जब राम चन्द्र जी वन में सीता जी की खोज कर रहे थे और सुग्रीव ने इनको देखा तो उन्हें लगा कि यह बालि के गुप्तचर हैं तो उन्होंने हनुमान जी को भेजा और हनुमान जी विप्र रुप में राम और लक्ष्मण जी के पास गये और पूछा-
"को तुम श्यामल गौर शरीरा, क्षत्रिय रुप धरहि बन बीरा,
कठिन भूमि कोमल पद गामी, कवन हेतु विचरत तुम स्वामी"