Author Topic: Idioms Of Uttarakhand - उत्तराखण्डी (कुमाऊँनी एवं गढ़वाली) मुहावरे  (Read 144425 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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"तीन मनखियों का उन्तीस आँखा"

यानी तीन मनुष्यों की उन्तीस आँखें
अर्थात -शुक्राचार्य की एक ,ब्रह्मा की आठ ,और रावण की बीस आँखें

Devbhoomi,Uttarakhand

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"बाँधी क नाचदू,खोली का नि नाचदू"

बंदकर तो नाचता है लेकिन खुला छोड़ने पर नहीं नाचती है
अर्थात -रेई(मथनी)       छांस छोलने के लिए जो सांदन नामक लकड़ी से बनाया जाता है
इसे गढ़वाली रौडी भी कहते हैं , लेकिन रौडी और मथनी में थोड़ा अंतर है!

Devbhoomi,Uttarakhand

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"अगड़ी बाबा का खडकी च्याला,फुरफुरिया नाती"

यानी -औघड़ बाबा के सूखे पुत्र और उड़ने वाले पोते
अर्थात -कुँलाई का पैड (चीड के पैड के सूखे पत्ते और बीज )

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जसी तेरी जियु जाग,
उस में पखौव

जैसे तुम्हारे आशीर्वचन, वैसे मैंने भेट दी

यानी

जैसे व्यौहार करंगे, वैसे फल पाएंगे 

Bindia Bhagat

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Mehta ji...kripya inka arth bhi batayein...jyadatar garhwali mein hain...to sar ke upar se gaye... :)

Devbhoomi,Uttarakhand

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बिंदिया जी नमस्ते, बिंदिया जी आपको इन मुहावरों के अर्थ जानने है , आपको कौनसी बोली के अर्थ चाहिए कुमाऊनि के या गढ़वाली के, या फिर दोनों भाषाओँ के अर्थ चाहिए

जय उत्तराखंड

Dinesh Bijalwan

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"बाँधी क नाचदू,खोली का नि नाचदू"

बंदकर तो नाचता है लेकिन खुला छोड़ने पर नहीं नाचती है
अर्थात -रेई(मथनी)       छांस छोलने के लिए जो सांदन नामक लकड़ी से बनाया जाता है
इसे गढ़वाली रौडी भी कहते हैं , लेकिन रौडी और मथनी में थोड़ा अंतर है!

  -  thanks nice riddle.

हेम पन्त

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अभाग्गि कौतिक ग्यो, कौतिके ने भ्यो..

शब्दार्थ - दुर्भाग्यशाली आदमी मेला देखने गया, मेला ही नहीं हुआ.

भावार्थ - जिसकी किस्मत खराब हो उसे कहीं सुख नहीं मिलता, उसकी खराब किस्मत का असर अन्य लोगों पर भी पड़ता है.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नाक लागुन कौय
कान काटी गौय

यानी - यानी नाक जुड़ना था, कान कट गया !

मताब - एक काम सही करने में दूसरा बिगड़ गया 

Sunil Pandey

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"बुयु लुन लगायी , कोसो खाने आई "

सुनील,,,,,,
पिथोरागढ़

 

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