Author Topic: House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल  (Read 37112 times)

Bhishma Kukreti

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डांगी (कफोळस्यूं , पौड़ी गढ़वाल ) में सुनार परिवार में काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन

    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of  Dangi , Kapholsyun  , Pauri Garhwal       
गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -588

 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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 प्रस्तुत  डांगी (कफोळस्यूं , पौड़ी गढ़वाल ) में सुनार परिवार का भवन दुपुर व दुखंड है।  प्रस्तुत डांगी (कफोळस्यूं , पौड़ी गढ़वाल ) में सुनार परिवार के भवन में पहली मंजिल छोड़ बाकी स्थलों में काष्ठ कला आम ज्यामितीय है।  प्रथम मंजिल में तिबारी है।   डांगी (कफोळस्यूं , पौड़ी गढ़वाल ) में सुनार परिवार की तिबारी में चार स्तम्भ हैं।  चरों स्तम्भ सपाट हैं और किसी भी प्रकार की कोई विशेष कटान की कला दृष्टिगोचर नहीं हो रही है। 
निष्कर्ष निकलता है कि  डांगी (कफोळस्यूं , पौड़ी गढ़वाल ) में सुनार परिवार के भवन में ज्यामितीय कटान की कला दृष्टिगोचर हो रही है। 
सूचना व फोटो आभार: जगमोहन डांगी
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी 


Bhishma Kukreti

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 :पैठाणी (थलीसैण पौड़ी ) के बहुगुणा भवन में काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन
    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of Paithani   ,  Thalisain Pauri Garhwal       
गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -589

 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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पैठाणी (थलीसैण ) का प्रस्तुत बहुगुणा भवन ढैपुर व दुखंड है।     भवन के तल व तिपुर मंजिल में ज्यामितीय कटान की सपाट काष्ठ कला के दर्शन होते हैं। 
 भवन के पहले मंजिल में चारों ओर  जंगला बंधा है।  जंगले में कई स्तम्भ हैं जो सपाट कटान के हैं।  जंगले के आधार में उप जंगला बंधा है जिस पर XX  आकार में उप स्तम्भ हैं।
पैठणी  में बहुगुणा भवन उच्च कोटि का जंगलादार  है व सभी काष्ठ कला ज्यामितीय कटान की विद्यमान है। 
सूचना व फोटो आभार: जगदीश बहुगुणा
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
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गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी


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थापला  (पौड़ी गढ़वाल ) में  नेगी परिवार के भवन में गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन
    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of  Thapla  , Pauri Garhwal       
गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -590

 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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संभवतया यह भवन नेगी परिवार का है। 
 थापला  (पौड़ी गढ़वाल ) में  प्रस्तुत भवन दुखंड व दुपुर है व कला दृष्टि से उतकृष्ट है।   थापला  (पौड़ी गढ़वाल ) में  प्रस्तुत भवन  में प्रथम मंजिल व खोली छोड़ कर अन्य स्थलों में सपाट ज्यामितीय कटान मिलते हैं। पथम मंजिल में संभवतया तिबारी भी थी जिसमें सपाट स्तम्भ थे व अब दरवाजों से ढक दिए गए हैं।    थापला  (पौड़ी गढ़वाल ) में  प्रस्तुत भवन  में खोली व उसके दीवालगीर (bracket ) में कष्ट कला उभर कर दृष्टिगोचर होती है।  खोली तल मंजिल से छज्जों तक है।  खोली के मुख्य  स्तम्भ उप स्तम्भों के युग्म से निर्मित हुए हैं।  उप स्तम्भ में जंजीर नुमा लड़ियों लताओं की तरह  काष्ठ  चित्रांकन  की गयी है जो आकर्षक हैं।  खोली  मुरिन्ड /मथिण्ड  शीर्ष / /header  के परतों में में वही चित्रकला है जो उप स्तम्भों में है।  खोली के मुरिन्ड /मथिण्ड में चार भुजाधारी गणपति विराजमान हैं। 
खोली के शीर्ष में दोनों और बाहर दो दो दीवालगीर हैं जिनमे घोड़े व हठी मुंह जैसे कुछ चित्रांकन दृष्टिगोचर हो रहा है।  दीवालगीर आकर्षक हैं। 
निष्कर्ष निकलता है कि  थापला  (पौड़ी गढ़वाल ) में  नेगी परिवार के भवन में ज्यामितीय , प्राकृतिक व मानवीय अलंकृत काष्ठ कला विद्यमान है। 

सूचना व फोटो आभार: सुदेश नेगी
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
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गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी   


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रेवा गांव (रिखणीखाळ , पौड़ी गढ़वाल ) के भवन में  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन
    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of Reva  Ganv   , Rikhanikhal  Pauri Garhwal       
गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -591

 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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 रेवा गांव (रिखणीखाळ , पौड़ी गढ़वाल ) का प्रस्तुत  भवन दुपुर व दुखंड है।  रेवा गांव (रिखणीखाळ , पौड़ी गढ़वाल ) में   प्रस्तुत भवन में कई स्तम्भों की तिबारी /जंगल है।  सभी स्तम्भ सपाट ज्यामितीय कटान के हैं।  यह आश्चर्य है।  भवन के अन्य भागों में भी लकड़ी में सपाट कटान ही है। 
सूचना व फोटो आभार: रघुबीर सिंह बिष्ट
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
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गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी


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कल्पेश्वर (उर्गम , चमोली ) के एक भवन में  गढ़वाली शैली की  काष्ठ कला

कल्पेश्वर (उर्गम , चमोली ) के एक भवन में  गढ़वाली शैली की  काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन  अंकन
Traditional House Wood Carving Art from Kalpeshwar  Urgam    , Chamoli   
 गढ़वाल,कुमाऊंकी भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की  काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन  अंकन, - 592
(अलंकरण व कला पर केंद्रित) 
 
 संकलन - भीष्म कुकरेती     
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प्रस्तुत चित्र में तीन भवनों के जंगले  दृष्टिगोचर हो रहे हैं।  भवन तिपुर/ढैपुर   व दुखंड हैं।   तल मंजिल की खोली की काष्ठ कला व तल मंजिल में हिअ न्य स्थलों की काष्ठ कला स्पष्ट न होने से अधिक नहीं लिखा जा सकता।  काष्ठ कला दृष्टि से पहली मंजिल में तीन भवनों के जंगले  महत्वपूर्ण हैं।  तीनों जंगलों  में स्तम्भ सपाट कटान के ही हैं जैसे गढ़वाल के जंगलों  में पाया जाता है किन्तु प्रस्तुत  कल्पेश्वर , उर्गम घाटी के  दो भवनों   में स्तम्भ युग्म में हैं जो अलग शैली के ही कहे जायेंगे। 
जंगले में उप जंगला भी हैं जिनमे XX  व अन्य ज्यामितीय कटान की कला वाला उप जंगला है। 
सब स्थलों में ज्यामितीय कटान का अलंकृत कला ही  विद्यमान हैं।

सूचना व फोटो आभार: सुभाष सती
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है न कि मिल्कियत  संबंधी  . मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत:  वस्तु स्थिति में  अंतर   हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान , बाखली , मोरी , खोली,  कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन ,   श्रंखला जारी   
    कर्णप्रयाग में  भवन काष्ठ कला,   ;  गपेश्वर में  भवन काष्ठ कला,  ;  नीति,   घाटी में भवन काष्ठ  कला,    ; जोशीमठ में भवन काष्ठ कला,   , पोखरी -गैरसैण  में भवन काष्ठ कला,   श्रृंखला जारी  रहेगी

Bhishma Kukreti

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माउंट अब्बौट  (Champawat )  के एक बंगले में ' कुमाऊँ  शैली'   की   काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन

Traditional House Wood carving Art of  Mount  Abbot Champawat, Kumaun 
कुमाऊँ ,गढ़वाल, के भवन ( बाखली,   खोली , )  में ' कुमाऊँ  शैली'   की   काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन  -593
 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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 माउंट अब्बौट  का प्रस्तुत बंगला ब्रिटिश युग की याद दिलाता है।  ब्रिटिश शैली में निर्मित माउंट अबौट  का  प्रस्तुत भवन दुपुर व कई खंडों वाला भवन है।  भवन  के तल मंजिल में कोई विशेष काष्ठ कला उल्लेखनीय नहीं है याने सपाट कला। माउंट अबौट  (चम्पावत ) के प्रस्तुत   भवन में  तीन से अधिक बालकोनी के बाहर  जंगले नुमा आकृतियां हैं जिनमे स्तम्भ हैं।  स्तम्भ ज्यामितीय कटान में कटे हैं।  आधार में दो रेलिंग मध्य उप जंगले भी निर्मित हुए हैं। 
सर्वत्र ज्यामितीय अलंकरण की काष्ठ कला  ही दृष्टिगोचर होते हैं। 
सूचना व फोटो आभार : जय ठक्कर संग्रह
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है न कि मिल्कियत  संबंधी।  . मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
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  चम्पावत , उत्तराखंड में भवन काष्ठ कला,  चम्पावत    तहसील , चम्पावत , उत्तराखंड में भवन काष्ठ कला,; लोहाघाट तहसील   चम्पावत , उत्तराखंड में भवन काष्ठ कला अंकन ,  पूर्णगिरी तहसील ,  चम्पावत , उत्तराखंड में भवन काष्ठ कला अंकन   ;पटी तहसील    चम्पावत , उत्तराखंड में भवन काष्ठ कला,, अंकन   


Bhishma Kukreti

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    धानाचुली (नैनीताल ) के भवन ८  में  काष्ठ कला, अंकन,अलंकरण, उत्कीर्णन

   Traditional House Wood Carving Art in Dhanachuli , Nainital; 
   कुमाऊँ, गढ़वाल, केभवन ( बाखली,तिबारी,निमदारी, जंगलादार मकान,  खोली, )  में कुमाऊं शैली की  काष्ठ कला, अंकन,अलंकरण, उत्कीर्णन  - 594

संकलन - भीष्म कुकरेती
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धानाचुली (नैनीताल ) के प्रस्तुत भवन संख्या ७ आम पारम्परिक कुमाउँनी भवन है। 
प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है।  भवन के प्रथम तल में भंडार व अथवा गौशाला के कश हैं. अतः  काष्ठ कला दृष्टि से कोई विशेष उल्लेखनीय वर्णन नहीं हो सकता है।  तल मंजिल से खोली है किन्तु आश्चर्य यह है कि खोली के स्तम्भ लकड़ी के नहीं मिले हैं। 
पहली मंजिल पर भंडार या गौशाला के ऊपर लकड़ी के शहतीर /बौळी हैं जिन पर प्राकृतिक (लता नुमा )  व ज्यामितीय कटान की काष्ठ चित्रांकन मिलता है। 
शहतीर के ऊपर एक एक जोड़ी   /झरना /छाज हैं जिनपर चित्रांकित उप स्तम्भों के युग्म से मुख्य स्तम्भ निर्मित हुए हैं।  उप स्तम्भों के आधार व ऊपरी भागों में कटान से कमल नुमा कटान कर घुंडियां या कुम्भिया निर्मित हुयी हैं।  प्रत्येक छाज आधार के छेदों को सपाट काष्ठ पटिलों /तख्तों से ढक्क्न निर्मित हुए हैं तो ऊपर तोरणम निर्मित हुए हैं।  तोरणम में प्राकृतिक कला अंकन हुआ है किन्तु स्पष्ट नहीं दिखता है।
भवन में खिन भी मानवीय (मनुष्य , जंतु या देव ) आकृति का अंकन नहीं मिलता है। छाज   छत तीन की बनी  दिखती है। 
निष्कर्ष है कि धनाचुली  (नैनीताल ) का  प्रस्तुत भवन   युवा अवस्था में उत्कृष्ट भवन में ज्यामितीय व प्राकृतिक कला अंकन मिलता है। 
सूचना  व फोटो आभार: मुकेश नायक संग्रह
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है न कि मिल्कियत  संबंधी।  . मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
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मझीरा (भिकियासैण , अल्मोड़ा ) के एक भवन में कुमाऊं की    ' काष्ठ कला  अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन
Traditional House Wood Carving art of, Majhera  Bhikiyasain Almora, Kumaon   
 
कुमाऊँ ,गढ़वाल, के भवन  में ( बाखली ,तिबारी, निमदारी ,जंगलादार  मकान  खोली,  कोटि बनाल )   कुमाऊं की    ' काष्ठ कला  अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन - 595 

 संकलन - भीष्म कुकरेती
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 मझीरा (भिकियासैण , अल्मोड़ा ) का  प्रस्तुत  भवन दुपुर व दुखंड है।  तल मंजिल में काष्ठ कलाकृति दृष्टि से कोई विशेष उललेकजन्य कृति नहीं है केवल सपाट दरवाजे वाले कमरे।  पहली मंजिल में एक बड़ा कमरे के दरवाजे व सिंगाड़  व छाज के स्तम्भादि उल्लेखनीय है।
कमरे वा छाज के स्तम्भ एक जैसे ही हैं।  मुख्य स्तम्भ दो उप स्तम्भों के युग्म से निर्मित हैं।  उप स्तम्भ में अधोगामी पद्म पुष्प दल , ड्यूल व उर्घ्वगामी पदम् पुष्प से निर्मित कुम्भिया निर्मित हैं।  कमरे के उप स्तम्भ में कमल दल से ऊपर लतानुमा अंकन हुआ है जो शीर्ष /मुरिन्ड /मथिण्ड  की परते भी हैं।  ऊपर मुरिन्ड /मथिण्ड  में देव प्रतीक सूरज मुखी पुष्प भी चिपकाया गया है।  छाज के उप स्तम्भों में ऊपर भी कुम्भिया हैं व फिर प्राकृतिक कला अंकन हुआ है। 
निष्कर्ष निकलता है कि  मझीरा (भिकियासैण , अल्मोड़ा ) के  प्रस्तुत  भवन में ज्यामितीय व प्राकृतिक अलंकरण अंकन हुआ है व कला अंकन उत्कृष्ट प्रकार का है। 
सूचना व फोटो आभार :  बलवंत सिंह
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है न कि मिल्कियत  संबंधी।  . मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022


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देवराड़ी (पिथौरागढ़ ) में प्रोफेसर डी डी पंत परिवार  भवन कुमाऊं शैली की   काष्ठ कला अलंकरण, काष्ठ उत्कीर्णन अंकन[/colo
r]
   Traditional House Wood Carving Art  of  Devrari  , Pithoragarh
कुमाऊँ,के भवनों ( बाखली,तिबारी , निमदारी,छाजो, खोली स्तम्भ) में कुमाऊं शैली की   काष्ठ कला अलंकरण, काष्ठ उत्कीर्णन अंकन -596

 संकलन - भीष्म कुकरेती 
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प्रोफेसर डी  डी पंत एक प्रतिष्ठित भौतिक विज्ञानी थे व उत्तराखंड आंदोलन के सच्चे पक्षधर थे। 
आज   देवराड़ी गाँव  के प्रोफेसर  डी  डी  पंत के  पैतृक भवन की काष्ठ कला पर चर्चा की जाएगी। 
प्रोफेसर  डी  डी  पंत का भवन आम पारम्परिक  कुमाऊं भवन सैम ही है।  पंत  भवन दुपुर है व दुखंड है।  भवन के तल मंजिल में भंडार गृह हैं जिनके द्वारों में सपाट लकड़ी ही है। तल मंजिल ऊपर पहली मंजिल मध्य शक्तिशाली शहतीर (पसूण , बौळी ) बिठाई गयीं हैं।  एक फिट लगभग चौड़े  ये शहतीर कलाकृत हैं जिनमे लता व पत्तियों की नक्कासी हुयी है। 
 तल मंजिल से खोली उठती है जो पहले मंजिल तक है।  खोली भव्य प्रकार की है व उत्कृष्ट काष्ठ अंकन का उदाहरण है।  खोली के स्तम्भ अधोगामी पद्म पुष्प दल , ड्यूल व ऊर्घ्व गामी पद्म पुष्प दल से कुम्भी आकार  की घुंडियां  बनीं है।  कुम्भियों के ऊपर स्तम्भ में जालीदार कला अंकन है।  स्तम्भ के शीर्ष में खोली में तोरणम (arch मेहराब )  स्थापित है।  इन तोरणमें में कोई कला अंकन नहीं दीखता है। 
  खोली के तोरणम के ऊपर शीर्ष में पांच चौखट हैं जिनमे चतुर्भुज देव आकृतियां अंकित हैं जो शोभनीय हैं।  इन देव आकृतियों ऊपर चौखट हैं जो ज्यामितीय कला के लिए उल्लेखनीय हैं।
  पहली मंजिल में तीन जोड़ी छाज /झरोखे हैं जिनके स्तम्भ खोली के स्तम्भों की प्रतिरूप हैं।
छाज के आधार के ढक्क्न बड़े सुंदर कलायुक्त हैं। 
 देवराड़ी गाँव के  डी डी पंत परिवार के भवन के छाजों में उप शीर्ष में भी तोरणम है जिनमे कला अंकन हुआ होगा किन्तु अब सपाट दृष्टिगोचर हो रहा है। 
देवराड़ी गाँव के  डी डी पंत परिवार के भवन में काष्ठ कला उत्कृष्ट प्रकार का है।  देवराड़ी गाँव के  डी डी पंत परिवार के भवन में प्राकृतिक , ज्यामितीय व मानवीय अलंकरण कला समाहित है। 
सूचना व फोटो आभार: काफल ट्री
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है न कि मिल्कियत  संबंधी।  . भौगोलिक मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
 कैलाश यात्रा मार्ग   पिथोरागढ़  के मकानों में लकड़ी पर   कला युक्त  अंकन -उत्कीर्णन , बाखली कला   ;  धारचूला  पिथोरागढ़  के बाखली वाले  मकानों में लकड़ी पर   कला युक्त  अंकन उत्कीर्णन   ;  डीडीहाट   पिथोरागढ़  के मकानों में लकड़ी पर   कला युक्त   अंकन -उत्कीर्णन ;   गोंगोलीहाट  पिथोरागढ़  के मकानों में लकड़ी पर   कला युक्त  उत्कीर्णन   ;  बेरीनाग  पिथोरागढ़  के बाखली वाले मकानों में लकड़ी पर   कला युक्त   अंकन  ;  House wood Carving  of Bakhali art in Pithoragarh  to be continued


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भट्टी गाँव (पाबौ , पौड़ी गढ़वाल ) के एक भवन में भवन काष्ठ कला

    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of Bhatiganv Pabau    , Pauri Garhwal       
गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -597

 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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भट्टी गाँव (पाबौ , पौड़ी गढ़वाल ) का प्रस्तुत भवन दुपुर  व दुखंड है।  तल मंजिल में भंडार व गौशाला है , जिनमे दरवाजे सपाट है।  भवन के पहले मंजिल में बालकोनी या बरामदे में जंगला बंधा है।  जंगले में दस से अधिक स्तम्भ हैं।  स्तम्भ सपाट व ज्यामितीय कटान के उत्तम उदाहरण है।  स्तम्भों के शीर्ष में तोरणम (arch ) स्थापित है जो सपाट ही हैं।  जंगले के आधार में भी उप जंगल है जो दो रेलिंग के मध्य लौह स्रियों की छड़ें हैं।  निष्कर्ष निकलता है कि भट्टी गाँव (पाबौ , पौड़ी गढ़वाल )  के प्रस्तुत भवन में ज्यामितीय कटान की ही काष्ठ कला दृष्टिगोचर हो रही है। 
सूचना व फोटो आभार: अनिल पंत
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
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गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी   - 


 

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