हरु हीत की कहानी तो मैंने भी सुनी है लेकिन अब जयादा याद नही,
धुर गाँव के एक कवि ने इसको एक पुस्तक में लिख कर संजोया था, लेकिन वह पुस्तक आज नही मिलती है,
८-१० वर्ष पहले तराड नमक गाँव में एक मूर्ति निकली थी जिसे हरु हीत का माना जाता है और अब वहां भी एक खूब सूरत मन्दिर बन गया है राजा हरु हीत का ,