जय हो मेहता जी तुमरी.....
सबसे पहले तो creative uttarakhand को बधाई कि, इस पुस्तक का प्रकाशन किया, बहुत-बहुत साधुवाद.....
कुछ मुझे भी याद आ रहा है.
"नयी-नयी गोरु के नौ पुल घास" नयी-नयी गाय को ज्यादा घास देना अर्थात : नयी चीज को ज्यादा तरजीह देना
"कुकुरे घरो ले कपास" अर्थात चीज की इज्जत न होना
........शेष याद आने पर