हाथा की त्येरी, तवा की म्यरी ।
लेजान्दी दाँ हौल, देन्दी दाँ लाखड़ु ।
कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
जन मेरी गौड़ी रमाण च, तन दुधार भी होन्दी ।
स्याल, कुखड़ों सी हौल लगदु त बल्द भुखा नि मरदा क्या ?(मेंढकुं सी जु हौल लगदु त लोग बल्द किलै पाल्दा ?)
बुडीड पली ही इदगा छै, अब त वेकु नाती जु हुवेगी ।
हैंका लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
बर्तियुं पाणी क्य बरतण, तापियुं घाम क्य तापण ।
बाखुरी कु ज्यू भी नि जाऊ, बाग भी भुकु नि राऊ ।
लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
लगी घुंडा, फ़ूटी आँख ।