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Holy Mantras Related To Our Culture - हमारी संस्कृति से संबंधित मंत्र

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hem:
कल ४ सितम्बर से पितृ पक्ष प्रारंभ हो रहा है. अनेक श्रद्धालु जो प्रतिदिन तर्पण नहीं कर पाते हैं, इस पक्ष में प्रतिदिन या कम से कम एक दिन - पितृ मोक्ष अमावस्या को श्रद्घापूर्वक तर्पण करते हैं -


एकैकस्य तिलैर्मिश्रांस्त्रींस्त्रीन दद्याज्जलान्जलीन |
यावज्जीवकृतं   पापं   तत्क्षणादेव  नश्यति ||


{ एक-एक पितर को तिलमिश्रित जल की तीन-तीन अन्जलियाँ प्रदान करे |(इस प्रकार तर्पण करने से) जन्म से लेकर
तर्पण के दिन तक किये गए पाप उसी समय नष्ट हो जाते हैं}

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

शनि पौराणिक मंत्र-
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्‌॥


शनि का व्रत करने से लाभ

शनिवार की पूजा सूर्योदय के समय करने से श्रेष्ठ फल मिलता है।
शनिवार का व्रत और पूजा करने से शनि के प्रकोप से सुरक्षा के साथ राहु, केतु की कुदृष्टि से भी सुरक्षा होती है।
मनुष्य की सभी मंगलकामनाएँ सफल होती हैं।
व्रत करने तथा शनि स्तोत्र के पाठ से मनुष्य के जीवन में धन, संपत्ति, सामाजिक सम्मान, बुद्धि का विकास और परिवार में पुत्र, पौत्र आदि की प्राप्ति होती है। 
                                                                                                     
By : ज्योतिषाचार्य पं. हरिश्चंद्र लखेड़ा

hem:
दिनांक १९-०९-०९ से शारदेय नवरात्र प्रारंभ हैं -

देवि  प्रपन्नर्तिहरे  प्रसीद पसीद  मातर्जगतोsखिलस्य |
प्रसीद विश्वेसरि पाहि विश्वं त्वामीश्वरी देवि चराचरस्य || 

पंकज सिंह महर:
हेम जी,
पूर्णिमा के व्रत हेतु पूजन विधान और चन्द्रमा के पूजन हेतु संक्षिप्त मन्त्र आदि उपलब्ध कराने की कृपा करें।

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