निशाण (झण्डे) की परम्परा-
उत्तराखण्डी वैवाहिक रीति में निशाण का भी काफी महत्व है, लड़के के घर से जब बारात निकलती है तो लाल रंग का निशाण बारात के आगे चलता है, जो युद्ध के लिये उद्दत होने का प्रतीक है।
बारात के आखिरी में सफेद रंग का निशाण चलता है, जो संभवतः सीज-फायर के लिये होगा। जब बारात लड़की के घर (गेट) पर पहुंचती है तो वहां पर एक और रस्म निभाई जाती है जिसे दौर-बरात कहते हैं, जिसमें दोनों पक्षों के बीच वाद्य यंत्रों का मुकाबला भी होता है, वहां पर अमूमन वर पक्ष की ही जीत होती है। उसके बाद ही सफेद निशाण बारात के आगे चलता है।
बारात वापसी के समय सफेद रंग का निशाण बारात के आगे चलता है, जो कि सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है, इसका यह भी अर्थ हो सकता है कि आने वाली वधू अपने साथ सुख-समृद्धि, सम्पन्नता और ऎश्वर्य लेकर आये।
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