.मैं इस विषय का आधिकारिक ज्ञाता नहीं हूँ और न इसका ज्ञान मुझे उत्तराधिकार या विरासत में मिला है. फिर भी जितना लोगों के सत्संग और अध्ययन से जान पाया हूँ , पंकज जी के आग्रह पर इस थ्रेड पर लिखने का यत्न कर रहा हूँ. यदि त्रुटियाँ हों तो विज्ञ जन सुधार दें जिससे सभी लाभान्वित हो सकें.
पूजन से पूर्व स्वयं एवं सामग्री की शुद्धि हेतु मन्त्र -
अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा |
यः स्मरेत पुण्ड़रीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ||
आसन शुद्धि का मन्त्र -
ॐ पृथ्वी ! त्वया ! धृता लोका, देवि त्वं विष्णुना धृता |
त्वं च धारय मां देवि ! पवित्रं कुरु चासनं ||
आचमन -
१- ॐ केशवाय नमः
ॐ नारायणाय नमः
ॐ माधवाय नमः
२- ॐ ऋग्वेदाय नमः
ॐ यजुर्वेदाय नमः
ॐ सामवेदाय नमः
ॐ अथर्व वेदाय स्वाहा