Linked Events

  • कर्क संक्रान्ति (हरेला): July 16, 2012

Author Topic: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)  (Read 125898 times)

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #50 on: July 16, 2008, 12:58:30 PM »


डिकारे, हरेला, भीमताल का हरेला मेला और हरेले की शुभकामनायें देते लोग।

दिनेश मन्द्रवाल

  • Jr. Member
  • **
  • Posts: 66
  • Karma: +1/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #51 on: July 16, 2008, 01:03:57 PM »
सभी सदस्यों को हरेला/हरियाली पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।

K C Joshi

  • Newbie
  • *
  • Posts: 17
  • Karma: +1/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #52 on: July 16, 2008, 01:13:49 PM »
hapaay harela to all mera pahad members
jee rayaa jaagi raya



कमल

  • Core Team
  • Jr. Member
  • *******
  • Posts: 90
  • Karma: +2/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #53 on: July 16, 2008, 01:18:44 PM »
यह भी पढ़ें.

कका बालकनी में बैठे हुए सामने पार्क में खेलते हुए बच्चों को देख रहे थे.साथ ही पातड़ा (पंचाग) भी देख रहे थे. मैने उनसे पूछा.

"कका.. पंचाग में क्या देख रहे हो..? "

"अरे देख रहा था हरेला कब है. भोल (कल) हरेला है."

"ओ..कल है! कका बताइये कल क्या क्या करना है. "

http://kakesh.com/2008/harela-festival-of-uttarakhand

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #54 on: July 16, 2008, 02:29:41 PM »
हरेला वैसे तो सभी जातियों में हर घर में बोया जाता है, लेकिन किसी-किसी घर में नहीं बोया जाता, इसके पीछे कारण यह है कि हरेले के दिन यदि उस घर में किसी की मृत्यु हो जाय तो हरेला तब तक नहीं बोया जा सकता जब तक हरेले के दिन उस घर में किसी बच्चे का जन्म न हो। साथ ही एक छूट भी है ;D  ;D कि यदि उसी घर में गाय की भी बछिया हो जाये तो भी हरेला बोना शुरु किया जा सकता है।

Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #55 on: July 16, 2008, 07:41:42 PM »
सभी भाई बन्दों को हरेला की शुभकामनाएं..

हमारे घर में भी हरेला नहीं बोया जाता, लेकिन इस दिन हलवा, पूरी, भूड़े आदि बनाकर तथा हमारे पंडित जी तथा अन्य लोगों से मिले हरेला को सिर पर रख कर हम यह त्योहार मनाते है,

वीरेन्द्र

हरेला वैसे तो सभी जातियों में हर घर में बोया जाता है, लेकिन किसी-किसी घर में नहीं बोया जाता, इसके पीछे कारण यह है कि हरेले के दिन यदि उस घर में किसी की मृत्यु हो जाय तो हरेला तब तक नहीं बोया जा सकता जब तक हरेले के दिन उस घर में किसी बच्चे का जन्म न हो। साथ ही एक छूट भी है ;D  ;D कि यदि उसी घर में गाय की भी बछिया हो जाये तो भी हरेला बोना शुरु किया जा सकता है।

Charu Tiwari

  • MeraPahad Team
  • Jr. Member
  • *****
  • Posts: 69
  • Karma: +6/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #56 on: July 16, 2008, 09:00:45 PM »
आप सभी को हरेले की हार्दिक शुभकानाएं

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #57 on: July 17, 2008, 09:32:14 AM »
धूमधाम से मना हरेला पर्वJul 16, 11:26 pm

बागेश्वर। जनपद के विभिन्न स्थानों में हरेला त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान लोगों ने मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना कर हरेला चढ़ाया व इसके बाद आपस में भी हरेला लगाकर शुभकामनाएं दी। हरेला पर्व के चलते आज मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। त्यौहार के चलते आवागमन भी अधिक रहा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVEL OF UTTARAKHAND
« Reply #58 on: July 17, 2008, 09:38:14 AM »
हरेला पर्व पर जगह-जगह हुआ वृक्षारोपणJul 16, 11:26 pm

लोहाघाट। सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक हरेला पर्व यहां धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न ग्रामीण अंचलों में लोगों ने वृक्षारोपण कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया तथा खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। पाटी विकास खण्ड में सरस्वती कलाकेन्द्र धरसौं, वैलफेयर सोसायटी तथा युवक मंगल दल धरसौं की ओर से गांव में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। शुरूआत खुदाई मंदिर से हुई। इस दौरान बांज, उदिश व माल्टा, संतरा के फलदार पौधे लगाये गये। वृक्षारोपण कार्यक्रम का निर्देशन नवीन रसीला ने किया। शाम को सरस्वती कलाकेन्द्र की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य हीरा राम आर्य व अध्यक्षता कर रहे अनुसूचित जाति जन जाति महासंघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष नवीन आर्य ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। युवक मंगल दल धरसौं द्वारा बालीबाल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। लोहाघाट व बाराकोट विकास खण्डों में भी बड़े पैमाने पर वृक्ष लगाये गये।


पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVAL OF UTTARAKHAND
« Reply #59 on: July 17, 2008, 10:57:39 AM »

त्योहार व संस्कृति को बचाना जरुरी: बाबा

भीमताल: कई दशकों से निरंतर आयोजित होने वाला हरेला मेला बुधवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू हो गया। हरेला खेल एवं सांस्कृतिक विकास समिति के तत्वावधान में मल्लीताल स्थित रामलीला मैदान में पांच दिनों तक चलने वाले इस मेले को सांसद केसी सिंह बाबा ने दीप प्र”वलित कर विधिवत शुभारम्भ किया। उद्घाटन अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री बाबा ने कहा कि अपने परम्परागत तीज-त्योहारों व संस्कृति को बचाए रखने के लिए मेलों का विशेष महत्व है। ऐसे आयोजनों को निरंतर करते रहना चाहिए। श्री बाबा ने कहा कि हरेला पर्व हरियाली व सुख समृद्धि का प्रतीक है। आज तेजी से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। मैदानी क्षेत्रों के साथ अब पर्वतीय इलाकों में भी पर्यावरण दूषित हो रहा है। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए सभी को आगे आना होगा। विशिष्ट अतिथि उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष डा. नारायण सिंह जंतवाल ने कहा कि मेले किसी भी व्यक्ति के जीवन को नई दिशा देने के लिए प्रेरणादायक होते हैं। ऐसे मौसम में जब चारों ओर हरियाली छाई हो और उसके बीच हरियाली को बचाए रखने के लिए मेले आयोजित होने से इसका महत्व और भी अधिक हो जाता है। ब्लाक प्रमुख गीता बिष्ट ने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए ऐसे आयोजनों को निहायत जरूरी बताया। डा. हरीश बिष्ट ने कहा कि हरेला मेला हरियाली का प्रतीक होने के साथ ही दूर-दूर रहने वाली बहू-बेटियों को मिलाने के लिए लाभकारी है। अध्यक्षता करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि यहां का हरेला मेला नगर व ब्लाक की धरोहर है। इसे आगे बढ़ाने के लिए सभी को आगे आना होगा। समिति के अध्यक्ष सुभाष जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर नगर के विभिन्न विद्यालयों में अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन नवीन पांडे, अजय खड़का व संदीप पांडे ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर समिति संरक्षक मनोहर लाल चौधरी, उपाध्यक्ष जगदीश पांडे, सचिव कमलेश रावत, पूर्व प्रमुख चंदन सिंह अधिकारी, नन्दा बल्लभ जोशी, लीलाधर पांडे, लोकनाथ गिरि, ललित लोहनी, चंदन बिष्ट, दयाल सिंह, खीमानन्द दुम्का आदि मौजूद थे।  


 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22