Author Topic: Idioms Of Uttarakhand - उत्तराखण्डी (कुमाऊँनी एवं गढ़वाली) मुहावरे  (Read 144304 times)

Dinesh Bijalwan

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भाडू भरेक नि ह्वै त खप्पर चाटिक क्या होण

(बर्तन भर के पेट नही भरा तो खप्पर चाट्के क्या भरेगा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नौल ब्वारी क नौ पुवा घास.. 

इसका सही हिन्दी " चार दिन की चांदनी = कुछ दिनों की चमक दमक

Lalit Mohan Pandey

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खाली छे ब्वारी, बल्दकी पीठ कनियो
(Means बेमतलब के कम मै लगाये रखना) 

हेम पन्त

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कुछ ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें शायद मुहावरे न कहा जाये लेकिन आम बोल-चाल में इनका काफी प्रयोग होता है.

चक ज्यू कां छन? वायुमण्डल- किसी वार्ता के बीच में विषय से हट कर बात करना.

और न और, पदिया को सौर - किसी अकर्मण्य आदमी से व्यर्थ में ही बङी उम्मीद रखना.

पंकज सिंह महर

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चक ज्यू कां छन-वायुमंडल- अपने आप में खोये रहने वाले व्यक्ति भी को कहा जाता है।

जामनो भटे कामनो- पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं का कुमाऊनी मुहावरा है।

हेम पन्त

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अक्कल नै भै, तनखा बङा..

अर्थात- योग्यता कम होने के बावजूद बङे ख्वाब देखना..

कुछ ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें शायद मुहावरे न कहा जाये लेकिन आम बोल-चाल में इनका काफी प्रयोग होता है.

चक ज्यू कां छन? वायुमण्डल- किसी वार्ता के बीच में विषय से हट कर बात करना.

और न और, पदिया को सौर - किसी अकर्मण्य आदमी से व्यर्थ में ही बङी उम्मीद रखना.

हेम पन्त

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खाना हुणि कै नै, लासन में जोर.

अर्थात- अभाव छुपाते हुए बाहरी दिखावा करना

हेम पन्त

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नै पान्या लै पायो, चबा-चबै खायो

अर्थात -  कोई दुर्लभ वस्तु पा जाने पर आदमी उस वस्तु की बहुत कद्र करता है.

हेम पन्त

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पेट लागि आग! त कि चाइंछ साग?

अर्थात - भूखा आदमी खाने में मीनमेख नही निकालता. (भूखे आदमी को जैसा भी खाना मिले उसके लिये वो ही अच्छा)

हेम पन्त

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तात्तो खूं, जली मरी ज्यूँ

शब्दार्थ - गरम- गरम ही खाऊंगा, भले ही जल कर मर जाऊं...

अर्थात - किसी चीज को पाने के लिए अत्यधिक आतुरता प्रदर्शित करना..

 

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