28

Bureau Report
 

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22