bahut achhe bhai logo, lekin kuch hum jaise bando pe bhi kripa karo. In muhavaro ke matlab bhi batate chalo, jyada achaa rahega.
मेहता जीबहुत ही अच्छा टोपिक स्टार्ट किया है आपने. कुमाऊनी मुहावरों को आण कहते हैं ऐसे कुमाऊनी मुहावरों का collection हमारे एक प्राध्यापक श्री नेत्र सिंह रौतेला जी ने पुस्तक के रूप में किया है पर मेरे पास वह बुक नही हैं. मेरी जानकारी में वर्तमान में श्री रौतेला जी सेवानिवृति के उपरांत भीमताल में रह रहे हैं. अगर मेरा सम्पर्क रौतेला जी से हुआ टू मैं जरुर उस पुस्तक के बरे में आपको जानकारी दे पाउँगा. इस रोचक टोपिक को स्टार्ट करने के लिए मेहता जी का बहुत धन्यवाद
मेहता जी, एक मुहावरा मेरी दादी हमसे बचपन में कहा करती थीनी खान बामणे की भैन्सैन खीरजिसका मतलब हुआ की जब आप की इच्छा नही है कुछ करने की तों आप झूठा नुक्स निकलते हैंयानि नाच न जाने आंगन टेडा.