Author Topic: Funny Story Of Lathu Kothari's Sons - लटू कोठारी के लड़को की अद्भुत कहानी  (Read 32341 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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There is mentioned about these stories in Uttarakhand Lok Itihass. I remember, in village earlier people used to quote whenever any foolish work takes place unkonwlingly  "Yo to Latu Kothari Chello ka Jaisa Kaam Go gya".


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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By D N Badola Ji

लछिया कोठ्यारी के किस्से - 1

लछिया कोठ्यारी  के किस्से पूरे इलाके मैं प्रसिद्ध हैं.  पुराने  समय मैं शाम को चौपाल मैं उसकी मूर्खता के किस्सों को चटकारे लेकर सूना व सुनाया जाता था.  उसके सात पुत्र थे. उनकी मूर्खता के किस्से भी प्रसिद्ध हैं. पुराने समय की बात है पहाड़ से लोग बैलगाडियों  के काफिले मैं जाड़ा प्रारंभ होते ही मय बिस्तर  व  साजो सामान के भाभर को प्रस्थान करते थे. बीच मैं कई पड़ाव होते थे. बैलों के पैरों मैं घंटियों की घुन घुन तथा लालटेन की रोशनी मैं बैलगाडियों के साथ पूरा काफिला बस्ती के नजदीक जंगल मैं  सुरक्षित स्थान तलाश कर रात्रि विश्राम किया करता था.

हमारी कहानी के नायक सातों भाइयोँ को उनके पिता ने भाभर जाने से पहले हिदायत दी थी की जहां भी रात्रि पड़ाव हो सातों भाई गिनती कर पुरी तरह आश्वस्त हो जाना की सातों के सात भाई साथ हैं. पहला पड़ाव आया. भाईयोँ ने गिनती  शुरू की, पर यह क्या गिनती मैं कुल छै भाई ही  निकले. दुसरे भाई  ने गिनती की  परन्तु नतीजा फिर वही  छै ही निकला. इस प्रकार सभी भाइयोँ ने गिनती की पर नतीजा वही निकला.सच बात यह थी की जो भी भाई गिनती करता वह अपने को नहीं गिनता था. अतः कुल ६ की  ही संख्या निकलती थी. सातों भाई दहाडें मार कर रोने लगे तथा एक भाई की मौत का गम मनाने लगे.परन्तु प्रश्न यह था की सातवां भाई जिसे वह मरा समझ रहे हैं, वह कौन था और वह कहाँ गया. उसकी लाश भी तो नहीं मिली.

इसी पशोपेश मैं रात गुज़री. उन्होंने अपने पिता को सन्देश भेजा. दुसरे दिन उनके पिता लछिया कोठ्यारी  उनके पास  पहुंचे.   भाईयोँ  ने रोना  धोना  शुरू  किया. लछिया  कोठ्यारी  ने उन्हें  डाटा    और     सबसे  बड़े भाई से फिर से गिनती  करने को कहा . गिनती  करने पर फिर 6 भाई ही  निकले. उन्होंने बारी बारी हर लड़के से गिनती करने को कहा. पर यह क्या गिनती मैं तो ६ ही  भाई पाये गए. क्योंकि गिनने  वाला  भाई खुद को नहीं गिनता  था. नतीजतन लछिया कोठ्यारी सहित सभी भाई विलाप करने और जोर जोर से रोने लगे.  परन्तु प्रश्न यह था की किस भाई की मौत हुई है. आखिर किसका किर्या कर्म किया जाय. महामूर्ख लछिया कोठ्यारी ने स्वयं लड़कों को गिनने की जहमत नहीं उठाई. यदि वह ऐसे करते तो महामूर्ख की पदवी से कैसे नवाजे जाते. (D.N.Barola)
 


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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By Sh..D N Badola Ji
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लछिया कोठ्यारी के किस्से - 2

लछिया कोठ्यारी के सातों लड़के गर्मी शुरू होते ही भाभर से पहाड़ को वापस आ रहे थे. टनकपुर के पास पहुँच कर उन्हें ख्याल आया कि  ईजा (माता) के लिए तो कुछ भी नहीं ले जा रहे हैं. उन्होंने विचार विमर्श किया. सबने महसूस किया कि ईजा को सबसे ज्यादा जरूरत एक घाघरी कि है.  अतः टनकपुर कि एक दूकान से घाघरी का कपड़ा ख़रीदा गया. अब प्रश्न था कि इसे सिला किसे जाय, क्योंकि टनकपुर का एक मात्र दर्जी अपने गाँव गया था. उन्होंने सुई धागा ख़रीदा और घाघरी सिलने लगे. नया प्रश्न था कि ईजा कि कमर कि नाप क्या होगी. एक ने कहा कि सामने वाले बांज के पेड़ की गोलाई के बराबर कमर होनी चाहिए. काफी सोच विचार के बाद एक पेड़ की गोलाई के  बराबर की नाप उन्हें ठीक लगी. फिर क्या था सातों भाई उस पेड़ मैं घाघरी सिलने के काम मैं जुट गए. घाघरी  तैयार हो गई. सब भाई खुश थे कि ईजा खुश हो जायेगी.  परन्तु घाघरी को घर ले जाने मैं विकट समस्या आ गई. क्योंकि घाघरी तो पेड़ मैं सिली गई थी. उसे कैसे उतारा जाय. यह सोच कर सातों भाई उदास  हो गए. घाघरी पेड़ मैं ही  छोड़  घर वापस पहुंचे और ईजा को घाघरी का किस्सा सुनाया. ईजा खुश हुई, आखिर परदेश मैं भी उसके बच्चों  को भी उसका कितना ख्याल था. (D.N.Barola)       

मदन मोहन भट्ट

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बताया जाता है की लछिया कोठारी की पत्नी उससे झगडा कर मइके चली गयी.  जब लड़को को ये पता चला तो उन्होंने लछिया कोठारी को चक्की पीसने के लिए कहा.  गाँव वालों को जब ये पता चला तो वे उनको समझाने के लिए आ गए.  उन्होने लड़कों से पूछा कि क्यों वे अपनी बूढे बाप को तंग कर रहे हैं.  तब लड़के बोले हमारा बाप है, हम तंग नहीं करेंगे तो क्या कोई और तंग करेगा. 

Lalit Mohan Pandey

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महाराज लछुआ कोठारी की संतान मुर्ख जरुर थी पर आपस मै प्यार भी बहुत था एक दूसरे से ...
एक बार उन्हें जंगल मै सुय्तो (चीड का फल : सुय्तो के अन्दर छोटे छोटे बीज होते है जिन्हें खाया जाता है) ..वही एक छोटा सा सुय्तो के अन्दर का फल मिल गया, फ़िर सभी भाहिये मै बहस होने लगी की क्यों खायेगा क्यों खायेगा.. फ़िर decide किया की इसके सात हिस्से बना के बाट के खाए, "इसीलिए आज भी जब कोए भाई बहन आपस मै लड़ते है की मै खाऊँगा मै खाऊँगा करके तो कहा जाता है.. लछुआ कोठारी की संतान ले सुय्तो खुदो ले बाड़ी बेरी खाछ कुनान तुम उनने जैस ले नि भया"

Lalit Mohan Pandey

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एक बार लछुआ कोठारी ने अपने बच्चू को जंगल से भरान लेन को कहा (भरान होता है जिससे घर की छत मै बीचों बीच लगाया जाता है... वो छत के पूरे वेट को सहन करता है).. तो चीरान लगा होगा वहा से भरान लाने को कहा... अब सभी भाई चले गए भरान लाने.. लेकिन अब बहस होने लेगी की मेरी तरफ़ भार ज्यादा आ रहा है, कोए कहे मेरी तरफ़ ज्यादा है...  तो भैयु ने सोचा की क्या किया जाय उनमे से एक बोला की एक काम करते है.. इसे साथ हिस्सू मै काट देते है.. फ़िर सबके हिस्से मै बराबर भार आयेगा... तो हो गया फ़ैसला.. काट दिया सात हिस्से मै..और अपना अपना हिस्सा ले के पहुच गए घर...भरान के सात हिस्से देख के लछुआ कोठारी बेच्चारा अपना सर पकड़ के रह गया.

मेरा पहाड़ / Mera Pahad

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Wah Wah Pandey ji +1 karma is kisse ke liye.

एक बार लछुआ कोठारी ने अपने बच्चू को जंगल से भरान लेन को कहा (भरान होता है जिससे घर की छत मै बीचों बीच लगाया जाता है... वो छत के पूरे वेट को सहन करता है).. तो चीरान लगा होगा वहा से भरान लाने को कहा... अब सभी भाई चले गए भरान लाने.. लेकिन अब बहस होने लेगी की मेरी तरफ़ भार ज्यादा आ रहा है, कोए कहे मेरी तरफ़ ज्यादा है...  तो भैयु ने सोचा की क्या किया जाय उनमे से एक बोला की एक काम करते है.. इसे साथ हिस्सू मै काट देते है.. फ़िर सबके हिस्से मै बराबर भार आयेगा... तो हो गया फ़ैसला.. काट दिया सात हिस्से मै..और अपना अपना हिस्सा ले के पहुच गए घर...भरान के सात हिस्से देख के लछुआ कोठारी बेच्चारा अपना सर पकड़ के रह गया.

Lalit Mohan Pandey

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Dhanybad maharaj...
Wah Wah Pandey ji +1 karma is kisse ke liye.

एक बार लछुआ कोठारी ने अपने बच्चू को जंगल से भरान लेन को कहा (भरान होता है जिससे घर की छत मै बीचों बीच लगाया जाता है... वो छत के पूरे वेट को सहन करता है).. तो चीरान लगा होगा वहा से भरान लाने को कहा... अब सभी भाई चले गए भरान लाने.. लेकिन अब बहस होने लेगी की मेरी तरफ़ भार ज्यादा आ रहा है, कोए कहे मेरी तरफ़ ज्यादा है...  तो भैयु ने सोचा की क्या किया जाय उनमे से एक बोला की एक काम करते है.. इसे साथ हिस्सू मै काट देते है.. फ़िर सबके हिस्से मै बराबर भार आयेगा... तो हो गया फ़ैसला.. काट दिया सात हिस्से मै..और अपना अपना हिस्सा ले के पहुच गए घर...भरान के सात हिस्से देख के लछुआ कोठारी बेच्चारा अपना सर पकड़ के रह गया.

मोहन जोशी

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Bhote Rangal aa gaye ho Maharaaj, tumi sabo ke dhanyabad kumaoni comedi liji ji raya

मनोज भौर्याल

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एक बार लटू कोठारी का एक लड़का रात में किसी के घर मे चोरी करने गया ! इस घर का मालिक अगले दिन प्रदेश जाने वाला था! वह अपनी पत्नी से कह रहा था कि अब वह हियोन ( यानी जाडो के दिनों) मे आएगा! उसकी पत्नी भी हियोन  नही समझ पायी जो कि लगभग लटू कोठारी के लड़को के जैसे अकल की थी !

दुसरे दिन लटू कोठारी  का लड़का इसके घर चोरी करने जाता है और उस औरत से कहता है वह हियोन है ! यह औरत समझती है कि यह वही हियून है जिसके बारे मे उसका पति बोल रहा था !

इस बाहने लटू कोठारी घर से चोरी कर ले जाता है! दुसरे दिन यह औरत यह घटना अपने सहेलियों से बाटती है ! कहती है दीदी, कल हमारे घर हियून आया था और चोरी कर के ले गया !

इस पर सब हस्ते है !

ha ha ha aaj tho hasshi se lot pot ho gaya mehta g..

 

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