धूमधाम से मना फूलदेई पर्व
नैनीताल: शहर तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में फूलदेई पर्व परम्परागत ढंग से मनाया गया। छोटे-छोटे बच्चे थालियों में फूल सजाकर सुबह से ही आसपास के घरों की देहरी भेंटने निकल पड़े। फूलदेई-छम्मादेई, दैनी द्वार भर भखार, तू दैली सूं बारम्बार कहते हुए बच्चों ने घरों की देहरियों पर फूल चढ़ाए और बदले में लोगों ने उनकी थालियों में गुड़-चावल तथा पैसे डाले। सरोवरनगरी नैनीताल के बच्चों में कुमाऊंनी संस्कृति के त्यौहार फूलदेई को लेकर उत्साह रहा। इस दिन बच्चे खासकर लड़कियां पर्युली व सरसों के फूल लेकर घर-घर बसंत के आगमन का संदेश पहुंचाती हैं। फूलों के बदले लड़कियां उपहार में चावल, गुड़ व पैसे पाती हैं। रात्रि काल में होने वाले त्यौहार में इन चावलों को पीसकर सेई नामक व्यंजन बनाया जाता है। बसंत ऋतु के आगमन पर जब घरेलू फलों क्रमश: आडू़ू, खुमानी, पूलम व सेब आदि के वृक्षों पर रंग-बिरंगे फूल खिल उठते हैं। जंगली वृक्षों में भी फूलों की बहार रहती है।