Author Topic: Upcoming Festivals - आने वाले स्थानीय त्यौहार  (Read 66435 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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कुंड की जातर को दिया जायेगा भव्य स्वरूप
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बड़कोट,: 13 फरवरी से आयोजित कुंड की जातर (गंगानी बसंतोत्सव) को भव्य रूप देने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि मेले के पारंपरिक स्वरूप को बनाये रखने में स्थानीय लोक संस्कृति को पूरा महत्व दिया जाएगा। साथ ही मेले को बहुद्देशीय बनाने के लिए विभिन्न विभागों के स्टाल एवं शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा।

वर्षो से चली आ रही यमुना घाटी की प्रसिद्ध पौराणिक कुंड की जातर को बीते नौ साल से जिला पंचायत उत्तरकाशी द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस बार इस मेले को और अधिक भव्य रूप देने के लिए जिला पंचायत ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गुरुवार को नगर पंचायत सभागार बड़कोट में आयोजित बैठक में मेले को परंपरागत स्वरूप के साथ ही बहुद्देशीय बनाने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान ने सभी के सकारात्मक सहयोग की अपील की। सीडीओ एमएस कुटियाल ने कहा कि मेले में विभिन्न विभागों के स्टालों के साथ ही बहुद्देशीय शिविर भी लगाए जाएंगे। साथ ही प्रतियोगितात्मक प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जायेगा।

वहीं, गंगानी मेला प्रांगण के संचुचित होने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद रावत ने कहा कि मेला प्रांगण में अतिक्रमणकारी काफी समय से सक्रिय हैं, लेकिन प्रशासन और जिला पंचायत ने आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की, जबकि हर साल भारी संख्या में मेलार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

बैठक में सांस्कृतिक, स्वागत, क्रीड़ा, यातायात आदि समितियों का गठन कर मेले को सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान एसडीएम परमानन्द राम, अपर मुख्यअधिकारी जिला पंचायत सोहन गैरोला, सूचनाधिकारी एचएम घिल्डियाल, भरत सिंह रावत, संजय डोभाल, जयमाला चौहान, भरत सिंह चौहान, संजय खत्री, वीरेंद्र राणा, हंसपाल बिष्ट, रणवीर रावत, संदीप डोभाल आदि उपस्थित थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7273407.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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धूमधाम से मनाई गई बसंत पंचमी का त्यौहार

 

   बागेश्वर: बसंत पंचमी का त्यौहार जनपद में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एक दूसरे के सिर पर जौं रखकर आशीर्वाद दिए गए व पीत वस्त्र धारण कर मंदिरों में पूजा अर्चना की गई।
बसंत पंचमी के अवसर पर सुबह से ही विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पीत वस्त्र व जौं चढ़ाए साथ ही एक दूसरे के सिर पर जौं रखकर उनके दीर्घायु व सुखद जीवन की कामना की गई। बसंत पंचमी के अवसर पर कई बच्चों के प्रथम बार बाल काटे गए तथा कई बच्चों का विद्या आरम्भ भी कराया गया।
   

Anil Arya / अनिल आर्य

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पूजा के बाद ज्योतिषाचार्यों ने गणना के आधार पर निकाला मुहूर्त
श्रीनंदा राजजात यात्रा 2013 में होगी
अमर उजाला ब्यूरो
कर्णप्रयाग। हिमालय के महाकुंभ यानी श्रीनंदा राजजात यात्रा 29 अगस्त 2013 से शुरू होगी। मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद इसकी घोषणा की गई। पहले यह यात्रा 2012 में शुरू होनी थी, लेकिन भादो माह में मलमास होने के कारण यात्रा की तिथि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी गई।
वसंत पंचमी के मौके पर कर्णप्रयाग के नौटी गांव स्थित श्रीनंदा देवी धाम में कांसुवा के कुंवरों द्वारा लाई गई रिंगाल की छंतोली की पूजा की गई। छंतोली को मंदिर में देवी की प्रतिमा के पास रखा गया था। पुजारी दीपक नौटियाल और एमएम मैठाणी ने प्रधान आशीष नौटियाल और पंकज नौटियाल से विशेष पूजा संपन्न कराई। ज्योतिषाचार्य अनसूया प्रसाद कोटियाल, विजयराम डिमरी, महानंद मैठाणी ने ज्योतिष गणना के आधार पर 29 अगस्त 2013 को यात्रा मुहूर्त निकाला। मां नंदाधाम मंदिर कांसुवा के राजवंशी और श्रीनंदा राजजात समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह कुंवर ने श्रीनंदा राजराजेश्वरी राजजात यात्रा की मनौती का संकल्प लिया और तिथि की घोषणा की। विधायक अनिल नौटियाल, खाद्य आपूर्ति समिति उपाध्यक्ष आरएस भंडारी, एसडीएम डॉ. एलएन मिश्र, समिति के महामंत्री भुवन नौटियाल, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश जोशी, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष विनोद कंडारी, सतीश लखेड़ा, वीपी नवानी सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
वसंत पंचमी पर हुई यात्रा की तिथियों की घोषणा
कांसुवा के कुंवरों ने की मनौती पूजा, यात्रा निकालने का लिया संकल्प
http://epaper.amarujala.com//svww_index.php
<Belated Wish>  बसंत पंचमी (जौ सन्क्रान्ति) के अबसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामना !!!
"जय माँ सरस्वती की"

Devbhoomi,Uttarakhand

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मेला समिति की बैठक 18 को
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द्वाराहाट: स्याल्दे बिखोती मेला समिति की बैठक 18 फरवरी को प्रात: साढ़े 10 बजे से नगर पंचायत सभागार में होगी। जानकारी देते हुए समिति अध्यक्ष विनोद जोशी ने बताया कि बैठक में विधायक पुष्पेश त्रिपाठी बतौर विशिष्ट अतिथि भाग लेंगे। उन्होंने सभी सदस्यों व क्षेत्रवासियों से बैठक में भाग लेने की अपील की है।

Devbhoomi,Uttarakhand

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सांस्कृतिक विकास मेले में निकाली नंदादेवी की झांकी
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सिद्धपीठ शैलेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे चार दिवसीय सांस्कृतिक विकास मेले के तीसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद चमोली ने कहा कि मेलों से जहां प्राचीन संस्कृति का आदान प्रदान होता है वहीं नौनिहालों को अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर प्राप्त होते हैं।

मेले में मंगलवार को श्रीनंदा देवी कला संगम कनोठ कलाकारों ने नंदादेवी डोली की झांकी निकाली वहीं महिला मंगल दल मालई, कफलोड़ी, ऐरोली की महिलाओं ने जलकलश यात्रा मंदिर परिसर तक पहुंची। गुरुरामराय पब्लिक स्कूल मटियाला, देवलकोट के नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तु्रत कृष्ण रासलीला मंचन को भी दर्शकों ने खूब सराहा। स्थानीय सांस्कृतिक क्लबों द्वारा भी पर्यावरण, सामाजिक कुरीतियों सहित अन्य ज्वलंत समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। इस मौके पर मेलाध्यक्ष गब्बर सिंह रावत ने सरकार से मेला आयोजन के लिए धन स्वीकृति की मांग उठायी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7386913.html

पंकज सिंह महर

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Re: Upcoming Festivals - कल फूलदेई है
« Reply #85 on: March 14, 2011, 09:51:57 AM »
कल फूलदेई है, सभी साथियों को फूलदेई की शुभकामनायें।
फूल देई-छम्मा देई,
दैंणि द्वार- भर भकार,
ये देली स बार-बार नमस्कार।
 संक्षिप्त लेख- http://www.merapahad.com/phool-dei-a-folk-festival-of-uttarakhand/

फोटो-वीडियो और बहुत कुछ
http://www.merapahadforum.com/culture-of-uttarakhand/phool-deyee-chammma-deyee/

Anil Arya / अनिल आर्य

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जै घोघा माता प्यूंल्यां फूल, दे दे माई दाल-चौं
अगस्त्यमुनि/गुप्तकाशी। हिंदू काल गणना में चैत्र मास को वर्ष का पहला महीना माना जाता है। पहाड़ में नए साल का स्वागत घर की देहरियों में फूल डालकर किया जाता है।
चैत्र मास में फैली बसंती बयार, खेतो में खिले फ्यूली के पीले फूल और वनों में खिले बुरांस के लाल फूल के साथ ही फलदार वृक्षों में खिले फूलों से यूं लगता है कि प्रकृति भी नववर्ष के स्वागत को सज गई है। बच्चे भी नव वर्ष आगमन की तैयारियों में जुट गए हैं। नववर्ष चैत्र सक्रांति के अवसर पर पहाड़ के गांवों में छोटे-छोटे बच्चें समूह बनाकर गांव के सभी घरों के दरवाजों और देवालयों में मंगलगीतों के साथ पुष्पवर्षा कर घर-गांव की वर्ष भर खुशहाली की कामना किया करते हैं।
बच्चे नववर्ष की पूर्वसंध्या पर मिलकर नववर्ष के उत्सव की योजना बनाते हैं। बच्चे ही फूल एकत्रित करते हैं और घोघा देवता की डोली की सज्जा करते हैं। यह क्रम आठ दिनों से एक पखवाड़े तक चलता है। अंतिम दिवस सहभोज का आयोजन होता है।
इस तरह से नववर्ष में बच्चे सामाजिक सहकारिता का प्रथम पाठ पढ़ते हैं। अब फूल रखने के लिए रिंगाल की टोकरियों के बजाय पॉलीथिन का प्रयोग किया जाने लगा है।
नई पीढ़ी ने बिसराया चैत संक्राति का त्योहार
कर्णप्रयाग। बसंत के आगमन की सूचना के रूप में मनाया जाना वाला त्योहार फूलसंक्राति अब गांवों के लिए भूली बात होने लगी है। बसंत के आगमन के त्योहार पर अब ना तो बच्चों में ही उत्साह दिखता है और ना ही गांवों में इस त्योहार के प्रति चहल-पहल।
चैत माह की संक्राति पर गांवों में गृहणियां बच्चों को तिल, चावल और दाल देकर आशीर्वाद देती थीं। इस मौके का बच्चों और वृद्धों दोनों को बेसब्री से इंतजार रहता था। लेकिन अब यह सब रीति रिवाज जैसे बीते दिनों की बात बनकर रही गई है। नई पीढ़ी को इन त्योहारों के बारे में जानकारी तक नहीं है। अस्सी वर्षीय बंसती देवी बताती हैं कि पहले बच्चों सहित गांवों में इस त्योहार के प्रति धूम रहती थी।
लेकिन अब देहरियों पर बिखरे फूल तो दूर गांवों में बच्चे की कम दिखाई देते हैं। वहीं पंडित बंशीधर कोठियाल कहते हैं कि फूल संक्राति बसंत की सूचना देने के साथ बच्चों द्वारा गांव-गांव घूमकर सुख-समृद्वि की कामना करना माना जाता था।
http://epaper.amarujala.com/svww_index.php

पंकज सिंह महर

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आज एकादशी भी है, होली का टीका आज ही लगेगा। द्याप्ता थान और सभी परिवार के सदस्यों को आज ही रंग लगाया जायेगा।

Devbhoomi,Uttarakhand

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होली के हुड़दंग में डूबा भाइलि परिसर

 


  कोटद्वार, जागरण कार्यालय: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की स्थानीय इकाई की सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में आयोजित 'होली का हुड़दंग' कार्यक्रम में  बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बिखेरी।
बीईएल के सामुदायिक केंद्र में 'होली का हुड़दंग' कार्यक्रम का शुभारंभ महाप्रबंधक आर.चंद्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश स्तुति 'एक दंत श्री गणेशाय: धीमहि..' से हुआ। तदुपरांत बच्चों ने 'होलिया में उड़े रे गुलाल..', 'जा रहे हट नटखट..', 'रितु बंसत एई मौल्यार..' सहित कई अन्य प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जनसमुदाय का मनोरंजन किया।



एनके शर्मा, वीके पंत, अमित नवानी, सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार, अशोक गिरी, विजय भारद्वाज, रमेश कोटनाला, चक्रधर शर्मा 'कमलेश', सुषमा जखमोला, कमल जोशी, जना‌र्द्धन बुड़ाकोटी, गुड्डू चौहान, प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे। संचालन श्रीमति माया ने किया।



हास्य कवि सम्मेलन ने बांधा समा
कोटद्वार : कार्यक्रम के दौरान हास्य कवि सम्मेलन में हुड़दंग नगीनगी (नगीना) ने 'महात्मा गंाधी, इंदिरा गांधी के डाक टिकट हमारी सरकार ने छाप डाले..', अरूण शर्मा अरूण (धामपुर) ने 'हर गंजा धनवान नहीं होता..', 'रंग प्रेम का गेरू कभी छूटे ना..', भाई शिवराज राजू (सहारनपुर) ने 'एक दिन एक नेताजी अपनी पत्‍‌नी से कर रहे थे


वार्तालाप..' के जरिए जहां श्रोताओं को गुदगुदाया, वहीं समाज व वर्तमान राजनीति पर कटाक्ष की। सुनहरी लाल तुरंत (दिल्ली) ने हास्यव्यंग रचनाओं से उपस्थित जनसमुदाय को खूब गुदगुदाया। डॉ.अर्चना वालिया ने 'कथा एक विवाह की' हास्यव्यंग कविता प्रस्तुत की। संचालन अरूण शर्मा अरूण ने किया

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होली के गीत व नृत्यों में खोई रही पौड़ी
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   पौड़ी गढ़वाल : गढ़वाल की परंपरागत होली के रंग शनिवार को पौड़ी की सड़कों पर नजर आए। ढोलक, थाली, हारमोनियम और अन्य वाद्य यंत्रों के  साथ परंपरागत वेशभूषा में होली के गीत व नृत्य सभी के आकर्षण का केंद्र रहे।


सूखे रंगों की होली की मुख्यालय की सड़कों पर धूम रही। ठेठ राठ क्षेत्र के तिरपालीसैण का होल्यारों का दल पौड़ी पहुंचा जो लक्ष्मीनारायण मंदिर से एजेंसीचौक व अपर बाजार होते हुए बस अड्डे पहुंचा। होली के गीत और नृत्य के साथ झूमते होल्यारों के साथ लोग भी जमकर झूमे। पौड़ी को इस दल का हर साल इंतजार रहता है।
   jagran news

 

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