Author Topic: Kumauni Holi - कुमाऊंनी होली: एक सांस्कृतिक विरासत  (Read 313563 times)

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
ब्रज में होली मचाई-----२
बाजत ताल, मृदंग, ढप, झांझर, मजीरा और शहनाई,
अबीर गुलाल कुमकुम केसर, रही है सकल ब्रज छाई,
ब्रज में..............
मानो इन्द्र मेघ झरि लाई, ब्रज में होली मचाई,
इतसे निकलि सुघड़ राधिका, उतसे कुंवर कन्हाई,
ब्रज में.......
हिल-मिल फाग परस्पर खेलें, शोभा बरनी न जाई,
मोरी आली शोभा बरनी न जाई,
नन्द घर बजत बधाई, ब्रज में होली मचाई,
ब्रज में..............
राधा ने सैन दई सखियन को, रुण्ड झुण्ड उठियाई,
लपट-झपट गई श्याम संग को, परबस पकड़ ले आई,
ब्रज में...............
ललन जी को नाच नचाई, ब्रज में होली मचाई,
ऐसो मोरी आली, ब्रज में होली मचाई,
छीन लियो मुख मुरली पीताम्बर, सिर से चुनरी उड़ाई,
ब्रज में...............
बिनदी भाल, नैन बीच कजरा, नख बेसर पहिराई,
मोरी आली नख बेसर पहिराई,
मानो नई नार सज आई, ब्रज में होली मचाई,
ब्रज में............।


पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
वृन्दावन केसर क्यों ना बोई,
क्यों ना बोई नन्दलाल,
वृन्दावन केसर......
काहे में बोऊं केसरी लला, केसरी,
काहे में बोऊं गुलाला,
वृन्दावन केसर......
क्यारी में बोऊं केसरी लला, केसरी रे,
बाड़ी में बोऊं गुलाला,
वृन्दावन केसर......
कै हल बोऊं केसरी लला,
कै हल बोऊं गुलाला,
वृन्दावन केसर......
एक हल बोऊं केसरी लगा, केसरी रे,
सवा हल बोऊं गुलाला,
वृन्दावन केसर......
काहे में छिड़कुं केसरी लला, केसरे रे,
काहे में उड़त गुलाला,
वृन्दावन केसर......
राधे में छिड़को केसरी लला, केसरी रे,
कृष्ण में डालो गुलाला,
वृन्दावन केसर......।

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
आओ रे गोपाल श्रृंगार करुं मैं तेरा,
मोतियन मांग अबीर भरुंगी,
आओ रे गोपाल.............
माथे पर बिन्दिया नैनों में कजरा,
मोतियन मांग अबीर भरुंगी,
आओ रे गोपाल.........
अपने वस्त्र मैं तुम्हें पहनाऊं,
मैं तुमरे पहौं रे गोपाल,
आओ रे गोपाल.........
अपने गहने मैं तुम्हें पहनाऊं,
मैं तुमरे पहनूं रे गोपाल,
आओ रे गोपाल.........
तुम बन जाओ हमरी दुल्हनियां,
हम नन्द के लाल कहावै,
आओ रे गोपाल.........। /size]

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
मैं कोसूंगी कुंज बिहारी,
लला मोरि नवल चुनरिया फाड़ी,
बरज दे यशोदा अपने कान्ह पर,
तोड़त पुष्प हजारी,
मोती बिखर गई रंग महल में,
चुन रहिं सखियां सारी,
लला मोरि नवल चुनरिया फाड़ी,
मैं कोसूंगी..................
अखियां मारत नवल किशोर,
हम्से करत है यारी,
छेड़-छाड़ करत सखियों से,
वसन दियो सब फाड़ी,
लला मोरि नवल चुनरिया फाड़ी,
मैं कोसूंगी........................
हंस कर कहे राधा कान्हा से,
मत छूना मोरी साड़ी,
 नहीं तो मारुंगी पिचकारी,
लला मोरि नवल चुनरिया फाड़ी,
मैं कोसूंगी.....................।

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
राधा नन्द कुंवर समझाय रही,
समझाय रही , वो मनाय रही,
होली खेलो, फागुन रितु आय रही,
राधा नन्द............
अबीर गुलाल के थाल सजे हैं,
केसर रंग छिड़काय रही,
बेला भी फूले, चमेली भी फूले,
सरसों फूल सरसाय रही,
राधा नन्द...........
परकी होलिन में घर से न निकसों,
बय्यां पकड़ समझाय रही,
राधा नन्द...........
रंग की रंगीली, छवि की छबीली,
चरनन शीश नवाय रही,
राधा नन्द...........
चुन-चुन कलियां हार बनाऊं,
श्याम गले पहनाय रही,
राधा नन्द...........। 

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
मलत मलत नैना लाल भये,
किन डारो नयन में गुलाल,
मलत-मलत...........
मैं जो गई थी, सड़क घुमन को,
दइया मो पै लागो, मुनस्नियां को जाल,
मलत-मलत...............
मैं जो गई थी बागों घुमन को,
दइया मो पै लागो मलिनियां को जाल,
मलत-मलत...............
मैं जो गई थी पनियां भरन को,
दइया मो पै लागो घेवरिया को जाल,
मलत-मलत...............
मैं जो गई थी, घाटों घुमन को,
दइया मो पै लागो धोबनियां को जाल,
मलत-मलत...............
मैं जो गई थी, महल घुमन को,
दइया मो पै लागो सोतनियां को जाल,
मलत-मलत...............
दइया मो पै लागो राजाजी को जाल,
मलत-मलत...............
सास को पूत ननद जी को भैया,
दइया मो पै उनहीन डारो गुलाल,
मलत-मलत...............।

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
पैलागों कर जोरी, श्याम मोसे खेलो न होरी,
मैं यमुना जल भरन चली हूं,
सास ननद की चोरी,
पैलागों कर जोरी..............
सारी चुनर मोरी रंग न भिजाबो,
इतनी अरज सुनु मोरी,
जाहु घर लाल बहोरी,
पैलागों कर जोरी...........
छीन लई मोरी हाथ से गागरी,
हठ कर बइयां मरोरी,
जी धड़कत है, सांस चलत है,
क्यों रोकत राह मोरी,
अरज करुं कर जोरी,
पैलागों कर जोरी...........
अबीर गुलाल मलो न मिख पर,
ना डारो रंग गोरी,
सासु हजारन गारी देंगी,
बालम जीता न छोरी,
कहो विष खाय मरोरी,
पैलागों कर जोरी...........
फाग खेलके तू मनमोहन,
का गति कीन्ही मोरी,
सखियन बीच में लाज गंवाई,
आज करत बरजोरी,
आऊं कैसे ब्रज की खोरी,
पैलागों कर जोरी...........।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
होली कु रन्ग मा, रन्गूलू  संसार..

आवा दगडियों जौला सभी, बीच ममजार....

एक हैकु पर मरला सभी, पिचकारी कु धार...

मै भि जगा मै भी आणु, बीच ममजार....

  सभी मनौला मिलीक, आवा ये तौहार....

अपणो सी दुरकू यू, चितेलू नी भार.....

सबसी भलू प्यारु अपणू, होली कु त्यौहार...
आवा दगडियो जौला सभी बीच ममजार...

रंग-रंगीली होली, प्यारी होलीकु त्यौहार
सभियों कु जीवन मा हो, खुशियों कु बहार....
हंसी-खुसी रौला मिली, दुर समुद्र पार..
होली खिलणू अंया सभी, बीच ममजार...
 
 
क्वी दिखणु गदन वार, क्वी तकणू पार....
तुमही बुला ! ईन मा कभी, हवायी क्या भल्यार ?
तुम भी अया हो जरुर, लग्या रौला सार.....
मिली जुली कि बणौला यख, छोटु सी पहाड.....
 
होली खिलणू अंया सभी, बीच ममजार...
आवा दगडियो जौला सभी बीच ममजार...

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
Full Lyrics of famous Holi Song...

पनिया भरन मत जाओ गुजरिया, पनिया भरन मत जाओ
पनिया भरन मत जाओ गुजरिया, पनिया भरन मत जाओ

नन्द को लाल बड़ो रसिया है - नन्द को लाल बड़ो रसिया है
अपना यौवन ना लुटा- गुजरिया, पनिया भरन मत जा
पनिया भरन मत जा गुजरिया, पनिया भरन मत जाओ

नन्द को लाल बड़ो बेदर्दी - नन्द को लाल बड़ो बेदर्दी
उनसे ये गिन ना लुटा- गुजरिया, पनिया भरन मत जा
पनिया भरन मत जा गुजरिया, पनिया भरन मत जाओ

गोकुल, मथुरा और वृन्दावन- गोकुल, मथुरा और वृन्दावन
और भले कहाँ जाए- गुजरिया, पनिया भरन मत जा
पनिया भरन मत जा गुजरिया, पनिया भरन मत जाओ

राधाकान्त बड़ो रसिया है- राधाकान्त बड़ो रसिया है
अपना ईमान ना डिगाओ- गुजरिया, पनिया भरन मत जा
पनिया भरन मत जा गुजरिया, पनिया भरन मत जाओ[color]

महिलाओं की बैठक होली में नृत्य के साथ गायी जाने वाली एक मशहूर होली यह है

पनिया भरन मत जाओ, गुजरिया पनिया भरन मत जा
नन्द को लाल बड़ो रसिया है
नन्द को लाल बड़ो रसिया है
अपना यौवन ना लुटा, गुजरिया पनिया भरन मत जा
पनिया भरन मत जाओ, गुजरिया पनिया भरन मत जा


हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
राधा-कृष्ण के प्रेम पर आधारित एक भक्तिमय होली

मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

काहे के हाथ में डमरू बिराजे- काहे के हाथ में डमरू बिराजे
काहे के हाथ में लाल छड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

राधा के हाथ में डमरू बिराजे- राधा के हाथ में डमरू बिराजे
कृष्ण के हाथ में लाल छड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

काहे के सिर पर मुकुट बिराजे- काहे के सिर पर मुकुट बिराजे
काहे के सिर पर है पगड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

राधा के सिर पर मुकुट बिराजे- राधा के सिर पर मुकुट बिराजे
कृष्ण के सिर पर है पगड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

काहे के कानन कुण्डल सोहे- काहे के कानन कुण्डल सोहे
काहे के सिर मोतियन लड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

राधे के कानन कुण्डल सोहे- राधे के कानन कुण्डल सोहे
कृष्ण के सिर मोतियन लड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

काहे के हाथ में मंजिरा सोहे- काहे के हाथ में मंजिरा सोहे
काहे के हाथ में ताल खड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

राधे के हाथ में मंजिरा सोहे- राधे के हाथ में मंजिरा सोहे
कृष्ण के हाथ में ताल खड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी
मथुरा में खेले एक घड़ी- मथुरा में खेले एक घड़ी

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22