Author Topic: Rami Baurani - रामी बौराणी: त्याग व समर्पण की प्रतिमूर्ति पहाङ की नारी  (Read 46338 times)

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Risky Pathak

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Hem Daa + 1 Karma....

Gopal Babu Swami Jee Ne Is Katha Ko Swar Dekar Ise Jeevant Kar Dia.

Kuch Iske Bol Jo Mujhe Bahot Jyada Pasand Hai:


बाटा गोड़ाई कख तेरो गों छो|
बोल बोराणी क्या तेरो नौ छो|

घाम दोफेरी अब होई एई ग्ये
एखुली नारी तू खेतो मा रै गे
दयोरा जेठाना तेरा कख छिना
तौकी जननी कख चली गेना


रावतो की नौनी छू, रामी नौ छो
सेठो की ब्वारी छु, पाली गों छो


स्वामी जी तेरो कख गेन आज
सासू ससुरा जी क्या करदा काज


ससुरा जी मेरा बैकुंठ गयेना
सासू जी आज डेरा में रैना

स्वामी जी १२ बरस बति का
घर नि आया परदेश जैक




Is Gaane Me Lady Singer Kon Hai. Any Idea?

हुक्का बू

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धन्यवाद रे प्वोथा,
      पुरान दिन याद ऎ गईं यारऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ

हेम पन्त

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Mukesh Joshi

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फूली गया फुल, फुल्या पात,
फुलू -फुलू मा म्वारी छन रुणयाणी!
मेरा मन को भौर जी नी बौड्यो आज ,
दिन , मैना , बरस कथी हवे गया आज
मेरी मन की मन मा रै गई गाणी!
मेरी दुर्गता नी कैन जाणी l
स्वामी की याद वीं औण लैगी ;
आंख्यो अंसधारी टप-टप छुटण लैगी l
मेरा स्वामीन मै छोड्यो घर ,
निर्दया हवैगीन के लई मई पर l
स्वामी जी परदेश गैन l
मै तई एखुली  छोड़ी गैन  l
बाट पुंगडी मा रमदो जोगी खडू रैगे l
जोगी वी देखी पूछण बैठे :
बोल बोराणी क्या तेरो नौ छ ?
बोल बोराणी का तेरो गौ छ ?
बटोई जोगी क्या कदू पूछी ,
तेरी जुबान दयुलू लुछी l
तेरा स्वामी की खबर - नी सार l
बतौलू कब तै आला घार l
पैली अपणो नौ बतलो चेली ,
सब कुछ जाणदन संत ज्ञानी l
रौतू की बेटी छो रामी नौ छ ,
सेठु की ब्वारी छो पाली गौं छ l

 

Mukesh Joshi

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छोटी -सी मै सेयी छोड़ी मै ऊन,
मेरा स्वामी परदेश गैन ,मैन कैकू रुण l
वू की लगाई सिंलग डाली पर
फूल एगैनी झक झोर फांग्यो -फांग्यो पर l
मेरी यनी बिती ज्वानी , बाली उमर l
चल रामी ,बैठ डाली का छैल ,
छैलू मा छैलू बुरांसी को छैल l
किलई तू छोरी यथगा रौंदी
तरूणी ज्वानी बिरथा खौंदी l
एक बोल बोले हैकू नी बोली ,
त्वै दगडे बैठली तेरी दीदी भूली l
कै मुखन इनी छुई लांदो ?   
                               cont.

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Great work Hem bhai and Mukesh ji for providing the info.

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी

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Mukesh bhai ye rami baurani ki pure bol male or female aur ma ji ki line one by one meel sakti hai kya....

kyon ki hum log koshis kar rahe hai ki ye stage per perform kiya jay... so ek koshis karte hai... if possible 2 u plzz saare bol yaha per de do one by one.. plz

छोटी -सी मै सेयी छोड़ी मै ऊन,
मेरा स्वामी परदेश गैन ,मैन कैकू रुण l
वू की लगाई सिंलग डाली पर
फूल एगैनी झक झोर फांग्यो -फांग्यो पर l
मेरी यनी बिती ज्वानी , बाली उमर l
चल रामी ,बैठ डाली का छैल ,
छैलू मा छैलू बुरांसी को छैल l
किलई तू छोरी यथगा रौंदी
तरूणी ज्वानी बिरथा खौंदी l
एक बोल बोले हैकू नी बोली ,
त्वै दगडे बैठली तेरी दीदी भूली l
कै मुखन इनी छुई लांदो ?  
                               cont.

Dinesh Bijalwan

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रामी बौराणी  श्री बल्देव प्रसाद जी की रचना है - सतियो को सत: रामी, जसी और ध्यानमाला काव्य / इसके अलावा उन्होने सती रमा काव्य की भी रचना की थी/

हेम पन्त

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रामी बौराणी की लोककथा को आधार बनाकर लिखा गया एक लेख आप इस लिंक पर पङ सकते हैं.

http://www.swatantraawaz.com/hempant.htm

 

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