Author Topic: Jagar: Calling Of God - जागर: देवताओं का पवित्र आह्वान  (Read 249502 times)

पंकज सिंह महर

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जागर के कुछ अंश

सात धारों की साकीकरे,
झार झराटा बूटे की छैलकरे
उल्लू की पांख करे,
कारण बल्द की गोबर करे
जो बैरी करे, सो बैरी मरे,
जो जसा जलै, तिल-तिल
जैसा गले,
जैका बाणा होला, तैकी खान,
भल करिया नरैणा भगवाना..
ऊं शरणागते नमो नमः
पांच पड़ी, छठा नरैणा,
कौरो की कोर ला
पर्वत की ह्युं गला
बासुरी नाग लोक की माता
शरणागतो नमो नमः
यसो बिंदिंया सिखी
पाताल की नागरकी मारो
आकाश की डाकरणी
भूतनी-पिशाचिनी
सकणी सैताणी मसाणी चौबाटे की धूल
चेहाणा का कोयला
चली छौ भगवाना-नरैणा।

पंकज सिंह महर

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मंदिरों में प्रायः दो धूनियां होती हैं, एक जागर की धूनी और एक देवता की धूनी।
उक्त फोटो में आपको दो धूनियां दिख रही हैं, जो पहली धूनी है, वह जागर वाली धूनी है, यहां पर ही जागर लगाई जाती है। इस धूनी तक ही हर वर्ग के लोग जा सकते हैं, इस धूनी से आगे जाना निचली जातियों के लिये वर्जित होता है। दूसरी धूनी देवता की धूनी है, वहां पर डंगरिया और स्योंकार का परिवार और सम्बन्धी ही जा सकते हैं।

पंकज सिंह महर

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Risky Pathak

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Gangnaath Jagar Ke Kuch Ansh

मै तेरी बल्ये ल्यूना अबा, ओ मेरा रेला लाडिला
त्वीले जानू होलो इजा, ये देख डोधी माजा
हे पोथी
मै तेरी बल्ये ल्यूनो गांगा, त डोधी गढ़ माजा
त्यर संग संग गंगू, त कसिक रौला

यो ९ लाख डोधी तेरी, मै कसिक रूना

ओ च्याला च्याला ओ च्याला, मेरी इजु तेरी बल्ये ल्यूना
हे पोथी, कि धाना करू छो अब माता प्योला रानी

Vidya D. Joshi

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पाठक जी .
 शायद डोधी नही डोटी ,  डोटी गढ़ हो
Gangnaath Jagar Ke Kuch Ansh

मै तेरी बल्ये ल्यूना अबा, ओ मेरा रेला लाडिला
त्वीले जानू होलो इजा, ये देख डोधी माजा
हे पोथी
मै तेरी बल्ये ल्यूनो गांगा, त डोधी गढ़ माजा
त्यर संग संग गंगू, त कसिक रौला

यो ९ लाख डोधी तेरी, मै कसिक रूना

ओ च्याला च्याला ओ च्याला, मेरी इजु तेरी बल्ये ल्यूना
हे पोथी, कि धाना करू छो अब माता प्योला रानी

हेम पन्त

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लोकदेवता गंगनाथ के जागर की एक VCD प्रसिद्ध गायक नैन नाथ रावल जी ने 4-5 साल पहले रिलीज की थी.
इसका Trailer देखिये.
 

Chandershekhar

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Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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इस महिला का एक्सन मेरे विजन मे 150 प्रतिशत गलत है ऐसा लग रहा है जैसे किसी सादी समारोह मे नाच रही हो हेमदा।
लोकदेवता गंगनाथ के जागर की एक VCD प्रसिद्ध गायक नैन नाथ रावल जी ने 4-5 साल पहले रिलीज की थी.
इसका Trailer देखिये.
 

Rakesh Pasbola

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"उत्तरांचल में कोई रोगग्रस्त हो जय तो "उचेंण" हें उपचार का उपाय"

जगर जो की जगरी लगता हे जगरी में हर देवी देवता यहाँ तक की हंत्या(भूत) सबको प्रकट करने की विद्या हे ! मगर आज नए समाज के साथ साथ हे चीजें भी विलुप्त हो रही हे! मुझे याद हे की पहले हर महीने गों में किसी ना किसी के घर जगर (नचे) होती रहती थी मगर आज ये चीजें बहुत ही कम हो गए हें !

..............
देव भूमि कि जनता को अपने आराध्य देवों पर अदम्य विश्वाश होता हें ! परिवार का कोई सदस्य यदि रोगग्रस्त हो जाय तो यहाँ डाक्टर अथवा दवा कि जगह अपने कुल देवता के नाम पर कुछ चावल, पुष्प व सिक्के गाँठ बांध कर पूजा स्थल पर इस भारोंसे रख दिए जाते हें कि रोगी ठीक हो जाय तो अपने ईस्ट देवों की बडी पूजा कि जायेगी! इस कार्य को "उचेंण" रखना कहा जाता है

पहाडों कि स्वछ आबोहवा. पाणी, व भोजन मिलने से अधिकतर मरीज रोग के बिरुद पर्तिरोधात्मक प्राकृतिक शक्ति के कारण स्वस्थ हो जाते हें किन्तु इसे "उचेंण" द्वारा भगवान् कि कृपा मान कर लोग बड़ी सार्बजनिक पूजा आयोजित करते हैं और पाणी कि तरह पैसा बहा देते हैं !
ये कितना सच्च और कितना अंधविस्वाश हें ?????

Pawan Pahari/पवन पहाडी

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देवभूमि मैं देवताओं के लिए ऐसा सोचना भी पाप है. उत्तराखंड मैं देवताओं के आशीर्वाद के बिना कुछ भी संभव नहीं है, इसलिए किसी भी काम से पहले देवताओं को पूजा जाता है. और उचैण रखी जाती है.

 

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