Author Topic: Garhwali Riddle- Do you have answer - गढ़वाली आण है आपके उत्तर ?  (Read 8572 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढ़वाली आणा - पखाणा सिरीज़   !

१. जन्नी बल मेरी गौड़ी रमांदी वन्नी दुधाल भी हुंदी त !
२. दयो खायी, द्य्बता खायी अब टिकर टिकर क्यांकि !
३. ओ न मासी ढंग, न बाप पढ़े न हम !
४. बिना मामा से काणु ममा भलु !
५. तिम्ला का तिम्ला खत्याई अर्र नांगा का ...!
६. ब्वारी कु सगोर बल हिटणं !
७. गूणी तै अपनी पूँछ छोटी ही लगद !
८. तातू खैकी गिचु फुकेंद !
९. अन्ध्यारा मा की फाल !
१०. म्यार बुबान घ्यो खायी, ल्या मयारू हथ सूंघा !

BY sk:) a Girish Sundriyal collection

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढ़वाली आणा - पखाणा सिरीज़  !
 
 १.गिचा  बुबो क्या जान्द  !
 २ चुघनी देणु  परमेश्वरा   पूठा पर  !
 ३. अज्जी खा माछा !
 ४.त्वे दगडी त काल भी नि साक     !
 ५.तू ठगनी कु ठग मी जाती कु ठग  !
 ६. होरों की होर ही धाण  म्यारा लाटा की उई धाण  !
 ७. जोगी अर्र गुरो कु एक घर कख छायो  !
 ८. हे मेरी गिची     !
 ९. लूण  मर्चा अर्र  खर्चे खर्चा  !
 १०. छुयुं  की छांछ मा  बल नौणी नि लगदी     !
 SK:)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढ़वाली आणा - पखाणा सिरीज़  !

१. भीतर जान्द न भैर आन्द, छजा माँ बैठी कि खुट्टा हिलान्द !
२ बोडी पहली गीतांग छे अर्र अब ता नाती जि व्हेगे !
३. कटी अंगुली माँ बल मुतन्या नि !
४. काठे बिरली ता मि बनौलू पर म्या कु करलू !
५. तन बुढेंद मन नि बुढेंद !
६. पहली ता ब्वारी बल पानी नि बर्तदी छे अर्र अब पंधेरा नि छ्वडदी !
७. तुम्हारा ही भुज्याँ भट्ट चन छन साब !
८. उ बांदर होर ही छाया जो
न लंका फूकी !
९. छुई लगान्द बल डाला टुक्कू कि !
१०. एली ब्याटा मेरी पौड़ी !
SK:)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढ़वाली आणा - पखाणा सिरीज़ !

१. जै लगी बल ताती वू उठी बल राति !
२ मिंढकौन जि हल लगदु ता बल्दों की क्या जर्रूरत छे !
३. मों बल बारा अर्र कुकर अठारा !
४. घुम्नो जान्द बल दिल्ली अर्र हग्दी दां चुल्ली !
५. न बुबा ब्यालू न भुल्ला व्हालू
६. जबरी बल तची नि तबरी तीड ग्ये !
७. कुछ मोरू शर्मन अर्र कुछ गर्मन !
८. विष देनु पर झुटु बिस्वास नि देनु !
९. कख बल नीति अर्र कख माणा, श्याम सिंह पटवारी ने कहाँ कहाँ जाना !
१०. रुईं चुईं अर्र फेर वी छुईं !

SK:)

Brijendra Negi

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१. रन्डू का पाँजा बल गौं प्वाड़ी बंजा
२. किद्वालल काई  गुरा की सिकासैरी तकणे-तकणे  म्वार.
३. चार जिन्दा मिंडका  एक तराजू माँ नि त्वलेंदा.

Brijendra Negi

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१- पैंसा न पल्ला,  द्वी व्यो कल्ला
(साधनहीन व्यक्ति की बड़ी महत्वाकांक्षा)
२- खायु न प्याऊ, म्वना खुण आयु
(बेकार में समय गवाना)
३- शर्म न लाज, फिर आग्यो आज
(वही कार्य करना जिसके लिया मना किया हो)
४-व्वारी कु कर्याँ म,  सासू कु कमताट
(दुसरे के मेहनत का श्रेय लेना)
५- व्वल्दु छो बेटी खुण, सुणान्दू  छो व्वारी थै.
(घुमा फिरा कर बुराई करना)

Brijendra Negi

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१. छ्वटी पुजै  का भी पंची भांडा
(काम छोटा हो या बड़ा मेहनत सामान होती है)
२. अपणु भूला, अफ्वी धूला
(अपने किये का फल स्वयं भुगतना)
३. मौ बारा, कुकर अठारा
(संसाधनों से अधिक व्यय होना)
४. जनि देलु, तनी पैलु
(जैसे को तैसा)
५. कमान्द दा सुखरो, खांदी दा चुप रौ
(कठिन परिश्रम करने पर भी उचित फल न मिलना)


 

Brijendra Negi

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१. घुंडू-घुंडू फुकेग्या, किराण नि आई
(काम बिगड़ने पर भी सचेत न होना)
२. ढान्ड़ो भी प्वड़नु, बुढो भी म्वरनु
(नुकसान दर नुकसान होना) 
३. जत्गा डांड-डांड, बाकी फुन्डू गाड़
(जितना नुकसान हुआ  सो हुआ बाकी तो कम करो)
४. न राई गौड़ा कु ऐण कु, न बछरू गिच्चा कु
(किसी बस्तु का उपयोग में न आना)
५. खालू प्यालू म्यारू, छों ध्वलना तू जा
(अपने का फायदा दुसरे की मेहनत) 

Brijendra Negi

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१. तलब न तनख्वा बल भजराम हवलदार
(बेगारी करना)
२. ये ठाकुर की बल लेणी न देणी अर घुण्ड-घुण्ड ठीणी
(बिना बात का रॉब ज़माना)
३. धुये-धुये बल ग्वारा अर घुसे-घुसे की स्वारा
(अनजान होते हुए भी जबरदस्ती नजदीकी बनाना)
४. भंडया बिरलों  म बल मूसा नि मरेंदा
(जादा जानकारों से एक साथ एक काम न होना)
५. रांड बल गाड़क हाल नि द्याखिदी अर ब्वल्द माछा ल्ह्या
(दुसरे को कमतर आंकना)

 


Brijendra Negi

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१. म्यारू नौनु बल दूंण नि  सैक सकुदु अर बीस पाथा खूब सक्द.
(कार्य की अज्ञानता होना)
२. पिठे लगद दफा बल क्वलण अर जुत्ता लग्ददा मुख ऐथर.
(अकारण अपयश का भागिदार होना)
३. अफु भाजी गया अर कठुकू कोच ग्या.
(परेसानी खड़ी करना)
४. छोटा बल बढीना अर बड़ा घटीना.
(एक  बराबर  न  होना )
५. मुंगरी बल पकली-पकिल पर क्य कन समधी भुकी चल ग्या.
(टालबराई करना)

 

 

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