उत्तराखण्ड की तत्कालीन अर्थव्यवस्था और सीमित संसाधनों पर अपना गुजारा करने वाले दर्शन पर एक लोकोिक्त
नान तिन हैजला उडयार म पालि ल्यूल,
डिनाई हैजा लि मांड म फानि ल्युला
अर्थात यदि बच्चे जो हो जायेंगे तो गुफा में भी पाल लेंगेा दूध दही हो जायेगा तो बड्ा बर्तन नहीं भी होगा तो मांड अर्थात छोटे बर्तन में मथ लेंगेंा