गढवाल क्षेत्र में प्रचलित गोरील देवता का जागर.. "गोरील" गोलूदेवता या ग्वैलज्यू का ही एक अन्य प्रचलित नाम है.
औम पृथ्वीनाथ कोपाट,
गुरु को शबद, नौ सिंह वीर को पाट
चौबटा की धूल, कांवर की विद्या को पाट
गोरिया द्लेद्र हरंत करी,
दुखों कु अन्त करी
कुटुम परिवार पर छाया करी;
चारों द्शा में मेरा वैरी भसम करी
चम्पावत में थान तेरो जागरंतो है जयान
तैं चम्पावत राज मा होलो राजा झालूराय
राजा की होलि सात राणी-बौराणी
हे सात बौराणियों की कोख मूसो नी जनमे
हे सात बौराणियों की कोख नी फली
राजा झालूराय रैगे जलम को औतो,
दातून टूटीन वैकी, बाल फूली गैन राजा का....
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Jagar of Goril / Golu Devta or Gvail jyu