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House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल

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Bhishma Kukreti:

बडोली (बडोळी )  के एक भवन में  काष्ठ कला

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    Tibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Badoli, Ekeshwar Pauri Garhwal       

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन--650   


 संकलन - भीष्म कुकरेती   

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 बडोली  से सुनील बडोला ने कुछ भवनों के चित्र भेजे हैं।  प्रस्तुत भवन प्रथम तल पर जंगल बंधा है।  जंगले  में स्तम्भ हैं।  स्तम्भ के आधार में मोटाई लिए हैं।  ड्यूल है फिर ऊपर कलयुक्त अंकन युक्त स्तम्भ है। 
स्तम्भ में कलयुत अन्न हुआ है।  स्तम्भ में कलयुक्त अंकन हुआ है। 

सूचना व फोटो आभार: सुनील बडोला

यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
ibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Pauri Garhwal     

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन--   

Bhishma Kukreti:

कोठार (पौड़ी ) के एक भवन के जंगले में   काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन

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    Tibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Kothar Pauri Garhwal       

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन--651   


 संकलन - भीष्म कुकरेती   

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कोठार में प्रस्तुत  जंगला दुपुर व दुखंड है व जीर्ण शीर्ण अवस्था में है।  भवन के पहले तल (मंजिल ) में बालकोनी में छज्जे पर चार स्तम्भ (खाम ) वाला जंगल अभी भी विद्यामन है व भवन अपने युवा काल में  आकर्षक भवनों में गिना जाता रहा होगा। 
भवन में जंगल में चार स्तम्भ दृष्टिगोचर हो रहे हैं।  स्तम्भों के आधार में छिलपट्टी  लगाकर मोटा कर दिया गया है।  स्तम्भों के आधारके कुछ  ऊपर व ऊपरी भाग में पृथ्वी समांनातर तीन चार  कटान किये गए हैं जो स्तम्भ को विशेष छवि प्रदान करते हैं। 
शेष भवन में काष्ठ कला  स्तम्भ कला जैसे ही ज्यामितीय ही है।   

सूचना व फोटो आभार: अरविन्द मुदगिल

यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
ibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Pauri Garhwal     

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन निरंतर   

Tibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Pauri Garhwal      to be continued

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा

Bhishma Kukreti:
बाराकोट (चम्पावत ) के एक भवन  (१ ) के एक भाग की काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन
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Traditional House Wood carving Art of Barakot ,  Champawat, Kumaun 
कुमाऊँ ,गढ़वाल, के भवन ( बाखली,   खोली , )  में ' कुमाऊँ  शैली'   की   काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन  -652
 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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बाराकोट से कुछ भवनों की सूचना मिली हैं।  आज एक भवन में काष्ठ चर्चा होगी।  भवन का मुख्य बड़ा भाग  दुपुर व दुखंड है व बालकोनियाँ बनतीं हैं।  एक भाग तिपुर वाला है जिसकी चर्चा आज होगी।  तिपुर   वाले भाग में तल तल (भू मंजिल ) में काष्ठ कला दृष्टिकोण से कोई विशेष उल्लेखनीय संरचनाएं नहीं हैं।  पहले व दूसरे तल में बालकोनी पर जंगले  बंधे हैं व दोनों तलों के जंगलों या छाज या  झरना  में स्तम्भ स्थापित हुए हैं जो छज्जे से ऊपर शीर्ष तक हैं।  आधार पर भी रेलिंग हैं व रेलिंग मध्य लघु जंगले  स्थापित हुए हैं।  रेलिंग के मध्य XX I XX  नुमा सपाट लघु स्तम्भ लगे हैं। 
 बाराकोट  के इस बड़े भवन (बाखली ) के तिपुर  वाले भाग में   छाज , खंरे या जंगले  में   सपाट ज्यामितीय कटान की ही कला दृष्टिगोचर हो रही है। 
बाराकोट  के इस भवन संख्या १ में दूसरा भाग दुपुर  है व  तल तल (ग्राउंड फ्लोर ) में द्वारों व खड़कियों के द्वारों पर सपाट कटान की काष्ठ है।  पहले तल में छज्जों को खिड़कियों के द्वारों से ढका गया है व् आम कुमाउनी शैली के छाज ढक्कन नहीं दृष्टिगोचर हो रहे हैं। 
निष्कर्ष निकलता है कि  बाराकोट का भवन संख्या १ में  काष्ठ , गरा मिटटी कला में शैली में उत्कृष्ट निकट है।   बाराकोट भवन संख्या १  में  सपाट ज्यामितीय अलंकृत कटान ही दृष्टिगोचर हो रहा है। 
सूचना व फोटो आभार : जय ठक्कर संग्रह
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है न कि मिल्कियत  संबंधी।  . मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022

Bhishma Kukreti:

कुठार (मल्ला ढांगू , द्वारीखाल ) के एक भवन में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन
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    Tibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Kuthar, Malla  Dhangu, Dwarikhal  Pauri Garhwal       

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन--653   


 संकलन - भीष्म कुकरेती   

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कुठार  (, मल्ला ढांगू  )  से एक भवन की सूचना मिली है।  कुठार में प्रस्तुत भवन दुपुर -दुखंड है।  तल तल (ग्राउंड फ्लोर ) में कमरों , खड़कियों के दरवाजे आम ज्यामितीय कटान की कड़ियों व तख्तों से बने हैं।  पहले तल में बरामदे पर निमदारी  (तिबारी का दूसरा रूप ) स्थापित है।  निमदारी  में चार स्तम्भ हैं।  स्तम्भों के आधार व ऊपर चौखट ा  मोटे  , जायमितीय कटान से बने हैं  किन्तु मध्य में कड़ी महीन है जो स्तम्भ को आकर्षित बना देते हैं।  निमदारी के अंदर वाले छोर में भी इसी प्रकार के स्तम्भ हैं। 
निमदारी  ज्यामितीय कटान अलंकरण का उदाहरण है। 

सूचना व फोटो आभार: राजेश कुकरेती

यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Tibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Pauri Garhwal     

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन निरंतर   

Tibari, Traditional  House Wood  Art  and Carving Art in House of, Pauri Garhwal      to be continued

पौड़ी गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा

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