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House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल
Bhishma Kukreti:
चखुटियाखाळ (पौड़ी ) के भवन में काष्ठ कला
चखुटियाखाळ (पौड़ी ) के एक भवन में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
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Tibari, Traditional House Wood Art in House of Chakhultiakhal, Pauri Garhwal
गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
संकलन - भीष्म कुकरेती
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चखुटियाखाळ(पौड़ी ) का प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। भवन के उबर तल (ground floor ) गौशाला व भंडार के चिन्ह हैं व इनके दरवाजों की लकड़ी सरल व सपाट हैं। उबर तल में द्वारों के स्तम्भ बीसपत कटान के ही हैं। भवन का छज्जा व दास लकड़ी के ही हैं। लकड़ी के छज्जों पर लकड़ी का जंगला बंधा है। जंगले में दस से अधिक सपाट , उत्कीर्णन हीन स्तम्भ हैं ।
निष्कर्ष निकलता है कि चखुटियाखाळ (पौड़ी ) के प्रस्तुत भवन में केवल ज्यामितीय सपाट कटान की कला उपस्थित है।
सूचना व फोटो आभार: विमल उनियाल
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी,पौड़ी गढ़वाल के भवनों की काष्ठ कला , उत्तराखंड भवनों की काष्ठ कला * पौड़ी की लकड़ी नक्कासी
Bhishma Kukreti:
मेरग ( जोशीमठ , चमोली ) में एक भवन में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन,
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Traditional House Wood Carving Art from Merag, Chamoli
गढ़वाल,कुमाऊंकी भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन, - 624
( काष्ठ कला पर केंद्रित )
संकलन - भीष्म कुकरेती
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मेरग के आस पास के भवनों की सूचना मिली हैं। मेरग ( जोशीमठ , चमोली ) का प्रस्तुत भवन दुखंड व दुपुर भवन है जिसके उबर में (दान ) भंडार व गौशाला होगी। तल मंजिल में काष्ठ कला दर्शाने हेतु कुछ महत्वपूर्ण आकृति नहीं है।
भवन के पहले तल में बरामदे पर जंगला बंधा है। जंगला आकर्षक है। जंगल में ६ से अफिक स्तम्भ /खम्भे हैं जो चौखट व सपाट हैं। आधार में एक उप जंगल अन्य बंधा है। दो लकड़ी की डंडियों या कड़ियों के मध्य XIX जैसे आकृति स्थापित है जो आकर्षक है।
मेरग ( जोशीमठ , चमोली ) के प्रस्तुत भवनमें केवल ज्यामितीय कटान की कला उपस्थित है व प्राक्रितिक , मानवीय अलंकरण नहीं दिखे।
सूचना व फोटो आभार: सूरज राणा
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तु स्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , मोरी , खोली, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन , श्रंखला जारी कर्णप्रयाग में भवन काष्ठ कला, ; गपेश्वर में भवन काष्ठ कला, ; नीति, घाटी में भवन काष्ठ कला, ; जोशीमठ में भवन काष्ठ कला, , पोखरी -गैरसैण में भवन काष्ठ कला, श्रृंखला जारी रहेगी
Bhishma Kukreti:
कांडा (सितोन्स्यूं पौड़ी ) के बछेटी भवन में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
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Tibari, Traditional House Wood Art in House of Kanda Sitaunsyun Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -625
संकलन - भीष्म कुकरेती
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कांडा (सितोन्स्यूं पौड़ी ) का बछेटी भवन दुपुर व दुखंड भवन है। कांडा (सितोन्स्यूं पौड़ी ) के बछेटी भवन की तिबारी बड़ी सुन्दर व आकर्षक तिबारी है। आश्चर्य है कि भवन में पारम्परिक गढ़वाली खोली नहीं है जो कि पौड़ी गढ़वाल में कम ही दिखती हैं किन्तु चमोली व रुद्रप्रयाग में अधिकतर घरों में खोली आवश्यक अर्चना होती है।
प्रस्तुत कांडा (सितोन्स्यूं पौड़ी ) के बछेटी भवन में पहले तल मजिल ) में दो तिबारियां (बरामदे ) हैं एक में तीन स्तम्भ व एक तिबारी में दृष्टिगोचर हो रहे हैं। प्रत्येक स्तम्भ एक सामान है। स्तम्भ के तल में अधोगामी पद्म पुष्प , ड्यूल व ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प से आकर्षक कुम्भियाँ निर्मित हुयी है। यही संरचना ऊपर दोहराई गयी है व तब ऊपरी कुम्भी से थांत आकर की आकृति शुरू होती है जो ऊपर छत आधार के नीचे दो कड़ियों से मिल जाता है। ऊपर दो स्तम्भों के तोरणम ( चाप , मेहराब , arch ) निर्मित है व तोरणम के प्राकृतिक कला अंकन हुआ है।
आश्चर्य है कि तिबारी के शीर्ष में देव मूर्ति नहीं लगी है। शायद निकल गयी होगी।
निष्कर्ष निकलता है कि कांडा (सितोन्स्यूं पौड़ी ) के बछेटी भवन में ज्यामितीय व प्राकृतिक अलंकरण कला अंकन हुआ है।
सूचना व फोटो आभार: विनोद बछेटी
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी,पौड़ी गढ़वाल के भवनों की काष्ठ कला , उत्तराखंड भवनों की काष्ठ कला * पौड़ी की लकड़ी नक्कासी
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देवग्राम (उर्गम घाटी , चमोली ) में एक भवन में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन
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Traditional House Wood Carving Art from Devgram Urgam valley , Chamoli
गढ़वाल,कुमाऊंकी भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन, - 626
( काष्ठ कला पर केंद्रित )
संकलन - भीष्म कुकरेती
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चमोली गढ़वाल में भिन्न भिन्न क्षेत्रों की अपनी भवन शैलियां विशेष हैं जैसे नीति घाटी , मलारी घाटी , माणा घाटी , उर्गम घाटी आदि में अपनी विशेष भवन शैलियां दर्शन होते हैं।
प्रस्तुत देवग्राम (उर्गम घाटी ) का भवन दुपुर व दुखंड भवन है। भवन के आधार तल(ग्राउंड फ्लोर ) में कमरों , खिड़कियों में सपाट ज्यामितीय कटान के दरवाजे ही हैं। भवन के पहले तल में छज्जा व छज्जा दास काष्ट के ही हैं व सपाट कटान के उदाहरण हैं। काष्ठ के छज्जे पर जंगल बंधा है , जंगल पर सात जोइडिडार स्तम्भ स्थापित हैं व स्तम्भ ज्यामितीय कटान के हैं। आधार में ऊपर समांतर में तीन कड़ियाँ हैं जो रेलिंग बनाते हैं।
निश्श निकलता है कि भवन में काष्ठ कला में ज्यामितीय अलंकरण की ही कला है।
सूचना व फोटो आभार: त्रिभुवन डिमरी
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तु स्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , मोरी , खोली, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन , श्रंखला जारी कर्णप्रयाग में भवन काष्ठ कला, ; गपेश्वर में भवन काष्ठ कला, ; नीति, घाटी में भवन काष्ठ कला, ; जोशीमठ में भवन काष्ठ कला, , पोखरी -गैरसैण में भवन काष्ठ कला, श्रृंखला जारी रहेगी
Bhishma Kukreti:
नौडी (थलीसैण पौड़ी गढ़वाल ) के एक भवन की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
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Tibari, Traditional House Wood Art in House of, Naudi village, Thalisain, Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन -628
संकलन - भीष्म कुकरेती
-बालकृष्ण चमोली द्वारा प्रस्तुत छायाचित्र में भवन दुपुर है व तल तल (ग्राउंड फ्लोर ) में काष्ठ कला कोई विशेष नहीं है क्योंकि सभी स्पॉट व ज्यामितीय कटान के द्वार व सिंगाड़ (स्तम्भ ) दिख रहे हैं। काष्ठ कला दृष्टि से भवन के प्रथम तल पर दो भागों में कष्ट कला विशेष है। छायाचित्र से लगता है है प्रथम तल पर दो तिबारियां हैं। एक तिबारी में सिंगाड़ , द्वार सभी सपाट व ज्यामितीय कटान के ही हैं। समानांतर में दुसरी र पारम्परिक गढ़वाली शैली के सिंगाड़ युक्त तिबारी स्थापित है। इस तिबारी के चाओं सिंगाड़ (स्तम्भ ) के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल , फिर ड्यूल ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल की कला अंकन हुआ है। इसके ऊपर स्तम्भ फिर यही कला कर्मवत पुनरावृति होती है। पद्म दलों ड्यूल में भी कला उत्क्रीर्ण हुआ है। ऊपरी सीधे कमल दल के ऊपर स्तम्भ थांत में परिवर्तित होता है व यहीं से तोरणम (Arch , मेहराब ) भी अवतरित होते हैं। तोरणम के स्कंध में फूल पत्तियों व लताओं का उकीर्ण हुआ है व किनारे पर सूरजमुखी पुष्प शगुन के रूप में अंकित हुआ है। तिबारी में तोरणम के ऊपर चित्रकारी युक्त पत्तियां (शीर्ष पट्टी ) हैं। ऐसा लगता है इस पट्टी पर कोई दैवी या शगुन चिन्ह लगा था। तिबारी भव्य व सुडोल है व नौडी की शान थी। भवन की देखरेख सही ढंग से रखने के कारण कला जीवंत है। भवन की काष्ठ कला भव्य है व ज्यामितीय , प्राकृतिक व संभवतया मानवीय अलंकरण वाली चित्रकारियुक्त है।
सूचना व फोटो आभार: बालकृष्ण चमोली
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी,पौड़ी गढ़वाल के भवनों की काष्ठ कला , उत्तराखंड भवनों की काष्ठ कला * पौड़ी की लकड़ी नक्कासी
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