Author Topic: Kumauni Holi - कुमाऊंनी होली: एक सांस्कृतिक विरासत  (Read 302036 times)

विनोद सिंह गढ़िया

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लीजिये एक और कुमाऊंनी होली आपके लिए।


विनोद सिंह गढ़िया

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तुमर लिजी एक होली। आशा छु ज़रूर भली लागली।


हेम पन्त

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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From - प्रयाग पाण्डे अलग उत्तराखंड राज्य बनने  के बाद यहाँ  अब तक बनी  सभी राज्य सरकारें और पहाड़ की सभी सियासी पार्टियों द्वारा समवेत स्वर में गाई जा रही कुमाऊँनी खड़ी  होली के चंद बोल :-
 
 तू करि  ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 मैलै  बुलाये एकीलो हो एकीलो ,
 तू  ल्याये जन चार , देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 तू करि  ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 मैलै बुलाये बागा में हो बागा में ,
 तू आये घर बार , देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 तू करि  ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 मैलै मंगायो लहंगा रे लहंगा ,
 तू लाये बेसनार  , देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 तू करि  ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।
 झन करियै एतवार , देवर हमरो भरोसो झन  करियै ।

विनोद सिंह गढ़िया

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विनोद सिंह गढ़िया

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परदेशी पिया के होली पर घर न आने से उदास विरहिणी की होली, जिसमें वह अपने पति से शिकायत कर रही है कि जहां आज होली के दिन में जहां सभी देवगण अपनी पत्नियों के साथ और सभी नाते-रिश्तेदार अपनी पत्नियों के साथ होली खेल रहें हैं, वहीं मैं अपना मन मार रही हूं, लीजिये----


विनोद सिंह गढ़िया

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विनोद सिंह गढ़िया

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उत्तराखण्ड की होली।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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प्रयाग पाण्डे

उत्तराखंड के सियासी हालातों पर पेश है - एक बहुत पुरानी कुमांऊँनी होली -

बहू चादर दाग कहाँ लागो ...?
तोसे पूछूं बात बहू चादर में दाग कहाँ लागो ?
सयोनी तेरी अजब बनी है , ओढीया खूब सुहाय ,
बहू चादर में दाग कहाँ लागो ?
कपोलिया तेरी अजब बनी है ,बिंदिया खूब सुहात ,
बहू चादर में दाग कहाँ लागो ?
अँखियाँ तेरी अजब बनी हैं , कजरा खूब सुहात ,
बहू चादर में दाग कहाँ लागो ?
नकिया तेरी अजब बनी है , बेसना खूब सुहात ,
बहू चादर में दाग कहाँ लागो ?
.......................
बहू चादर में दाग कहाँ लागो ?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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प्रयाग पाण्डे अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहाँ अब तक बनी सभी राज्य सरकारें और पहाड़ की सभी सियासी पार्टियों द्वारा समवेत स्वर में गाई जा रही कुमाऊँनी खड़ी होली के चंद बोल :-
 
 तू करि ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 मैलै बुलाये एकीलो हो एकीलो ,
 तू ल्याये जन चार , देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 तू करि ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 मैलै बुलाये बागा में हो बागा में ,
 तू आये घर बार , देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 तू करि ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 मैलै मंगायो लहंगा रे लहंगा ,
 तू लाये बेसनार , देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 तू करि ले अपनों व्याह देवर हमरो भरोसो झन करियै ।
 झन करियै एतवार , देवर हमरो भरोसो झन करियै ।

 

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