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House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल
Bhishma Kukreti:
बमणखोळा (रिखणीखाळ, पौड़ी गढ़वाल ) में ध्यानी भवन की तल मंजिल में तिबारियों की काष्ठ कला व अंकन
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Bamnakhola, Rikhanikhal Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन--646
संकलन - भीष्म कुकरेती
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रिखणीखाळ से ऐसे विशेष भवन की सूचना पहले भी ज्याठा गाँव (पैनों पट्टी ) से भी मिली है जिसमे तिबारी पहले मंजिल के स्थान पर तल मंजिल में स्थापित हैं देखिये भाग १५७ )। आज बमणखोळा में ध्यानी भवन में भी दो तिबारियां तल मंजिल में हैं। यह भवन सं १९४० में स्व अम्बा दत्त ध्यानी ने निर्माण करवाया था व शिल्पकार थे स्व बालू मिस्त्री।
दोनों तिबारियां शक्तिशाली काष्ठ की हैं व आकर्षक हैं। दोनों तिबारियां एक जैसे व चार चार स्तम्भ वाली हैं। प्रत्येक स्तम्भ के आधार पर अधोगामी पद्म दल अंकित हुआ है जिसके ऊपर ड्यूल है , फिर ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल अंकित हुए हैं। ऊपरी कमल दल से स्तम्भ लौकीनुमा शक्ल ले लेते हैं व जहां कम मोटाई है वहीं से कमल दल , ड्यूल व उर्घ्वगामी कमल दल की पुनराब्रिटी होती है। ऊपरी कमल दल से स्तम्भ थांत शक्ल ले लेता है. यहीं पर दो स्तम्भ मध्य तोरणम स्थापित हुए हैं। तोरणम के स्कन्धों में कलाकारी हुयी है तोरणम स्कंध में लता पत्तियों का अंकन हुआ है व किनारे पर सूरजमुखी पुष्प नुमा आकृति अंकन हुआ है । थांत पर ज्यामितीय अलंकरण कला अंकन हुआ है।
निष्कर्ष निकलता है कि ध्यानी भवन के काष्ठ में ज्यामितीय , प्राकृतिक अलंकृत कला अंकन हुआ है।
सूचना व फोटो आभार: रमेश ध्यानी
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal to be continued
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा
Bhishma Kukreti:
खड़कोला (पौड़ी गढ़वाल ) में सुनारों के भवनों में काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Kharkola, Kapholsyun Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन--647
संकलन - भीष्म कुकरेती
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कफोलस्यूं से कई काष्ठ कला उत्कीर्णन युक्त भवनों की सूचना मिलीं हैं। आज खड़कोला में सुनार परिवार के दो भवनों में काष्ठ कला , काष्ठ उत्कीर्णन पर चर्चा होगी।
खड़कोला के प्रस्तुत दोनों भवन तिपुर व दुखंड है। खिड़कियों , द्वारों में सपाट ज्यामितीय काष्ठ कटान मिलता है। पहले तल में दोनों भवनों में सामान्य गढ़वाली तिबारी काष्ठ कला विद्यमान है। तिबारियों में चार चार कलयुक्त उत्कीर्णित स्तम्भ हैं।
तिबारियों के प्रत्येक स्तम्भ के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल से निर्मित संरचना है जिसके ऊपर ड्यूल है। ड्यूल के ऊपर उत्घ्वगामी पद्म दल की संरचना विद्यमान है। उर्घ्वगामी पद्म पुष्प से स्तम्भ लौकी आकार लेकर ऊपर बढ़ती है। जहां सबसे कम मोटाई है वहां पुनः अधोगामी पद्म दल , ड्यूल व उर्घ्वगामी पद्म दल के दर्शन होते हैं। उर्घ्वगामी पद्म दल संरचना से एक और तोरणम निर्मित होती है व ऊपर स्तम्भ में थांत आकृति उभरती है। तोरणम के स्कंध में लता , पत्तियों की संरचना स्थापित हैं व किनारे पर सूरजमुखी नुमा संरचना अंकित हुयी है। तोरणम के ऊपर शगुन चिन्ह हैं किन्तु मानवीय नहीं हैं।
तोरणम व स्तम्भ के ऊपर शीर्ष की कड़ियों में प्राकृतिक कला अंकन मिलता है। शीर्ष की कड़ियों में ज्यामितीय कटान से निर्मित संरचना भी विद्यमान हैं। शीर्ष के ऊपर तीसरे तल के छज्जे आधार में काष्ठ दास (bracket ) हैं। दास कलयुक्त हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि खड़कोला के सुनार भवनों में प्राकृतिक व ज्यामितीय अलंकरण कला अंकन विद्यमान है।
सूचना व फोटो आभार: जगमोहन डांगी
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Bhishma Kukreti:
खुबानी (जह्रीखाल , पौड़ी गढवाल ) में भवन संख्या ३ के पहले तल में काष्ठ कला
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Khubani, Jahrikhal Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन--648
संकलन - भीष्म कुकरेती
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आज खुबानी के दूसरे भवन में जंगले की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत चित्र में दो जंगलेदार भवन हैं आज पहले तल पर स्थापित जंगले की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। आधार तल पर कोई काष्ठ संरचना के दर्शन नहीं हो रहे हैं। पहले तल में आकर्षक जंगला बंधा है जो भवन को प्रसिद्धि दिलाने में सफल हुआ है।
भवन में काष्ठ छज्जा स्थापित है जिस पर दस स्तम्भों से अधिक का जंगल बंधा है। जंगल की विशेषता यह है कि जंगले के बड़े स्तम्भों के ऊपरी भागों में तोरणम निर्मित हुए हैं। तोरणम के स्कंध में संभवतया बेल बूटों की कला अंकित हुयी है।
मुख्य जंगले के आधार पर एक अन्य जंगला स्थापित हुआ है। काष्ठ छज्जे के ऊपर एक दो फिट के ऊपर एक कड़ी (रेलिंग ) है व जिस पर लघु स्तम्भ स्थापित हुए हैं। यह आधार का जंगल व मुख्य जंगले पर तोरणम इस भवन को विशेष बना देते हैं।
भवन में ज्यामितीय कटान की ही कला है किन्तु आकर्षक शैली है। संभवतया तोरणम में प्राकृतिक अलंकरण हुआ है।
सूचना व फोटो आभार: रघुबीर सिंह बिष्ट
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal to be continued
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा
Bhishma Kukreti:
तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) के एक भवन संख्या १ की पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन
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Traditional House Wood Carving Art from Tapon, Joshimath, Chamoli
गढ़वाल, के भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन, -649
( काष्ठ कला पर केंद्रित )
संकलन - भीष्म कुकरेती
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चमोली गढ़वाल में प्राचीनतम से लेकर नई शैली के काष्ठ कलयुक्त भवनों की सूची मिलीं हैं। आज तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) के एक भवन की काष्ठ कला शैली पर चर्चा होगी।
तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) का प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। प्रस्तुत भवन में तल तल (ground floor ) व पहले तल पर काष्ठ कला महत्वपूर्ण है।
भवन के तल तल में एक कक्ष को छोड़ अन्य कक्षों व खड़कियों के द्वार ज्यामिति कटान से निर्मित हैं। खोली के द्वार भी सपाट हैं किन्तु स्तम्भ कलेक्ट व अंकन युक्त हैं। स्तम्भों के आधार में अधोगामी पद्म दल की संरचना उत्कीर्णित हुयी है , ऊपर ड्यूल है व इसके ऊपर एक चौखट में स्वयं हंस की गर्दन संरचना दृष्टिगोचर हो रही है। इस विशेष स्वयं गर्दन संरचना (जो अब तक के सर्वेक्षण में गढ़वाल में कम ही पायी गईहै ) के ऊपर स्तम्भ तीन भागों में खड़ी / वर्टिकली में बंट गए हैं। एक खड़े भाग में प्राकृतिक बेल बूटों का अंकन हुआ है जैसे केले के फल हों। मुरिन्ड /मथिण्ड (शीर्ष की कड़ी ) चौखट है (जितनी छायाचित्र में दिख रही है ) व उस चौखट में चतुर्भुज या बहुभुजीय देव मूर्ति स्थापित हुयी है।
भवन में पहले तल पर काष्ठ छज्जा बंधा है जिस पर जंगलें स्थापित हुए हैं। मुख्य जंगल पर दस या ग्यारह स्तम्भ हैं जो सपाट चौखट हैं। आधार पर रेलिंग है व रेलिंग मध्य उप जंगल बंधा है जिस पर XIX नुमा लघु स्तम्भ हैं। सभी काष्ठ संरचनाएं ज्यामितीय कटान से निर्मित हुए हैं।
निष्कर्ष निकलता है कि तपोण गांव (जोशीमठ , चमोली ) के प्रस्तुत भवन में ज्यामितीय कटान , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण की कला विद्यमान है। संभवतया देव मूर्ति धातु की है।
सूचना व फोटो आभार: नंद किशोर हटवाल
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तु स्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Traditional House Wood Carving Art from , Chamoli
गढ़वाल, के भवन (तिबारी, निमदारी,जंगलादार मकान, बाखली,खोली) में पारम्परिक गढ़वाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन अंकन
Bhishma Kukreti:
बलुती (नैनीताल ) के एक भवन में काष्ठ कला
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Traditional House Wood Carving Art in Baluti Nainital;
कुमाऊँ, गढ़वाल, केभवन ( बाखली,तिबारी,निमदारी, जंगलादार मकान, खोली, ) में कुमाऊं शैली की काष्ठ कला, अंकन,अलंकरण, उत्कीर्णन-649
संकलन - भीष्म कुकरेती
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ग्रामीण नैनीताल से कई काष्ठ कला युक्त भवनों की सूची मिलीं हैं अधिकतर FB से। आज बलुती के एक जीर्ण शीर्ण भवन की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। भवन में खोली , दोनों छाजों के स्तम्भों के अतिरिक्त अन्य कक्षों(दानों ) , मोरियों (खिड़की ) के द्वारों व स्तम्भों में ज्यामितीय कटान की कला विद्यमान है।
खोली व दोनों छज्जों के स्तम्भ कला दृष्टि से एक समान हैं। स्तम्भों के आधार में अधोगामी पद्म पुष्प दल , ऊपर ड्यूल व इसके ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प की संरचना अंकन हुआ है। इस संरचना के बाद खोली के स्तम्भ में ऊपर इसी संरंचना की पुनरावृति हुयी है। छज्जों के स्तम्भ ऊपरी पद्म पुष्प दल के ऊपर सपाट दिख रही हैं।
छायाचित्र से साक्ष्य होता है कि भवन भव्य था व कष्ट कला दृष्टि से उत्तम प्रकार का था।
भवन में ज्यामितीय व प्राकृतिक अलंकृत कला दृष्टिगोचर हो रही है। संभवतया खोली के शीर्ष (मुरिन्ड , मथिण्ड ) में कोई देव आकृति रही होगी।
सूचना व फोटो आभार: उमेश नगरकोटी (FB )
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी। . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
raditional House Wood Carving Art in Nainital; continued
कुमाऊँ, गढ़वाल, केभवन ( बाखली,तिबारी,निमदारी, जंगलादार मकान, खोली, ) में कुमाऊं शैली की काष्ठ कला, अंकन,अलंकरण, उत्कीर्णन निरंतर
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