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  • कर्क संक्रान्ति (हरेला): July 16, 2012

Author Topic: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)  (Read 125895 times)

हेम पन्त

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Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVAL OF UTTARAKHAND
« Reply #70 on: July 16, 2009, 07:22:23 PM »
पिठां (तिलक), चन्दन और अक्षत के साथ थाली में रखा हुआ हरेला..


पंकज सिंह महर

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Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVAL OF UTTARAKHAND
« Reply #71 on: July 16, 2009, 09:32:42 PM »
हरेला संक्रान्ति के दिन वृक्षारोपण की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. इस दिन रोपे गये पौधे बहुत सफलता से पल्लवित होते हैं. हम लोग बचपन में इस दिन पेड़ों की डालियां तोड़कर ऐसे ही मिट्टी में रोप देते थे, और लगभग सभी पौधे जल्दी ही जमीन में जड़ें बना देते थे.  

मैस ले याद छ कि हमारा स्कूल में तब हराल्य की छुट्टी नै हुंथी, त स्कूल भटै हमिन एक-एक बोट फ्री में मिल्थ्यो, हम वीस कत्ती ले अपन घर में लगूथ्यां। मैस याद छ कि एक बेर मैस नींबू को बोट मिलिछ्य, ऊ बरमासी थ्यो, आज ले लागी रिछ और अड़ोसी-पड़ोसी सब्बे कुनान कि अहा कि बोट लगाछ के। बारो मास फल दिन भ्यो महाराज ऊ बोट। आब सरकार स येस योजनास  संकल्प और एक आन्दोलन का रुप में शुरु करन चांछ, ताकि हमारा अघिल-पछिल ह्यूमन फ्रेंडली और ईको फ्रेंडली बोट लागो। मै आज रात्ते सबन धैं यो अनुरोध करना थ्यूं कि आज सब्बे लोग एक-एक बोट लगाया कै, लेकिन सालो यो नौकरी का चक्कर में भुली गयूं। आब भोल सब्बे एक-एक बोट लगाया धैं, हमारा पहाड़ में कुनान कि पितरे की कमै नातर खिने तो उको सबसे ज्वलंत उदाहरण छ यो बोट-बाट लगुन, हम एक रुख लगुलाल त हमाता नाती- प्वोता उका फल खाला। त महराज एक कोशिश करया धैं हो।


नोट- उक्त आर्टिकल ठेठ सौरयाल (पिथौरागढ़) की बोली में लिखा गया है, कोई बात समझ में न आये तो कृपया हेम पन्त जी से सम्पर्क करें।


हेम पन्त

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Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVAL OF UTTARAKHAND
« Reply #72 on: July 17, 2009, 09:56:26 AM »
पंकज दा का यह सन्देश अत्यन्त महत्वपूर्ण है, सब लोगों को समझ में आ जाये इसलिये इसका अनुवाद मैं कर देता हूं.

अनुवाद- मुझे भी याद है कि हमारे स्कूल में तब हरेला की छुट्टी नहीं होती थी, हमें स्कूल से एक-एक पौधा मुफ्त में मिलता था. हम उस पौधे को अपने घर में कहीं पर लगाते थे. मुझे याद है कि एक बार मुझे नींबू का एक पौधा मिला, वो बारमासी था (अर्थात साल भर फल देने वाला)अभी भी लगा हुआ है और अड़ोसी-पड़ोसी सभी कहते हैं कि- अहा! क्या गजब पौधा लगाया भाइ!साल भर फल देता है वो पौधा! अब सरकार को इसे एक संकल्प और एक आन्दोलन के रुप में शुरु करना चाहिये, ताकि हमारे आगे पीछे ह्यूमन फ्रेंडली और ईको फ्रेंडली पौधे लगें। मै आज सुबह सब से यह अनुरोध करना चाहता था कि आज आप सभी लोग एक-एक पौधा लगायें, लेकिन नौकरी के चक्कर में भूल गया। अब आप कल (यानि 17 जुलाई) को सभी लोग एक-एक पौधा लगायें, हमारे पहाड़ में कहते हैं कि "पितरे की कमै नातर खिने" (पुरखों की कमाई, अगली पीढियों के लिये होती है) तो यह उसका सबसे ज्वलंत उदाहरण है - पौधा लगाना. हम एक पेड़ लगायेंगे तो हमारे नाती- पोते उसके फल खायेंगे। तो महाराज एक कोशिश करियेगा हां जरूर!!!

हेम पन्त

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Re: हरेला(हरयाव): HARELA FESTIVAL OF UTTARAKHAND
« Reply #73 on: July 21, 2009, 10:21:46 AM »
Harela inside a house


पंकज सिंह महर

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Re: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)
« Reply #74 on: July 15, 2010, 05:29:22 PM »
ऋतुओं के स्वागत का त्यौहार- हरेला
उत्तराखण्ड की संस्कृति की समृद्धता के विस्तार का कोई अन्त नहीं है, हमारे पुरखों ने सालों पहले जो तीज-त्यौहार और सामान्य जीवन के जो नियम बनाये, उनमें उन्होंने व्यवहारिकता और विज्ञान का भरपूर उपयोग किया था। इसी को चरितार्थ करता उत्तराखण्ड का एक लोक त्यौहार है-हरेला।

आगे पढ़े
 
इस बार हरेला 17 जुलाई को मनाया जायेगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)
« Reply #75 on: July 16, 2010, 10:28:29 PM »

Wishes.

जागि रया, धरती जस चौड, अकाश जस उच्च है रया...
पताव जस गैल और स्याव जस चतुर ले है रया महाराज.

Ramesh Singh Bora

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Re: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)
« Reply #76 on: July 16, 2010, 11:44:09 PM »


 ;D ;D हरेला की सभी कुमाउनी लोगो के बधहया ;D ;D
 

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जिराय जगिराया य दिन य मास भेटने राया
साव ज बुध्ही अजो सुव ज तारद अजो
धरती बराबर चाकाव हजया आकाश बराबर ऊँच हजया
जिराय जगिराया य दिन य मास भेटने राया
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Raj.S. Ghughtyal

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Re: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)
« Reply #77 on: July 17, 2010, 12:41:17 AM »
Harela wishes to all uttrakhandi.

Risky Pathak

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Re: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)
« Reply #78 on: July 17, 2010, 07:07:19 AM »
Sabhi Saathiyo Ko Harela Ki Shubkaamnaayein

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Harela Festival Of Uttarakhand - हरेला(हरयाव)
« Reply #79 on: July 17, 2010, 07:47:43 AM »

It is celebrated 10 to 11 days before the Shravan (July-August). During this festival, paddy, maize, horse bean, and other grains and sown in pots inside the room. The sowing is done ceremoniously by the head of the family or the family priest. It is believed that the color of the plants will be changed to yellow after the process

 

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