फरसाड़ी (बीरोंखाल , पौड़ी गढ़वाल ) में जुयाल परिवार के भवन गढवाली शैली की 'काठ कुर्याणौ ब्यूंत ' की काष्ठ कला अलंकरण, अंकन
Tibari House Wood Art in House of Farsari ,Beeronkhal Pauri Garhwal
गढ़वाल, कुमाऊँ, के भवन (तिबारी,निमदारी,जंगलादार मकान,,बाखली,खोली , मोरी, कोटि बनाल ) में गढवाली शैली की 'काठ कुर्याणौ ब्यूंत ' की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -391
संकलन - भीष्म कुकरेती
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फरसाड़ी में यह तीसरा भवन है जिसकी काष्ठ कला उत्कीर्णन पर आज चर्चा होगी। आज फरसाड़ी (बीरोंखाल , पौड़ी गढ़वाल ) में नरेंद्र जुयाल व भवति जुयाल परिवार के दुपुर व दुखंड भवन में काष्ठ कला , अलंकरण उत्कीर्णन पर चर्चा होगी। भवन की शैली कुछ विशेष है कि भवन में भव्य प्रकार की खोली है किन्तु खोली के दोनों पहले तल में तिबारी होने के स्थान पर जंगले हैं। दोनों ओर के जंगलों में सपाट स्तम्भ हैं। आधार में दो कड़ियों के मध्य लौह जंगले हैं।
फरसाड़ी (बीरोंखाल , पौड़ी गढ़वाल ) में नरेंद्र जुयाल व भवति जुयाल परिवार के भवन में खोली भी विशेष है। खोली भ्यूंतल (ground floor ) से पहले तल टी है. खोली के दोनों और मुख्य स्तम्भ दो प्रकार के उप स्तम्भों के युग्म से निर्मित हैं। खोली के मुरिन्ड के तल उप स्तम्भों से निर्मित हैं।
फरसाड़ी (बीरोंखाल , पौड़ी गढ़वाल ) में नरेंद्र जुयाल व भवति जुयाल परिवार के खोली के एक प्रकार के चार उप स्तम्भों में प्राकृतिक लता जल का उत्कीर्णन हुआ है। यह अंकन आकर्षक शैली के हैं।
दूसरे प्रकार के दो उप स्तम्भ के आधार व ऊपर घुंडियां /कम्भी हैं जो अधोगामी पद्म पुष्प दल , डयूल व उर्घ्वगामी पद्म पुष्प के उत्कीर्णन से निर्मित हुए हैं।
खोली का मुरिन्ड /मथिण्ड /शीर्ष /header कई स्तरों का है। ऊपरी स्तर चौखट है। . मध्य स्तर में तोरणम स्थापित है जिसके स्कंध में प्राकृतिक उत्कीर्णन के अतिरिक्त स्कंध के दोनों छोर में ऊपर सूर्यमुखी जैसे पुष्प हुए हैं।
तोरणम आकृति के नीची अर्ध वृताकार आकृति उत्कीर्णन हुयी है जिसके ऊपर देव मूर्ति स्थापित है।
भवन का चित्र साक्षी है कि भवन अपने शैशव व युवा काल में उत्कृष्ट भवन था व फरसाड़ी का गर्व भी था जो आज भी है।
भवन में प्राकृतिक , ज्यामितीय , मानवीय कला अलंकरण उत्कीर्णन हुआ है व कला उत्कृष्ट प्रकार की है।
सूचना व फोटो आभार: वीरेंद्र जुयाल
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी -
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